दोस्तों इस पोस्ट में हम Mera Priya Vaigyanik पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं. उम्मीद है कि Mera Priya Vaigyanik Essay in Hindi आपका ज्ञान वर्धन अवश्य करेगा. हिंदी निबंध का हिंदी भाषा के अध्ययन में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है. तो आइये अब पढ़ते हैं Mera Priya Vaigyanik पर हिंदी में निबंध.
प्रस्तावना
आपको बता दें कि मैंने जीवन में बहुत सारे वैज्ञानिकों के बारे में सुना है वह सभी मेरे प्रिय वैज्ञानिक हैं। वैज्ञानिको में थॉमस एडिसन हैं जिन्होंने 9999 बार बल्ब बनाने के लिए प्रयत्न किया और बल्ब बना दिया। मेरा प्रिय विज्ञानिकों की लिस्ट में आइन्स्टीन भी है जिनके ऊपर एक सेब का फल गिरा तथा उन्होंने बहुत सारा ज्ञान हम सभी को दिया है।
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इन सबके अलावा मेरे प्रिय वैज्ञानिकों की लिस्ट मे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भी शामिल है. वास्तव में यह सभी वैज्ञानिक प्रशंसनीय माने गये है। हर कोई इनकी तारीफ अवश्य करता है. इन वैज्ञानिकों ने हमें जो दिया है वह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व अनिवार्य भी हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक थे, इनके अविष्कार एकदम अतुलनीय हैं।
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सबसे प्रिय वैज्ञानिक
वास्तव में ये वैज्ञानिक मेरे प्रिय वैज्ञानिक है परन्तु सबसे अधिक जो प्रिय वैज्ञानिक यदि कोई है तो वह है डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम.डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जिन्होंने गरीबी से राष्ट्रपति बनने तक का एक सफर निश्चित किया था वह इतने गरीब थे कि पढ़ाई करने के लिए भी उनके पास भरपूर पैसे बिल्कुल भी नहीं थे उन्होंने बचपन से ही अपनी आर्थिक स्थिति को तंदुरुस्त करने के लिए अपना कार्य करना आरंभ कर दिया था.
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डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम बचपन में गली-गली में अखबार बेचा करते थे एवं अपनी जीविका भी चलाते थे इस महान वैज्ञानिक का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था इन्होंने बहुत अधिक संघर्ष भी किया. पढ़ाई करने के पश्चात उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया तथा अपने अथक परिश्रम के दम पर आगे चलकर एक वैज्ञानिक के रूप में अवश्य आये.
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दरअसल ए पी जे अब्दुल कलाम ने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम मे एवं सैन्य मिसाइल के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्हें भारत में मिसाइल मेन के रूप में अवश्य जाना जाता है। इन्होंने सन 1974 में भारत द्वारा पहला परमाणु परीक्षण के पश्चात से दूसरी बार सन 1998 में भारत का पोखरण परमाणु परीक्षण करवाने में निर्णायक भूमिका भी अवश्य निभाई थी।
उनकी वैज्ञानिक क्षेत्र में उपलब्धियाँ-
धीरे-धीरे इनके प्रयोग भी सफल होने लगे। उन्होंने उस समय प्रचलित तार-यंत्र में कई सुधार किए। टेलीफोन का मूल आविष्कार तो ग्राहम बेल ने ही किया था, पर उसमें कुछ कमियाँ भी निकली थीं। उन कमियों को एडिसन ने दूर किया। टेलीफोन को वर्तमान रूप देने वाले एडिसन ही थे। ट्रेनों का समय दर्शाने वाला इंडीकेटर भी उन्होंने ही बनाया था। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है बिजली के बल्बों में विद्युत धारा प्रवाहित करना। जिस विद्युत ने आज हमारे जीवन में तरह-तरह की सुविधाएँ प्रदान की हैं, उसके आविष्कार का सारा श्रेय एडिसन को ही जाता है। मनोरंजन की दुनिया में क्रांति लाने वाले सिनेमा के प्रोजेक्टर का आविष्कार भी केवल एडिसन ने ही किया था।
उनका संदेश-
अब्दुल कलाम के आविष्कारों ने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से संपन्न अवश्य बनाया है। जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें उनका कोई योगदान बिल्कुल भी न हो। उन्होंने छोटे-बड़े लगभग 1400 आविष्कार अवश्य किए हैं। अपने आविष्कारों के द्वारा इस युग पर उन्होंने अपनी वैज्ञानिक का जलवा भी भलीभांति दिखाया है। इसीलिए वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक बन गये हैं। इनके जीवन का सबसे बड़ा संदेश यह है निरंतर परिश्रम करते रहना, कभी भी हार बिल्कुल मत मानना। वे मानते थे कि उनकी सफलता में एक प्रतिशत हिस्सा भाग्य का एवं बाकी बचे प्रतिशत हिस्सा उनके कठोर मेहनत का है।
उपसंहार-
आपको बता दें कि सचमुच, अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक थे। उनकी शवयात्रा में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रप्रमुख आइजन हूवर भी शामिल हुए थे। आज उनके अनेक अविष्कारों के कारण से मानव का जीवन बहुत ही सरल बन पाया है। उनके कठोर मेहनत ने आज सारे विश्व को उजाला से भर दिया है। सचमुच मेरे सबसे प्रिय वैज्ञानिक एडिसन व अब्दुल कलाम ही रहे हैं।