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27 Nakshatra by Name | Characteristics| Meaning| Calculator

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Nakshatra Meaning

आप के मन में कई बार ये सवाल आया होगा कि नक्षत्र क्या  (Nakshatra by Name) हैं तो आज हम आपको इस पोस्ट में इसका सटीक जवाब देंगे. लेकिन उस से पहले जान लेते हैं कि नक्षत्रों का आप के जीवन पे क्या प्रभाव पड़ता है.

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अक्सर सुना जाता है कि  ग्रह या (Nakshatra by Name) नक्षत्र ठीक नहीं चल रहे या फिर अच्छा नक्षत्र है अभी इस काम को करना ठीक नहीं है गृह प्रवेश से लेकर भूमि  या वाहन खरीदने तक और शादी जैसे समारोह आयोजित करने तक सभी कार्यों में गृह नक्षत्रों की चाल देखी जाती है.

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सारा खेल ग्रहों एवं नक्षत्रों का

हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि समय के साथ सारा खेल ग्रहों एवं नक्षत्रों का है.  इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि ईश्वर एवं ज्योतिष को मानने वालों के जीवन में ग्रह-नक्षत्र अत्यधिक मायने रखते हैं. यदि बात वैदिक ज्योतिष शास्त्र की की जाये तो ये पूर्ण रूप से ग्रह नक्षत्रों पर ही आधारित है. इसीलिए आप सभी को Nakshatra by Name जानना अत्यंत आवश्यक है

NAKSHATRON KA KISMAT FIRTUNE

नक्षत्रों का किस्मत कनेक्शन

सभी नक्षत्रों का आप की किस्मत से गहरा कनेक्शन है इसीलिए Nakshatra by Name जान लेते हैं . अब प्रशन ये उठता है की ये ग्रह नक्षत्र वाकई में क्या हैं और हमारा किस्मत कनेक्शन इनसे कैसे इनसे जुड़ा हुआ है. या फिर ये हमे कैसे प्रभावित करते हैं. इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि Nakshatra astrology क्या है. 

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यदि ध्यान से देखा जाये तो वैदिक ज्योतिष नक्षत्रों के सिद्धांत पर ही आधारित है. वैसे तो दुनिया भर में कई प्रकार तमाम ज्योतिष पद्धतियां  प्रचलित हैं लेकिन उन सभी की की तुलना में सबसे ज्यादा सटीक और अचूक वैदिक ज्योतिष एवं नक्षत्र सिद्धांत को ही माना गया है.

What is Nakshatra? 

श्री विष्णु पुराण में Nakshatra by Name बताया गया है की दक्ष प्रजापति की 27 कन्याएं थीं उन कन्याओं को ही नक्षत्र रूपा माना गया है. इन कन्याओं का विवाह चंद्रमा से हुआ है. हमारे धर्म ग्रंथों में एवं पुराणों में नक्षत्रों के शुभ अशुभ फल तथा महत्व का भली भांति वर्णन मिलता है. वहाँ से हमे मालुम पड़ता है कि नक्षत्रक्याहैं ?

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नक्षत्र क्या है-

ज्योतिष की दृष्टि से नक्षत्रों का अत्यधिक महत्व है तथा ऐसा माना जाता है की बच्चों के जन्म समय पर चन्द्रमा कौन से नक्षत्र में था इसका बच्चे के पूरे जीवन पैर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. जन्म के समय शुभ या अशुभ विचार तथा नामकरण आदि  जातक के अन्य सभी शुभ अशुभ फल विचारने में काम आते हैं इसीलिए What is Nakshatra के वारे में जानते हैं

Nakshatra in Hindi

इस पैराग्राफ में हम आपको नक्षत्र की हिंदी जानकारी देंगे (Nakshatra in Hindi  ). सितारों  एवं चंद्रमा के समूहों तथा उनके तालमेल एवं संयोग को नक्षत्र तारा सिद्धांत बोला जाता है .  दरअसल जब हम अंतरिक्ष विज्ञान या अंतरिक्ष शास्त्र के विषय में बात करते हैं तो चंद्रमा अथवा अन्य ग्रहों की गति से जो बनने वाले समीकरणों को गृह नक्षत्रों की चाल कहा जाता है .

चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में कितने दिन लगते हैं  

ग्रहों की यही चाल निरंतर चलती रहती है और हमे निरंतर प्रभावित करती रहती है Nakshatra in Hindi. आकाश में चंद्रमा की गति और पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने की प्रक्रिया निरंतर चलती है. चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में 27.3 दिनों का समय लगता है. 360 डिग्री की इस परिक्रमा के दौरान चन्द्रमा को सितारों के 27 समूहों के बीच से गुज़रना होता है .

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आपका नक्षत्र कैसे निर्धारित होता है?

आइये बात करते हैं कि किसी व्यक्ति का नक्षत्र कैसे निर्धारित होता है (how Nakshatra is determined).  27 सितारों के जिस  समूह के मध्य से चंद्रमा गुजरता है वही 27 सितारे अलग अलग नक्षत्रों के नाम से जाने जाते हैं. अर्थात हमारा पूरा तारामंडल इन्हीं 27 समूहों में विभक्त है. किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है या सितारों के जिस समूह से होकर गुजर रहा होता है वही उसका जन्म नक्षत्र समझा जाता है जाता है. ज्योतिष शास्त्र में यही नक्षत्र व्यक्ति किस्मत की चाभी समझी जाती है.

नक्षत्र का प्रभाव

व्यक्ति का जन्म जिस भी नक्षत्र में होता है उस नक्षत्र के अनुसार ही उसके गुण-दोष एवं स्वभाव सभी बन जाते हैं . ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  प्रत्येक मनुष्य का स्वभाव, गुण-धर्म, जीवन शैली जन्म नक्षत्र से अवश्य ही सम्बंधित  होती है.

Nakṣatra in English  

Nakshtra  is the term for lunar mansion in Hindu astrology and Indian Astronomy. A nakshatra is one of 28 (sometimes also 27) sectors along the ecliptic. Their names are related to a prominent star or asterisms in or near the respective sectors.

List of 27 Nakshatras Names in English

The 27 Nakshatras include Ashwini, Bharani, Krittika, Rohini, Mrighasira, Ardra, Punarvasu, Pushya, Ashlesha, Magha, Purva Phalguni, Uttara Phalguni, Hasta, Chitra, Swati, Vishaka, Anuradha, Jyestha, Moola, Purvashada, Uttarashada, Sharavan, Dhanishta, Shatabisha, Purvabhadra, Uttarabhadra, and Revati.

Nakshatra Astrology

प्राचीन हिंदू संतों ने राशि चक्र को 27 नक्षत्रों या चंद्र नक्षत्रों में विभाजित किया है. प्रत्येक नक्षत्र में 13 डिग्री, 20 मिनट शामिल हैं. नक्षत्रों की गणना अश्विनी नक्षत्र मेष राशि से 0 डिग्री से शुरू होती है और रेवती नक्षत्र द्वारा कवर किए गए मीन राशि के 30 डिग्री पर समाप्त होती है. Nakshatra Astrology में अभिजीत को 28 वें नक्षत्र का दर्ज़ा दिया गया है .

वैदिक ज्योतिष

वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है. विमशोत्री दशा, 120 वर्ष लंबा ग्रह चक्र जन्म नक्षत्र पर आधारित है. प्रत्येक नक्षत्र को चार खंडों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पद कहा जाता है. नक्षत्र अपने से सम्बंधित गए ग्रहों की विशेषताओं को भी परिभाषित करते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म नक्षत्र जानना बहुत महत्वपूर्ण है.

27 Nakshatra List

ज्योतिषीय गणनाओं में ये आकाशीय नक्षत्र एवं चन्द्रमा की चाल व स्थिति काफी महत्व रखती है. प्रारंभ में, राशि चक्र को सुविधा के लिए 12 राशियों में बांटा गया था, हालांकि प्राचीन द्रष्टाओं ने आकाश को 27 नक्षत्रों (Nakshatra List) में या तारा नक्षत्रों को पूर्व-आह्वान के लिए विभाजित किया है. ये नक्षत्र या नक्षत्र ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक के रूप में उभरे आप List of Nakshatra को देखें.

कौन-कौन से हैं 27 नक्षत्र

अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र.

