Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

Hindi Stories with Moral

अकबर और बीरबल की पहली मुलाक़ात

एक तेज़ गर्मी के दिन, अकबर ने अपने साथियों के साथ शिकार पर जाने का फैसला किया, लेकिन वे जंगल में किसी भी जंगली जानवर का पता लगाने में असमर्थ थे. वे सब थके हुए और प्यासे थे इसलिए अकबर ने पानी की तलाश में निकटतम गांव जाने का फैसला किया. गाँव के रास्ते में, उन्हें एक छोटा लड़का मिला, जिसका नाम महेश दास था, जो लकड़ियों का ढेर ले जा रहा था.

अकबर ने उससे पूछा कि क्या पास में कोई झील है तो उस लड़के ने कहा, ‘हाँ है’. और लड़का खुशी-खुशी उन्हें झील पर ले जाने के लिए तैयार हो गया. लड़के को पता नहीं था कि अकबर कौन है, इसलिए जब अकबर ने छोटे लड़के से पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है तो उसने उससे बहुत जिरह की. अकबर और उसके साथी झील पर पहुंचे और अपनी प्यास बुझाई. अकबर ने उस लड़के को एक अंगूठी दी, बड़े होने पर उससे मिलने के लिए कहा और चला गया. अँगूठी को देखकर लड़के ने महसूस किया कि अकबर कौन है और अपनी टुकड़ी के पीछे भागने लगा लेकिन वे बहुत दूर जा चुके थे.

1. 1 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

वर्षों बाद, जब महेश दास बड़ा हो गया, तो उन्होंने अकबर के दरबार में जाने का फैसला किया. एक लंबी यात्रा के बाद, वह दरबार में पहुंचा और अकबर को एक अदालत की बैठक के बीच में देखा तो उसने एक कोने में खड़े होने का फैसला किया. अकबर ने अपने साथी कुलीनों से पूछा “पृथ्वी पर सबसे सुंदर फूल कौन सा है?” किसी ने उत्तर दिया गुलाब, किसी ने कमल, किसी ने चमेली लेकिन महेश दास ने उत्तर दिया कपास का फूल. उसके जवाब पर पूरा दरबार हंसने लगा और उसने बताया कि कपास के फूल रंगहीन होते हैं और उनमें कभी गंध नहीं होती है.

Also Read:

Sai Chalisa in hindi – Lyrics

महेश दास ने फिर समझाया कि कपास के फूल कितने महत्त्वपूर्ण होते हैं. इस फूल से उगाई जाने वाली कपास का उपयोग लोगों के लिए गर्मियों के साथ-साथ सर्दियों में भी कपड़े बनाने के लिए किया जाता है. अकबर उसके मजाकिया जवाब से बहुत प्रभावित हुआ और उसने उसका नाम पूछा. महेश दास ने तब अपना परिचय दिया और उस समय का उल्लेख किया जब वह राजा अकबर से मिला था. अकबर ने तब खुशी-खुशी उसे अपने दरबार में एक रईस के रूप में नियुक्त किया. यही कारण है कि महेश दास को बीरबल के नाम से पुकाराने लगा.

शिक्षाइस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भी सोच – समझकर जबाब देना चाहिए.

बादशाह का तोता

एक बार एक धार्मिक व्यक्ति रहता था जिसने तोतों को प्रशिक्षित करने की कला सीखी थी. वह तोतों को अपने आकर्षण से पकड़ लेता था, उन्हें शिष्टाचार सिखाता था, और फिर उन्हें ऊँचे दाम पर रईसों को बेच देता था. इसलिए एक दिन वह आदमी अकबर के दरबार में आया और उसे एक तोता भेंट किया.

2 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

अकबर ने एक नौकर को तोते की बहुत सावधानी से देखभाल करने का आदेश दिया और उसे कभी भी तोते के साथ किसी भी बुरी घटना की खबर नहीं दी. लेकिन माहौल बदलने के कारण तोता बीमार पड़ गया और उसकी मौत हो गई. बेचारा नौकर बहुत डर गया और उसने सोचा कि अकबर अब उसे मार डालेगा क्योंकि तोता बादशाह के बहुत करीब था.

