Abdul Kalam Biography In Hindi Biography Of APJ Abdul Kalam

Abdul Kalam Biography In Hindi | Biography Of APJ Abdul Kalam 

BIOGRAPHY

दोस्तों ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के जाने माने वैज्ञानिक एवं 11वें राष्ट्रपति रहे हैं. उनका जीवन बहुत सारे तथ्यों से भरा हुआ रहा है. आइये abdul kalam biography in hindi के माध्यम से जानते हैं उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू . A P J abdul kalam biography in hindi पढने के लिए बने रहिये हमारे साथ.

प्रस्तावना 

दरअसल आपको बता दें कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पूरी दुनिया में एक जाना माना नाम है। उनकी गिनती 21वीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में से एक होती है। इससे भी अधिक, वे भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और अपने देश की सेवा भी अवश्य की। वे देश के सबसे मूल्यवान मनुष्य थे क्योंकि एक वैज्ञानिक एवं राष्ट्रपति के रूप में उनका योगदान अतुलनीय बना रहा है। इसके अलावा इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में उनका योगदान काफी उल्लेखनीय है। उन्होंने कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया, जिन्होंने समाज में योगदान भी दिया, साथ ही उन्होंने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में बहुत सहायता भी की। भारत में परमाणु शक्ति में उनकी भागीदारी के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में अवश्य जाना जाता था। और देश के लिए उनके योगदान के कारण सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

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एपीजे अब्दुल कलाम उपलब्धियां एवं पुरस्कार

  • बता दें कि भारत सरकार ने कलाम को प्रतिष्ठित ‘भारत रतन’, ‘पद्म विभूषण’ और ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया।
  • सन 1997 में, भारत सरकार ने उन्हें “राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार” प्रदान अवश्य किया।
  • उन्हें वीर सावरकर पुरस्कार भी दिया गया था।
  • सन 2000 में ‘अलवर रिसर्च सेंटर’ ने उन्हें ‘रामानुजन पुरस्कार’ से सम्मानित भी किया गया।
  • रॉयल सोसाइटी ने उन्हें सन 2007 में ‘किंग्स चार्ल्स द्वितीय पदक’ से सम्मानित भी किया।
  • कलाम को संयुक्त राज्य अमेरिका में एएसएमई फाउंडेशन द्वारा हूवर मेडल से सम्मानित भी किया गया था।
  • इसके अलावा, उन्हें 40 संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित भी अवश्य किया गया।
  • कलाम के 79वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व छात्र दिवस घोषित भी किया गया।
  • उन्हें सन 2003 और सन 2006 में एमटीवी यूथ आइकन ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए नामांकित भी अवश्य किया गया था।

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करियर एवं योगदान

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी इसलिए कम उम्र से ही उन्होंने अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना आरंभ कर दिया था। परन्तु उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी। अपने परिवार का समर्थन करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी भी रखी तथा स्नातक की पढ़ाई पूरी अवश्य की। सबसे बढ़कर, वह सन 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य भी थे।देश के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अनगिनत योगदान है परन्तु वह अपने सबसे बड़े योगदान के लिए सबसे प्रसिद्ध माने जाते थे जो कि अग्नि एवं पृथ्वी के नाम से जाने वाली मिसाइलों का विकास है।

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परिवार

अब्दुल के पिता का नाम जैनुलाबदीन था और वह एक स्थानीय मस्जिद में नाव के मालिक थे। उनकी माता का नाम आशिअम्मा था तथा वह एक गृहिणी थीं। अब्दुल के चार और भाई-बहन भी थे और वह उनमें से पांच में सबसे छोटा है। इनके नाम मोहम्मद मुथु मीरा लेब्बई मराइकैयर, मुस्तफा कलाम, कासिम मोहम्मद और एक बहन भी है जिनका नाम असीम जोहरा है। बता दें कि उनके पूर्वजों के पास बहुत सारी संपत्ति एवं बहुत सारी संपत्ति थी। उनका परिवार मुख्य रूप से श्रीलंका की मुख्य भूमि एवं पंबन द्वीप जैसे अन्य द्वीपों के बीच एक आम व्यापारी हुआ करता था। इसलिए उनके परिवार को “मारा कलाम इयाकिवर” और “माराकियर” की उपाधि भी अवश्य दी गई। परन्तु सन 1920 के करीब उनका पारिवारिक व्यवसाय विफल हो गया और उन्होंने ज्यादातर धन खो दिया। अब्दुल कलाम के जन्म के समय तक उनका परिवार बहुत खराब स्थिति में आ गया था।

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प्रेसीडेंसी अवधि

महान मिसाइल मैन सन 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। उनकी अध्यक्षता अवधि के दौरान, सेना और देश ने कई मील के पत्थर हासिल किए जिन्होंने राष्ट्र के लिए काफी योगदान भी दिया। उन्होंने खुले दिल से देश की सेवा की, इसलिए उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया। लेकिन अपने कार्यकाल के अंत में, वे अपने काम से संतुष्ट नहीं थे इसलिए वे दूसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते थे परन्तु बाद में अपना नाम भी खो दिया।

राष्ट्रपति पद के बाद की अवधि

अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति कार्यालय छोड़ने के बाद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम फिर से अपने पुराने जुनून की ओर मुड़ते हैं जो छात्रों को अवश्य पढ़ाना है। उन्होंने देश भर में स्थित भारत के कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए कार्य अवश्य किया। इन सबसे ऊपर, उनके अनुसार देश के युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं, परन्तु उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए अवसर चाहिए, इसलिए उन्होंने उनके हर अच्छे काम में उनका साथ दिया।

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शिक्षा एवं संघर्ष

कलाम अपने अध्ययन जीवन में बहुत गंभीर एवं परिश्रमी भी थे, उनके स्कूल के शिक्षकों द्वारा वर्णित अनुसार उनमें सीखने की इच्छा थी। उन्होंने श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल के नाम से रामनाथपुरम में एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के रूप में अपनी मैट्रिक की पढ़ाई अवश्य पूर्ण की। सन 1955 के वर्ष में, वह तिरुचिरापल्ली में सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी स्नातक बन गए। उसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए मद्रास चले गए, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की।

फाइटर पायलट बनने का उनका स्वप्न पूरा नहीं हुआ क्योंकि भारतीय वायुसेना में केवल आठ पद उपलब्ध थे और वे नौवें स्थान पर आए। स्नातक स्तर की पढ़ाई के पश्चात, वह “रक्षा अनुसंधान और विकास सेवा” के सदस्य बन गए एवं एक वैज्ञानिक के रूप में “वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान” में शामिल अवश्य हो गए।

पुरस्कार एवं सम्मान

बता दें कि अपने जीवनकाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को न केवल भारतीय संगठन और समितियों द्वारा अपितु कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समितियों द्वारा भी सम्मानित और सम्मानित भी अवश्य किया गया था।

लेखन तथा चरित्र

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं परन्तु उनकी सबसे उल्लेखनीय कृति ‘इंडिया 2020’ थी जिसमें भारत को महाशक्ति बनाने की कार्य योजना मानी गई है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सादगी एवं सत्यनिष्ठा के इंसान थे। वह काम में इतना व्यस्त था कि वह सुबह जल्दी उठता था और आधी रात के पश्चात देर तक काम भी अवश्य करता था।

मृत्यु 

आपको बता दें कि सन 2015 में अचानक कार्डियक अरेस्ट से शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देने के दौरान उनका निधन हो गया। वह एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और एक अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन दिया और इसकी सेवा करते हुए उनकी मृत्यु हो भी गई। उस इंसान के पास भारत को एक महान देश बनाने की दृष्टि थी। एवं उनके अनुसार युवा देश की असली संपत्ति हैं इसलिए हमें उन्हें प्रेरित और प्रेरित अवश्य करना चाहिए।

निष्कर्ष

एपीजे अब्दुल कलाम एक बहुत ही दयालु व्यक्ति थे जिन्होंने निस्वार्थ भाव से भारत के लिए अनगिनत कार्य अवश्य किए। यही वजह है कि आज हम एक परमाणु संपन्न देश हैं। वह न केवल राष्ट्रपति बने अपितु भारत के लिए बहुत कुछ अच्छा किया बल्कि मिसाइल के इतिहास में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।