स्वास्थ्य की विभिन्न समस्याओं से बचने के लिए अलसी एक रामबाण उपाय है | आज हम अलसी के फायदे हिंदी में discuss करेंगे| इस पेज में हम अलसी के फायदों के साथ साथ अलसी के बीज के फायदोंके बारे में भी बताएंगे|
ALSI KE FAYDE
Alsi khane ke fayde
अलसी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बढ़िया है। इसमें ओमे-3 एसिड पाया जाता है, जो कि दिल के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। एक चम्मच अलसी में 1.8 ग्राम ओमेगा-3 पाया जाता है। इसके प्रयोग से जुड़ें लाभ और हानि के बारे में हम आगे की स्लाइड में आपको विस्तार से जानकारी देंगे। इसके सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर से बचा जा सकता है।
इसमें पाया जाने वाला लिगनन के प्रति संवेदनशील होता है। अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा-3 जलन को कम करता है और हृदय गति को सामान्य रखता है। ओमेगा-3 युक्त भोजन से धमनियां सख्त नहीं होती है। बल्कि मुलायम व सरल होती है साथ ही यह व्हाइट ब्लड सेल्स को ब्लड धमनियों की आंतरिक परत पर चिपका देता है। अलसी का सेवन मधुमेह के स्तर को नियंत्रित रखता है। इसके विषय में यह भी कहा जाता है कि अलसी में मौजूद लिगनन को लेने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
1. अलसी में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर कर, खून के जमने या थक्का बनने से रोकता है, जो हार्ट-अटैक का कारण बनता है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।
2. यह शरीर के अतिरिक्त वसा को भी कम करती है, जिससे आपका वजन कम होने में सहायता मिलती है।
3. अलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स, बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है, जिससे त्वचा पर झुर्रियां नहीं होती और कसाव बना रहता है। इससे त्वचा बढ़िया रहती है।
4. अलसी में अल्फा लाइनोइक एसिड पाया जाता है, जो ऑथ्राईटिस, अस्थमा, डाइबिटीज और कैंसर से लड़ने में लाभकारी होता है। खास तौर से कोलोन कैंसर से लड़ने में यह सहायक होता है।
5. सीमित मात्रा में अलसी का सेवन, खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे शरीर के आंतरिक भाग स्वस्थ रहते हैं, और बेहतर कार्य करते हैं।
6. इसमें उपस्थित लाइगन नामक तत्व, आंतों में सक्रिय होकर, ऐसे तत्व का निर्माण करता है, जो फीमेल हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7. अलसी के तेल की मालिश से शरीर के अंग स्वस्थ होते हैं, और बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। इस तेल की मसाज से चेहरे की त्वचा कांतिमय हो जाती है।
8. शाकाहारी लोगों के लिए अलसी, ओमेगा-3 का बेहतर विकल्प है, क्योंकि अब तक मछली को ओमेगा-3 का अच्छा स्त्रोत माना जाता था,जिसका सेवन नॉन-वेजिटेरियन लोग ही कर पाते हैं।
9. प्रतिदिन सुबह शाम एक चम्मच अलसी का सेवन आपको पूरी तरह से स्वस्थ रखने में सहायक होता है, इसे पीसकर पानी के साथ भी लिया जा सकता है । अलसी को नियमित दिनचर्या में शामिल कर आप कई तरह की बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं, साथ ही आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
Alsi Ke Beej Ke Fayde In Hindi
अलसी के बीजों का मिक्सी में तैयार किया गया दरदरा चूर्ण 15 ग्राम, मुलेठी पांच ग्राम, मिश्री 20 ग्राम, आधे नींबू के रस को उबलते हुए 300 ग्राम पानी में डालकर बर्तन को ढक देंना चाहिए। इस रस को तीन घंटे बाद छानकर पिएं। इससे गले व श्वास नली में जमा कफ पिघल कर बाहर निकल जाएगा।
अलसी या कोई भी फ्लैक्सीड्स अधिक मात्रा में खाना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसी तरह अलसी में मौजूद लैक्सेटिव दस्त, सीने में जलन और बदहजमी जैसी पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप प्रतिदिन 30 ग्राम अलसी से ज्यादा सेवन न करें।
अलसी में फाइबर ज्यादा मात्रा में पाये जाने के कारण कई बार यह पेट में गैस या ऐंठन जैसी समस्या होने का भी कारण बन जाती है। कई बार इसे बिना तरल पदार्थ के लेने से कब्ज की भी समस्या होने लगती है।
अगर आपको खूनी दस्त हो तो आप अलसी के बीज को गरम पानी में उबालकर उसमें एक तिहाई मुलैठी मिलाकर काढ़ा बना लें और इसका सेवन करें। इससे सिर्फ आपके खूनी दस्त ही नहीं बल्कि मूत्र सम्बन्धी रोगों में भी सहायता मिलती है।
जुकाम से परेशान हैं, तो तीसी को अपना सकते हैं। महीन पिसी अलसी को साफ कर धीमी आंच से तवे पर भून लें। जब यह अच्छी तरह भून जाय, और गंध आने लगे, तब पीस लें। और इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। इसके खाने का तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ, सुबह और शाम लें । इससे जुकाम को आराम मिलता है।
अलसी के बीज खाने के फायदे खांसी और दमा रोग में भी आराम देते हैं। इनके बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी, और अस्थमा में फायदा होता है। ठंड के दिनों में मधु, तथा गर्मी में मिश्री मिलाकर खाना चाहिए।
इसी तरह 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को, 250 मिली उबले हुए पानी में डालें। और इसे 1 घण्टे तक छोड़ दें। इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर लें। इससे सूखी खांसी तथा अस्थमा में असरदार होता है।
इसके अलावा, 5 ग्राम अलसी के बीजों को 50 मिली पानी में भिगोकर रखें। 12 घंटे बाद छानकर पानी को पी लें। सुबह भिगोआ हुआ पानी शाम को, और शाम को भिगोया हुआ पानी सुबह को पिएं। इस पानी के सेवन से खांसी, और दमा में फायदा होता है। इस दौरान ऐसा कुछ नहीं खाना, या पीना चाहिए, जो बीमारी को बढ़ाने वाला हो।
आप खांसी, या दमा के इलाज के लिए 5 ग्राम अलसी के बीजों को कूटकर छान लें। इसे जल में उबाल लें। इसमें 20 ग्राम मिश्री मिला लें। यदि ठंड का मौसम हो तो मिश्री के स्थान पर शहद मिलाएं। इसे सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है।
आप खांसी, और दमा के उपचार के लिए यह तरीका भी आजमा सकते हैं। 3 ग्राम अलसी के बीजों को मोटा कूट लें। इसे 250 मिली उबलते हुए पानी में भिगो दें। इसे एक घंटा ढक कर रख दें। इसे छानकर, थोड़ी चीनी मिला लें। इसका सेवन करने से भी सूखी खांसी, और दमा की बीमारी ठीक हो जाती है। इसके अलावा, अलसी के बीजों को भूनकर शहद, या मिश्री के साथ चाटें। इससे खांसी, और दमा का इलाज होता है।
अलसी के औषधीय गुण से खांसी को ठीक किया जा सकता है। आप तीसी के भूने बीज से 2-3 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें मधु, या मिश्री मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।