वह तुरंत मदद के लिए बीरबल के पास गया. बीरबल ने तब अकबर को सूचित किया कि उसका तोता संत बन गया है- जो सिर्फ देखता है, न खाता है और न चलता है. जब उसे यह सब पता चला तो अकबर तुरंत तोते के पास गया और उसने देखा कि यह तो मर चुका है. वह अंत में बीरबल की चतुराई और अपनी गलती को समझ गया.

शिक्षाइससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा डर के नही हिम्मत से काम लेना चाहिए.

यहाँ आपको मनोरंजक story akbar birbal हिंदी में प्रस्तुत की जा रही हैं. अगर आपको stories of akbar birbal में मज़ा आता है तो hellozindgi के साथ बने रहिये

Also Read:

Ek Shloki Ramayan Lyrics | Hindi | English | Benefits

बीरबल की खिचड़ी

3 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

एक बार कड़ाके की ठंड के दिन अकबर और बीरबल झील के किनारे टहल रहे थे. कौतूहलवश अकबर रुक गया और उसने अपनी उंगली ठंडे पानी में डाल दी और तुरंत यह कहते हुए बाहर निकाल लिया, “मुझे नहीं लगता कि इस ठंडे पानी में कोई रात गुजार सकता है”. बीरबल ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और कहा कि वह कोई ऐसा व्यक्ति ढूंढेगा जो इसे कर सके.

अकबर ने झील के ठंडे पानी में खड़े होकर रात बिताने वाले को 1000 सोने के सिक्के देने का वादा किया था. जल्द ही, बीरबल को एक गरीब आदमी मिला, जो पूरी रात ठंडे पानी में खड़ा रहा.

सुबह में, जब गरीब आदमी को इनाम के लिए अदालत में ले जाया गया, तो अकबर ने उससे पूछा कि उसे पूरी रात ठंडे पानी में खड़ा करने में क्या सक्षम बनाया और उस आदमी ने जवाब दिया, “हे भगवान, मैं एक दीपक को देख रहा था. जो पूरी रात जल रहा था.

मैं पूरी रात उस दीपक को देखता रहा और उस ठंडे पानी में खड़ा रहा. यह जानने पर, सम्राट ने इनाम देने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि यह दीपक की गर्मी थी जिसने उस व्यक्ति की सहायता की.

बीरवल ने अकबर को दिलाशा देकर उस गरीब आदमी को 1000 सोने के सिक्के दान में दे दिए.

Also Read:

Solah Somvar Vrat Katha in Hindi (सोलह सोमवार व्रत नियम, व्रत विधि)- Benefits & Lyrics

शिक्षा इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमे कभी भी किसी भी काम से पीछे नही हटना चाहिए.

नया मंत्री

यह तो सभी जानते हैं कि अकबर बीरबल से कितना प्रेम करता था और उसे अपने प्रिय मित्रों में से एक मानता था. लेकिन एक दिन अकबर उससे निराश हो गया, और बीरबल अकबर की मनोदशा को समझ नहीं पा रहा था, उस पर चुटकुले सुनाता रहा. अचानक अकबर गुस्से में फूट पड़ा और बीरबल से कहा कि वह अपना महल छोड़ दे और कभी वापस न लौटे. बीरबल यह सोचकर शांति से सोचते हुए चले गए कि एक बार अकबर का गुस्सा शांत हो जाएगा, तब वो हमें वापस दरबार में अवश्य बुलाएंगे.

दिन बीतते गए लेकिन अकबर के यहाँ से कोई उसे लेने नहीं आया. अकबर ने बीरबल की जगह एक नए मंत्री को लाने की कोशिश की लेकिन कोई भी मजाकिया बीरबल के मानकों को पूरा नहीं कर सका. अत: अकबर ने यह प्रचार प्रसार करने का निश्चय किया कि जो कोई भी उसके प्रश्नों का उचित उत्तर देगा, उसके दरबार में अगला मंत्री नियुक्त किया जाएगा.

4 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

बैठक के दिन, अकबर के अन्य मंत्रियों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया, “समुद्र तल में कितने गोले हैं?” कुछ आकांक्षी लाखों उत्तर देने लगे, कुछ करोड़ लेकिन चंदन नाम के एक व्यक्ति ने उत्तर दिया: “दुनिया में कुल मानव आंखों की गिनती , समुद्र तल में गोले की संख्या के बराबर है.” चंदन ने अन्य सभी प्रश्नों का उत्तर चतुराई से दिया और अकबर सहित दरबार में सभी को प्रभावित कर देने में सक्षम था.

बीरबल जैसे बुद्धिमान व्यक्ति से मिलकर अकबर बहुत खुश हुआ और उसने उसे अगला मंत्री बनाने का फैसला किया. लेकिन चंदन ने यह कहते हुए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि वह महान बीरबल के मानकों को पूरा नहीं कर सकता है.

Also Read:

मांस खाना सही या गलत | पाप- पुण्य | क्या कहता है गरुण पुराण

अकबर ने बीरबल को तुरंत बुलाने के लिए कहा और यह सुनकर चंदन ने धीरे से अपनी पगड़ी और नकली दाढ़ी हटा दी. हैरानी की बात यह है कि बीरबल एक अन्य व्यक्ति के वेश में अकबर से मिलने आया था. अकबर उसे फिर से देखकर बहुत खुश हुआ और उसने बीरबल को वापस उसके पुराने पद पर नियुक्त कर दिया.

शिक्षा इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी के पद को नही छीनना चाहिए.

वैसे akbar and birbal story hindi में पढना किसे अच्छा नहीं लगता . और अगर आपको akbar birbal stories in hindi with moral मिल जायें तो ये आपके साथ साथ आपके बच्चों के लिए भी काफी कारगर सिद्ध हो सकती हैं. तो पढ़ें और आनंद उठाएं.

बादशाह का मूल्य

एक दिन अकबर के दरबार में एक मंत्री ने बड़ा अजीब विषय उठाया. उसे बाजार में एक व्यक्ति मिला, जो एक धनी व्यक्ति के घर में नौकर का काम करता था, लेकिन उसके स्वामी ने उसे जाने के लिए कहा क्योंकि वह अपने नौकर को मूर्ख मानता था. नौकर राजतंत्र को चला गया, लेकिन जाने से पहले, उसने अपने मालिक से कहा कि मालिक मैं नहीं जानता कि किसी व्यक्ति को कैसे महत्व दिया जाए. यह सुनते ही कोर्ट में मौजूद सभी लोग काफी असमंजस में पड़ गए.

5 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

वे सभी सोचते थे कि किसी व्यक्ति के मूल्य को कैसे मापा जा सकता है. इसलिए सभी ने अकबर से इस भ्रम का समाधान खोजने का अनुरोध किया. अगली बैठक में, अकबर ने अपना एक उदाहरण लेने का फैसला किया और सभी से पूछा कि वे अकबर के मूल्य के बारे में क्या सोचते हैं.

हमेशा की तरह बीरबल के पास एक समाधान था और इस प्रकार अकबर ने अपने राज्य के सभी जौहरी और साहूकारों को बुलाने का आदेश दिया. अकबर ने उनसे वही प्रश्न पूछा और उन्हें अपने स्वयं के मूल्य का ठीक से मूल्यांकन करने के लिए 15 दिनों का समय दिया. उसने बीरबल को 15 दिनों के लिए उनके साथ चलने को भी कहा. निर्धारित समय के बाद सभी पुन: कोर्ट में आ गए. जौहरियों के मुखिया ने तराजू मंगवाई और अकबर को एक तरफ बैठने को कहा और दूसरी तरफ सोने के सिक्के रखने लगे.

अचानक भीड़ में से एक जौहरी चिल्लाने लगा, “समझ गया , समझ गया!” जिससे अकबर बहुत नाराज हुआ. उसने गुस्से से जवाब दिया, “क्या मेरी कीमत सिर्फ एक सोने के सिक्के के बराबर है?” तब जौहरी ने समझाया कि सोने का सिक्का कोई साधारण नहीं है. जैसे अकबर बादशाह होता है, वैसे ही सोने का सिक्का सबसे खास और सबसे बड़ा होता है. इससे अकबर इतना खुश हुआ कि उसने जौहरियों को मोटी ईनाम से विदा किया.

शिक्षा इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी किसी व्यक्ति के मूल्यों से नही मापना चाहिए.

राज्य के कौवे

एक दिन अकबर और बीरबल शाही बगीचों में टहल रहे थे, तभी अकबर को पेड़ पर कौवे का एक समूह दिखाई दिया.

अकबर ने कहा “आश्चर्य है कि राज्य में कितने कौवे हैं, बीरबल?”

तब बीरवल ने कहा “कि हमारे राज्य में नब्बे हजार, चार सौ साठ-तीन कौवे हैं, श्रीमान.”

6 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

अकबर आश्चर्य से बीरबल की ओर देखता है. “आप यह कैसे जानते हो?”

“मुझे पूरा यकीन है कि आपकी महिमा. आप कौवे की गिनती करवा सकते हैं, ”बीरबल आत्मविश्वास से कहते हैं.

“क्या होगा अगर कम कौवे हैं?” अकबर ने संदेह से पूछा.

“जहाँपनाह, इसका मतलब है कि कौवे पड़ोसी राज्यों में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं.”

तब अकबर ने कहा “लेकिन बीरबल क्या होगा अगर आपके द्वारा कही गई संख्या से ज्यादा कौवे हैं?”

बीरवल कहता है “ठीक है, उस मामले में, अन्य राज्यों से कौवे हमारे राज्य में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए हैं.”

बीरबल का जवाब अकबर को मुस्कुरा कर छोड़ देता है.

अगर ध्यान से देखा जाये तो akbar birbal ki kahani ऐसी कहानियाँ होती हैं जो मजेदार होने के साथ साथ दिमागी कसरतों के लिए भी जानी जाती हैं . तो हमारे साथ पढ़िए hindi story of akbar birbal और खो जाईये अकबर और बीरबल की मजेदार दुनिया में

Also Read:

Somvar Vrat Katha in Hindi – Benefits & Lyrics

केवल एक प्रश्न

दूर देश का एक विद्वान एक बार अकबर के दरबार में आता है. उसने घोषणा की कि वह एक चतुर है और कोई भी उसके सवालों का जवाब नहीं दे सकता है. विद्वान बीरबल को उसके प्रश्न का उत्तर देने और साबित करने के लिए चुनौती देता है कि वह सबसे चतुर है.

7 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

“क्या आप सौ आसान प्रश्नों का उत्तर देना पसंद करेंगे या केवल एक कठिन प्रश्न?” विद्वान ने आडंबरपूर्ण स्वर में कहा.

अकबर समझ सकता था कि विद्वान बीरबल को नीचा दिखाना चाहता है.

लेकिन बीरबल आत्मविश्वास से जवाब देते हैं, “मुझसे सिर्फ एक मुश्किल सवाल पूछो.”

“ठीक है. मुझे बताओ कि पहले क्या आया, मुर्गी या अंडा?”, विद्वान ने तेज आवाज में पूछा.

“चिकन,” बीरबल जवाब देते हैं.

“आपको कैसे मालूम?” विद्वान मजाक में पूछता है.

जवाब में बीरबल कहते हैं, “हम सहमत थे कि आप केवल एक ही सवाल पूछेंगे, जो आप पहले ही कर चुके हैं.”

