Tulsidas ji in Hindi | तुलसीदास जी का जीवन परिचय

BIOGRAPHY

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तुलसीदास जी का जीवन परिचय – 

नाम : गोस्वामी तुलसीदास।

जन्म : सवंत 1589 राजापुर ( उत्तर प्रदेश )।

पिता : आत्माराम।

माता : हुलसी।

पत्नी : रत्नावली ।

दरअसल महान कवि तुलसीदास जी की प्रतिभा-किरणों से न केवल हिन्दू समाज एवं भारत, अपितु संपूर्ण संसार में आलोकित हो रहा है । बड़ा अफसोस है कि उसी कवि का जन्म-काल विवादों के अंधकार में पड़ा हुआ है। अब तक प्राप्त शोध-निष्कर्ष भी हमें निश्चितता प्रदान करने में असमर्थ दिखाई देते हैं। मूलगोसाईं-चरित के तथ्यों के आधार पर डा. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल एवं श्यामसुंदर दास और किसी जनश्रुति के आधार पर “मानसमयंक’ – कार भी १५५४ का ही समर्थन अवश्य किया करते हैं।

तुलसीदास का जन्म: 

बता दें कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जे के जन्म के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद हैं, कुछ लोगों ने इनका जन्म स्थान सूकर क्षेत्र (गोंडा जिले) में बताया है, परन्तु प्रचलित रुप से महाकवि तुलसीदास जी का जन्म ‘संवत 1554’ (1532 ई०) की श्रावण शुक्ल पक्ष सप्तमी को चित्रकूट जिले के ‘राजापुर ग्राम’ में माना जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि गोस्वामी तुलसीदास जी सरयूपारी ब्राम्हण थे। गोस्वामी तुलसीदास जी के पिता का नाम ‘आत्माराम दुबे’ एवं इनकी माता का नाम हुलसी देवी था।  तुलसीदास के जन्म के सम्बन्ध में निम्नलिखित दोहा प्रसिद्ध है। तुलसीदास की जीवनी दोहे में याद करने केसरल तरीका यह है:-

पन्द्रह सौ चौवन विसे कालिन्दी के तीर |

श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी धरयो शरीर ||

तुलसी के आराध्य राम: 

आपको यह भी बता दूँ कि जन्म के समय बालक तुलसी के मुंह में पूरे 32 दांत थे, अतः अशुभ मानकर माता पिता के द्वारा त्याग दिये जाने के कारण इनका पालन-पोषण एक चुनियाँ नाम की दासी ने किया था और संत नरहरिदास ने काशी में ज्ञान और भक्ति की शिक्षा दी थी। जन्म के समय बालक तुलसी के मुख से ‘राम’  शब्द निकला था इसलिए लोग इन्हें ‘रामबोला’ कहने लगे, दरअसल वे ब्राह्मण कुलोत्पन्न थे।

तुलसीदास का विवाह:  

तुलसीदास जी का विवाह दीनबंधु पाठक की कन्या रत्नावली से हुआ था। तुलसीदास पत्नी के प्यार में ही बहुत लिप्त रहा करते थे। एक बार पत्नी मायके चले जाने पर पत्नी रत्नावली के प्यार में पागल तुलसीदास अर्ध रात्रि में आंधी-तूफान की परवाह न करते हुए अपनी ससुराल में जा पहुंचे थे।

धर्म एवं सम्प्रदाय: 

कहा जाता है कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी साधारणतः गोस्वामी तुलसीदास के नाम से भी अवश्य जाने जाते हैं। वे एक हिन्दू कवि-संत, संशोधक एवं जगद्गुरु रामानंदाचार्य के कुल के रामानंदी सम्प्रदाय के दर्शनशास्त्री तथा प्रभु श्री राम के प्रिय भक्त थे।

महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी रचनाएँ – 

महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी रचनाएँ निम्न प्रकार से हैं – 

1.रामचरितमानस                 

2.कवितावली

3.दोहावली                            

4.विनय पत्रिका

5.रामलला नहछू                   

6.जानकी-मंगल

7.रामज्ञा                               

8. वैराग्य-संदीपनी

9.पार्वती-मंगल                    

10. कृष्ण-गीतावली

11.बरवै रामायण                  

12.गीतावली

महाकाव्य रामचरितमानस की रचना: 

बता दें कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने सन 1631 में चैत्र मास के रामनवमी पर अयोध्या में रामचरितमानस को लिखना आरंभ किया था। रामचरितमानस की रचना महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने 2 साल, 7 महीने, एवं 26 दिन का समय लेकर मार्गशीर्ष महीने में पंचमी तिथि को राम-सीता के विवाह पर्व पर अयोध्या में सम्पूर्ण किया था। रामचरितमानस की रचना के बाद महाकवि गोस्वामी तुलसीदास वाराणसी आये एवं काशी के विश्वनाथ मंदिर में प्रभु शिव जी एवं माता पार्वती को रामचरितमानस भी अवश्य सुनाया था।

तुलसीदास जी की मृत्यु: 

ऐसा कहा जाता है कि महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने संवत्‌ 1680 (1623 ई) में श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन ‘राम-राम’ का जप करते हुए काशी में अपने शरीर का त्याग कर दिया।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि आपको हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेवसाईट से जुड़े रहें. धन्यवाद.