चाय की खोज |चाय के लाभ तथा हानि | पूरी जानकारी 

WELLNESS FOREVER

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में चाय की खोज के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं चाय को हिंदी में दुग्ध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी कहा जाता है.

चाय क्या है – 

बता दें कि चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनाया जाता है।

दरअसल चाय को हिंदी में दुग्ध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी कहा जाता है.  

चाय की खोज – 

चाय की तलाश सन 1815 में कुछ अंग्रेज यात्रियों ने की थी। उन्होंने देखा कि कुछ स्थानीय कबीले के लोग चाय की पत्तियों का पेय पी रहे हैं। सन 1834 में भारत के गवर्नर लॉर्ड बेंटिंक ने पूरे भारत में इसको पहुंचाने और उसका उत्पादन बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन ज़रूर किया था एवं सन 1835 में असम में चाय के बागानों को लगाया गया।

चाय का उत्पादन चीन एवं भारत में सबसे अधिक होता है। धीरे – धीरे चाय पूरी दुनिया में बहुत ही लोकप्रिय हो गई है चाय का एक ऐसा पौधा होता है। जिसकी पत्तियों को पानी मे उबालकर अवश्य पिया जा सकता है। पहले चाय केवल एक ही प्रकार से बनाई जाती थी परन्तु आजकल इसे कई तरह से बनाया जाने लगा है।

ध्यान रहे कि चाय का अधिक सेवन करना आंतों के लिए भी बहुत ही हानिकारक होता है. इसके अधिक सेवन से आंतों के खराब होने का खतरा अवश्य बना रहता है जिससे भोजन पचने में बहुत ही अधिक परेशानी हो सकती है. अधिक चाय पीने से सीने में जलन की परेशानी हो सकती है. चाय आंतों में एसिड के उत्पादन को बहुत ही अधिक बढ़ा देती है जो कि सीने में जलन का कारण बनती है.

चाय कहाँ पाया जाता है –

आपको बता दें कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं केरल में देश का 95 प्रतिशत हिस्सा पैदा होता है। चाय उत्पादन में असम देश का सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। तमिलनाडु का नीलगिरि पहाड़ भी चाय उत्पादन के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है। केरल का मुन्नार हिल स्टेशन एक ऐसी जगह हैं, जहां बड़ी मात्रा में चाय बागान है।

बता दें कि चाय में निकोटिन अवश्य पाया जाता है । परन्तु इसकी मात्रा बहुत ही कम होती है ,निकोटिन एक नशीला पदार्थ होता है इसकी अधिकता तम्बाकू की पत्तियों में भी अधिक होती है । चायपत्ती में इसका अधिक असर इसलिए नही होता क्योंकि चाय को उबालकर एवं छानकर पीते हैं जिसके कारण चाय की पत्तियों में मौजूद निकोटिन एवं कैफीन का असर अधिक नही होता है।

कहा जाता है कि संतुलित मात्रा में ग्रीन टी या फिर ब्लैक टी का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत ही असरदार साबित हो सकता है। दरअसल, चाय का सेवन करने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर, सीरम में लिपिड की मात्रा एवं डायबिटीज पूरी तरह से नियंत्रित रहती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल भी कुछ कम होता है, जिससे शरीर को हृदय रोग होने की संभावना बहुत ही कम होती है।

दरअसल चाय में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो आपकें स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। चाय पीने से आपको उर्जा एवं ताज़गी का अनुभव होता रहता है। प्रतिदिन 1 कप चाय आपको हृदय रोग, गठिया रोग, यहां तक कि कैंसर से भी बचने में बहुत ही अधिक सहायता प्रदान किया करता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.