शिक्षा इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सवाल सोचकर ही पूछना चाहिए

बीरबल की कल्पना

अकबर बीरवल से कहता है “मुझे तुम्हारी पेंटिंग बहुत पसंद है. कृपया इसे बनाएं और एक सप्ताह में मुझे दे दें.”

अकबर का आदेश बीरबल को हैरान कर देता है.

बीरवल ने कहा , “मैं एक मंत्री हूं, मेरे भगवान. मैं पेंटिंग कैसे बना सकता हूँ?”

8 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

“क्या आप मेरे आदेश को खारिज कर रहे हैं?” गुस्से में अकबर पूछता है. “आपके पास एक कल्पनाशील पेंटिंग बनाने के लिए एक सप्ताह है अन्यथा आपको फांसी दी जाएगी,” यह मेरी आज्ञा है.

बीरबल को एक विचार आता है. एक हफ्ते बाद, वह कपड़े में लिपटे एक पेंटिंग के साथ अदालत में आता है. वह पेंटिंग को उजागर करता है, और अकबर के आश्चर्य के लिए, कैनवास पर जमीन और आकाश की पेंटिंग के अलावा कुछ भी नहीं नजर आता है.

“यह क्या है, बीरबल?” सम्राट अकबर पूछता है.

तब बीरवल कहता है “महामहिम, यह वह पेंटिंग है जिसे मैंने कल्पना के साथ किया था. जैसा कि आप देख सकते हैं, यह घास खाने वाली गाय की पेंटिंग है.”

“लेकिन गाय और घास कहाँ हैं?” नाराज होकर अकबर पूछता है.

बीरबल कहता है “कि घास गाय ने खा ली.”

तब अकबर कहता है “तो गाय कहाँ है?”

तब बीरवल कहता है “कि जहाँपनाह, अब जब गाय ने सारी घास खा ली है, तो वह बंजर भूमि के टुकड़े पर क्या करेगी? इसलिए वह अपने मालिक के घर को चली गई.”

शिक्षा इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी पेंटिंग पर मोहित नहीं होना चाहिए.

इस पेज में हम कुछ ऐसी akbar birbal kahani प्रस्तुत कर रहे हैं  जो नैतिकता से भरी हुई हैं. तो आप बने रहिये इन  akbar birbal ki kahani in hindi के साथ और कीजिये सैर कहानियों की मजेदार दुनिया की

अंधों की सूची

एक दिन बादशाह अकबर ने राज्य के सभी दृष्टिबाधित लोगों को भिक्षा देने का फैसला किया. वह अपने दरबारियों को ऐसे सभी लोगों की सूची बनाने का आदेश देता है. दरबारियों ने सूची तैयार की और सम्राट के आगे प्रस्तुत की.

अकबर सूची पर एक नज़र डालते हैं और कहते हैं, “बहुत अच्छा. इस सूची को बीरबल के पास ले जाओ. सुनिश्चित करें कि इन लोगों को कल बाजार में अच्छी भिक्षा मिलनी चाहिए.”

बीरबल सूची को देखता है, अकबर के पास जाता है और टिप्पणी करता है, “महाराज, यह सूची अधूरी है.”

“तुम्हारा क्या मतलब अधूरा है?” अकबर चिल्लाता है.

“महामहिम सूची लंबी होनी चाहिए क्योंकि हमने ऐसे कई लोगों को याद किया. मुझे एक दिन का समय दो और मैं इसे साबित कर दूंगा, ”बीरबल कहता है.

अकबर सहमत है. अगले दिन, बीरबल एक पुरानी खाट का एक फ्रेम लेता है, बाजार के चौराहे पर बैठता है, और एक स्ट्रिंग के साथ खाट बुनाई शुरू करता है. एक नौकर बीरबल के बगल में एक कलम और एक स्क्रॉल के साथ खड़ा होता है.

बाज़ार के पास से गुजरने वाला एक दरबारी बीरबल को देखता है, पूछता है, “अरे बीरबल! आप पृथ्वी पर क्या कर रहें हैं?” बीरबल जवाब नहीं देता लेकिन अपने नौकर को बुदबुदाता है, जो फिर स्क्रॉल पर कुछ लिखता है.

