ATA का फुल फॉर्म|प्रयोग तथा सावधानियां|पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में ATA का फुल फॉर्म के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं ATA केबल का एक सिरा मदरबोर्ड और दूसरा सिरा हार्ड ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस से पूर्ण रूप से जुड़ा हुआ होता है।

ATA का फुल फॉर्म –

बता दें कि ATA का full form “Advanced Technology Attachment” होता है इसे हिंदी में ATA को उन्नत प्रौद्योगिकी अटैचमेंट भी कहते हैं। मित्रों आज के समय में ATA को PATA ( Parallel Advanced Technology Attachment) के नाम से भी पुकारा जाता है, दरहसल इस टेक्नोलॉजी को पहले ATA ही कहा जाता था लेकिन अब इसका नाम बदलकर PATA रख दिया मतलब PATA का पुराना नाम ATA ही है।

ध्यान रहे कि समानांतर ATA केबल एक बार में 16 बिट डेटा का ट्रांसफर कर सकता है, जबकि ATA केबल के दोनों तरफ 40 पिन वाला कनेक्टर होता है और जो 40 या 80 वायर डिजाइन का इस्तेमाल करता है। ATA केबल का एक सिरा मदरबोर्ड और दूसरा सिरा हार्ड ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस से पूर्ण रूप से जुड़ा हुआ होता है। ATA को मानक रूप में AT Bus Attachment की तरह ही माना जाता है जिसे AT Attachment भी कहा जाता है। ATA को एक बार में दो डिवाइस के साथ अवश्य जोड़ा जा सकता है, जिसमे एक को स्लेव और दूसरे को मास्टर भी कहते हैं।

ATA क्या होता है –

मित्रों जैसा कि हमने आपको ऊपर यह बताया है कि, यह एक उन्नत प्रौद्योगिकी अटैचमेंट होता है जिसे संक्षिप्तरूप में ATA ही कहा जाता था, लेकिन अब यह नया सीरियल ATA (SATA) पेश किया गया तो इसका नाम ATA से बदलकर PATA (सामानांतर उन्नत प्रौद्योगिकी अटैचमेंट) अवश्य कर दिया गया। दरअसल यह एक प्रकार मानक इंटरफ़ेस होता है जिसकी सहायता से हार्ड ड्राइव, सीडी रोम, फ्लॉपी डिस्क ड्राइव, ऑप्टिकल ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस आदि को मदरबोर्ड के साथ अवश्य जोड़ा जाता है। 

ध्यान देने वाली बता यह है कि PATA केबल्स की अधिकतम लम्बाई 18 इंच होती है इसी कारण से इसका इस्तेमाल कंप्यूटर के आंतरिक उपकरणों जैसे CD-ROM, FDD आदि को जोड़ने के लिए ही किया जाता है। इसे बाहरी नियंत्रक का प्रयोग किये बिना पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस को जोड़ने के लिए ही अवश्य बनाया गया है। इसकी सबसे खास बात यह हैं कि, यह सबसे सामान्य एवं सबसे कम लागत वाला इंटरफ़ेस प्रदान किया करता है। इसके साथ यह तेज गति भी प्रदान किया करता है। दरअसल यह मुख्य रूप से बहुत पतले तारो एवं केवल बस से मिलकर ही बना होता है।

दरअसल आपको बता दूँ कि TA इंटरफेस को IDE (इंटीग्रेटेड ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक) इंटरफ़ेस के कई चरणों में विकसित भी किया गया है। कहने का तात्पर्य यह है कि ATA या जितने भी नए एटीए विकसित किये गए उन सभी का इस्तेमाल पुराने ATA इंटरफ़ेस के साथ ही साथ अवश्य किया जा सकता है। 

ATA की अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी –

ध्यान रखने वाली बात यह है कि समानांतर ATA केबल एक बार में 16 बिट डेटा का ट्रांसफर अवश्य कर सकता है, किन्तु ATA केविल के दोनों तरफ 40 पिन वाला कनेक्टर होता है जो यह 40 या 80 वायर डिजाइन का इस्तेमाल किया करता है। दरअसल ATA केविल का एक सिरा मदरबोर्ड एवं दूसरा सिरा हार्ड ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस से जुड़ा हुआ होता है। ATA को मानक रूप में AT Bus Attachment की तरह ही माना जाता है जिसे AT Attachment भी कहा जाता है। ATA को एक बार में दो डिवाइस के साथ ही अवश्य जोड़ा जा सकता है, जिसमे एक को स्लेव एवं दूसरे को मास्टर भी कहते हैं।

इतिहास – 

बता दूँ कि ATA का पहला संस्करण सन 1986 मे वेस्टर्न डिजिटल नाम की कंपनी के द्वारा ही विकसित किया गया था. मूल रूप से इसे ATA के रूप मे पुकारा जाता था. परन्तु सन 2003 मे SATA Serial ATA की शुरूआत के पश्चात् यह PATA बन गया. याद रहे कि PATA और SATA दोनो Integrated Drive Electronics Device होते हैं.

आपको यह भी बता दें कि वेस्टर्न डिजिटल नाम की कंपनी में एटीए का पहला संस्करण सन 1986 में विकसित ज़रूर किया गया था जिसे मुख्य रूप से ATA के नाम से पुकारा जाता था किन्तु सन 2003 में सीरियल एटीए के आरंभ के पश्चात् मूल एटीए का नाम बदलकर समानांतर एटीए या PATA रख दिया गया। 

निष्कर्ष – 

मित्रों हमने इस लेख में आपको ATA Full Form, एटीए क्या होता है, इसका इस्तेमाल कहाँ पर किया जाता है इन सबके बारे में खूब ही बढ़िया तरीके से बताने की कोशिश की गई है साथ ही साथ हमने इसके इतिहास के बारे में भी आपको खूब अच्छी तरीके से बताया है। मुझे यह आशा है कि हमारे इस लेख में आपको कुछ नया जानने को अवश्य मिला होगा। अगर इस लेख, ATA Full Form की जानकारी आपको पसंद आयी है तो इसे शेयर अवश्य करें एवं एटीए के विषय से संबंधित आपके पास किसी तरह का प्रश्न हो तो आप हमे कमेंट करके अवश्य पूछ सकते हैं। हमारे इस लेख पर बने रहने के लिए धन्यवाद.