शुभ, सामान्य एवं अशुभ नक्षत्र

हमारे ज्योतिषियों ने इन सभी 27 नक्षत्रों को भी तीन भागों में उनके शुभ, सामान्य तथा अशुभ नक्षत्रों की श्रेणी में रखा है जिसके विषय में हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं-

शुभ नक्षत्र

इस श्रेणी में वे नक्षत्र रखे गई हैं जिनके दौरान किए गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं और इनमें सफलता मिलती है. 15 शुभ नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैं-

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रोहिणी नक्षत्र

अश्विन नक्षत्र

मृगशिरा नक्षत्र

पुष्य नक्षत्र

हस्त नक्षत्र

चित्रा नक्षत्र

रेवती नक्षत्र

श्रवण नक्षत्र

स्वाति नक्षत्र

अनुराधा नक्षत्र

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र

उत्तराषाढा नक्षत्र

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र

घनिष्ठा नक्षत्र

पुनर्वसु नक्षत्र

सामान्य नक्षत्र

इस श्रेणी में वो नक्षत्र आते हैं जिनके दौरान कोई विशेष अथवा बड़ा कार्य करने की सलाह नहीं दी जाती है.  परन्तु सामान्य कार्यों के लिए कोई बड़े नुकसान की भी आशंका नहीं जताई जा सकती. इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं-

पूर्वा फाल्गुनी

पूर्वाषाढ़ा

पूर्वाभाद्रपद

विशाखा

ज्येष्ठा

आर्द्रा, मूला

शतभिषा।

अशुभ नक्षत्र

इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्रों में कोई भी शुभ कार्य ना करने की सलाह दी जाती है. यदि इन नक्षत्रों के दौरान आप कोई शुभ कार्य शुरू करते हैं तो इसके सदैव इसके बुरे नतीजे ही देखने को मिलते हैं . यदि बहुत बुरे नतीजे ना भी देखने को मिलें तो कम से कम कार्य के सम्पन्न होने में अत्यधिक बाधाएं आती हैं. इस श्रेणी में आने वाले नक्षत्र हैं-

भरणी नक्षत्र

कृतिका नक्षत्र

मघा  नक्षत्र

आश्लेषा। नक्षत्र

Nakshatra By Name

नीचे लिस्ट दी जा रही है जिसमें आप को 27 नक्षत्रों के नाम nakshatra by name दर्शाये गए हैं-

अश्विनी नक्षत्र,भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, मघा नक्षत्र

Nakshatra Calculator- आजकल प्रत्येक देश में मध्यरात्रि के समय को शून्य मानकर, वहीं से दिन का प्रारंभ मानते हैं. दिन रात के 24 घंटों को दो 12 घंटों में, (1) रात के बारह बजे से 12 घंटों तक पूर्वाह्नकाल तक तथा (2) दिन के 12 बजे से रात्रि के 12 बजे तक अपराह्नकाल में, बाँट दिया जाता है. हमारी घड़ियाँ यहीं समय बतलाती हैं. इन 24 घंटों को नागरिक दिन कहते हैं. दिन में 24 घंटे, 1 घंटे में 60 मिनिट तथा एक मिनट में 60 सेकंड होते हैं. विज्ञान की अंग्रेजी मापन प्रणाली फुट सेकंड में तथा अंतरराष्ट्रीय प्रणाली सेंटीमीटर ग्राम सेकंड में सेकंड ही समय की इकाई है.

27 नक्षत्रों से सम्बंधित सत्ताईस वृक्ष-

यदि ज्योतिष विश्लेषण से पता लगता है कि किसी नक्षत्र के कारण आप जीवन में परेशानी उत्पन्न हो रही है तो उनकी शांति कराना अत्यंत हो जाता है. यदि विद्वानों की मानें तो हर नक्षत्र से सम्बंधित एक वृक्ष होता है. कोई भी व्यक्ति अपने नक्षत्र के अनुसार सम्बंधित वृक्ष की पूजा करके नक्षत्र से पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम या बिलकुल ख़तम कर सकता है.  नीचे हम नक्षत्रों के वृक्षों की जानकारी दे रहे हैं-

27 नक्षत्रों से सम्बंधित वृक्ष  Tree According to Nakshatra –

ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र हैं एवं उनके 9 स्वामी हैं-

नक्षत्रों के स्वामी

केतु:- आश्विन, मघा, मूल।

शुक्र:- भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा।

रवि:- कार्तिक, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा।

चन्द्र:- रोहिणी, हस्त, श्रवण।

मंगल:- मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा।

राहु:- आर्द्रा, स्वाति, शतभिषा।

बृहस्पति:- पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वा भाद्रपद।

शनि:- पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद।

बुध:- आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती।