Sutak Meaning in Hindi Sutak Niyam Sutak After Death Puja Patak Meaning

Sutak | सूतक किसे कहते हैं | Niyam| Puja| Sutak After Death

Dharma Karma

सूतक का सम्बन्ध जन्म के कारण हुई अशुद्धि से होता है । जो जन्म के समयपर नाल काटी जाती है एवं जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष या पाप के प्रायश्चित स्वरुपको सूतक कहा जाता है । पातक का सम्बन्ध मरण के निम्मित से हुई अशुद्धि से होता है ।

सूतक किसे कहते हैं

व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद गोत्रज एवं परिजनों को विशिष्ट कालावधि तक अशुचित्व तथा अशुद्धि प्राप्त होता है, उसे सूतक कहते हैं।

पातक किसे कहते हैं

मरण के अवसर पर दाह-संस्कार में इत्यादि में जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष या पाप के प्रायश्चित स्वरुप को ‘पातक’ माना जाता है ।  

Sutak Kitne Din Ka Hota Hai

जन्म के पश्चात नवजात पीढ़ियों को हुई अशुचिता 3 पीढ़ी तक 10 दिन, 4 पीढ़ी तक 10 दिन, 5 पीढ़ी तक 6 दिन गिनी जाती है। जबकि एक रसोई में भोजन करने वालों के पीढ़ी नहीं गिनी जाती है, यहा पूरे 10 दिन तक का सूतक होता है।

सूतक के नियम 

 सूतक एवं पातक में अन्य व्यक्तियों को स्पर्श कभी न करें।

धर्म कृत्य, मांगलिक व समाजिक कार्य न करें

कोई भी धर्म कृत्य अथवा मांगलिक कार्य को बिल्कुल भी न करें एवं सामाजिक कार्य में भी सहभागी बिल्कुल न हों।

भोजन ना करें

ऐसा जाना जाता है कि अन्यों की पंगत में कभी भी भोजन को ग्रहण न करें। किसी के घर न जाएं तथा न ही किसी भी प्रकार का कोई भ्रमण करें।

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सूतक में विवाह

सूतक काल में विवाह का होना वर्जित माना जाता है यदि कोई भी व्यक्ति सूतक काल में विवाह कर लेता है तो उसे बहुत-सी‌ विपदाओं का सामना करना पड़ सकता है तथा उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने लगता है।

Kya Sutak Me Puja Karna Chahiye

ज्योतिशास्त्रों का मानना है कि सूतक काल में किसी भी भगवान की पूजा-अर्चन बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।

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Sutak After Death

व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद गोत्रज एवं परिजनों को विशिष्ट कालावधि तक अशुचित्व प्राप्त होता है।मृत व्यक्ति के परिजनों को दस दिन तथा अंत्यक्रिया करने वाले को बारह दिन (सपिंडीकरण तक) सूतक पालन अवश्य करना होता है । तथा सात पीढियों पश्चात तीन दिन का सूतक होता है ।

मृत्यु सूतक में क्या नहीं करना चाहिए

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 सूतक-पातक की अवधि में “देव-शास्त्र-गुरु” का पूजन, प्रक्षाल, आहार आदि धार्मिक क्रियाएं भी वर्जित मानी जाती हैं । इन दिनों में मंदिर के उपकरणों को स्पर्श करने का भी निषेध माना गया है । यहां तक की दान पेटी या गुल्लक में रुपया डालने का भी बहुत बड़ा निषेध बताया है

सूतक में व्रत करना चाहिए या नहीं

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सूतक में कभी भी व्रत नहीं रखना चाहिए।

Sutak Me Kya Nahi Karna Chahiye

जिसके घर में अपघात होता है, वह भोजन अथवा जल को ग्रहण बिल्कुल भी नहीं करता है तथा वह मंदिर भी बिल्कुल नहीं जाता हैं।

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