9 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

जल्द ही, बीरबल के आसपास भीड़ जमा हो जाती है. हर बार जब कोई बीरबल से पूछताछ करता है, तो वह अपने नौकर को बुदबुदाता है, जो तब स्क्रॉल पर लिखता है. बीरबल की हरकतों की खबर दरबार तक पहुँचती है और अकबर बाज़ार पहुँचता है.

“क्या कर रहे हो बीरबल?” वह पूछता है.

जवाब दिए बिना, बीरबल खाट बुनना जारी रखता है, नौकर के हाथ से स्क्रॉल लेता है, और उसे अकबर को सौंप देता है.

“यहाँ अंधों की सूची आपकी महिमा है.”

अकबर इसे देखता है और सूची के अंत में अपना नाम देखकर चौंक जाता है.

“क्या बकवास है ? मेरा नाम सूची में क्यों है?” नाराज सम्राट अकबर पूछता है.

“जहाँपनाह, आप और सूची के अन्य सभी लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं क्या कर रहा था, यह स्पष्ट होने के बावजूद कि मैं अपनी खाट बुन रहा था. तो, क्या आप सभी सूची में जगह पाने के लायक नहीं हैं?”

अकबर उसकी मूर्खता को समझता है और ठहाका लगाता है. “अच्छा किया बीरबल. तुमने मुझे अंधा साबित करके मेरी आँखें खोल दीं!” खुश अकबर कहते हैं.

शिक्षा इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारी आँखें होकर भी अंधों जैसा काम नही करना चाहिए.

बुद्धि का बर्तन

एक दिन अकबर का बीरबल से झगड़ा हो गया और उसने उसे राज्य छोड़ने के लिए कहा. बीरबल ने बादशाह के आदेश का पालन किया और चला गया. दिन हफ्तों और महीनों में बदल गए.

अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह बीरबल को याद करने लगा. उसने अपने सैनिकों से बीरबल को उसके घर और रिश्तेदारों के घरों में देखने के लिए कहा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला.

10 Akbar Birbal Stories in Hindi with Moral | मनोरंजक कहानियां

सम्राट अकबर ने एक योजना बनाई. उसने पूरे राज्य में एक आदेश भेजा कि हर गाँव तीन महीने के समय में अकबर को एक बर्तन भेज दे. यदि वे इसे बुद्धि से भरने में असमर्थ हैं, तो उन्हें इसे हीरे और कीमती रत्नों से भरना होगा.

एक गाँव का मुखिया परिषद के सदस्यों के साथ इस आदेश पर चर्चा करने के लिए बैठ गया कि गरीब ग्रामीण कैसे हीरे दे सकते हैं.

उसी गाँव में छिपे बीरबल ने कहा, “मैं बुद्धि का पात्र बनूँगा.”

ग्राम प्रधान ने बीरबल को एक मौका देने का फैसला किया. बीरबल ने एक बर्तन लिया और उसमें एक छोटा तरबूज ढक दिया, उसे पौधे से काटे बिना. तीन महीने के भीतर तरबूज इतना बड़ा हो गया कि पूरे बर्तन को अंदर से ढक सकता है.

बीरबल ने उसे पौधे से अलग कर दिया और बर्तन को अकबर के पास एक नोट के साथ भेजा, “बिना काटे या मटके को तोड़े बिना बुद्धि को हटा दें.”

अकबर समझ गया कि घड़ा बीरबल का है. उसने बीरबल को उस गाँव से लाने के लिए सैनिक भेजे जहाँ से यह घड़ा आया था.

शिक्षा इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी नाराज होकर घर से बाहर नहीं जाना चाहिए.

दोस्तों उम्मीद करते हैं कि ऊपर दी हुई akbar birbal kahani hindi आपको पसंद आई होंगीं. और भी ऐसी ही