Parvati Chalisa Benefits

Parvati Chalisa Benefits | पार्वती चालीसा के फायदे

CHALISA

प्रस्तुत है Parvati Chalisa Benefits. पढ़ें और अपने विश्वास को और भी पक्का करें पार्वती चालीसा के फायदे अनेकों हैं जिनमें से थ जो आपको मिलेंगे हमारी वेबसाइट hellozindgi.com पे।

Parvati Chalisa Benefits

प्रस्तुत है Parvati Chalisa Benefits. पढ़ें और अपने विश्वास को और भी पक्का करें पार्वती चालीसा के फायदे अनेकों हैं जिनमें से प्रमुख फायदों को हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. आपको मिलेंगे हमारी वेबसाइट hellozindgi.com पे ऐसी ही अन्य जानकारियाँ मिलती रहेंगीं ।

वाधिदेव भगवान शंकर की अर्धांगिनी शिवप्रिया पार्वती तीनों लोकों की सौभाग्यरूपा हैं। दक्ष प्रजापति ने सौभाग्यरस का पान किया था; उसके अंश से एक कन्या का जन्म हुआ। सभी लोकों में उस कन्या का सौन्दर्य अत्यधिक था, इसी से इनका नाम ‘सती’ हुआ। रूप में अतिशय माधुर्य और लालित्य होने के कारण ये ‘ललिता’, पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने से ‘पार्वती’ व अत्यन्त गौरवर्ण होने से ‘गौरी’ कहलाईं। त्रैलोक्यसुन्दरी इस कन्या का विवाह भगवान शंकर के साथ हुआ।

श्रावणमास में केवल भगवान शिव की पूजा ही नहीं वरन् शिव की अर्द्धांगिनी माता पार्वती की पूजा भी परम फलदायक होती है।  शिववामांगी पार्वती सभी स्त्रियों की स्वामिनी हैं।

  • विभिन्न सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिए माता पार्वती चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी होता है
  • एक अन्य मान्यता के अनुसार शीघ्र विवाह के लिए भी  पार्वती चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है
  • ऐसा भी कहा जाता है कि यदि दाम्पत्य  जीवन में कोई दिक्कत है तो दाम्पत्य जीवन  को सुखी बनाने के लिए माता पार्वती चालीसा  का निरंतर पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि  अमंगलों के नाश के लिए शिवप्रिया की ही शरण ग्रहण ली जाती है  क्योंकि माता पार्वती जैसी पतिभक्ति की कोई समता नहीं है।.
  • दाम्पत्यप्रेम का स्रोत भगवान शिव और पार्वती में ही निहित है।
  • सीताजी व रुक्मिणीजी ने भी मनचाहा पति प्राप्त करने के लिए गौरीपूजा की थी।
  • कहा जाता है कि देवी पार्वती की पूजा करने से गर्भपात को रोकने में मदद मिलती है। उन्हें प्रजनन क्षमता, वैवाहिक सुख और जीवनसाथी के प्रति समर्पण, तप और शक्ति के लिए भी पूजा जाता है।
  • अविवाहित युवतियां देवी पार्वती से एक उपयुक्त वर की प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं।