Shri Ganesh Chalisa (श्रीगणेश) ke Bare mein – भगवान श्रीगणेश हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाते हैं। विघ्नहर्ता श्री गणेश (shri ganesh) की पूजा हर शुभ कार्य के आरंभ में की जाती है, जिसे सारे कार्य सूख पूर्वक संपन्न हो जाते हैं। श्रीगणेश (shri ganesh chalisa) की आराधना करने से घर में खुशहाली, व्यापार में बरकत तथा हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
ऐसी मान्यता है कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के उपरान्त गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर गणेश चालीसा का जाप करने से हर मनोकामना पूरी होती है. आप नियमित रूप से गणेश चालीसा का जाप करते हैं। तो आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी।
श्रीगणेश चालीसा का पाठ करने से घर में धन की कमी (आर्थिक समस्या) का भी समाधान होगा। श्रीगणेश चालीसा का पाठ करने से आपकी बुद्धि का विकास होगा और आप अधिक बुद्धिमान होंगे। छात्रों को प्रतिदिन श्रीगणेश चालीसाका पाठ करना चाहिए। इससे उनकी परीक्षा में अच्छा परिणाम मिलेगा। श्री गणेश चालीसाका पाठ करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। We are providing shri ganesh chalisa lyrics in hindi .
Shri Ganesh Chalisa lyrics in Hindi (ganesh chalisa text in hindi)
दोहा
जय गणपति सदगुण सदन कविवर बदन कृपाल |
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल ||
चौपाई
जय जय जय गणपति गणराजू | मंगल भरण कारण शुभ काजू ||
जय गजबदन सदन सुखदाता | विश्व विनायक बुद्धि विधाता ||
वक्र तुंड शुचि शुण्ड सुहावन | तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ||
राजत मणि मुक्तन उर माला | स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ||
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं | मोदक भोग सुगन्धित फूलं ||
सुंदर पीताम्बर तन साजित | चरण पादुका मुनि मन राजित ||
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता | गौरी ललन विश्व – विख्याता ||
ऋद्धि सिद्धि तव चंवर सुधारे | मूषक वाहन सोहत द्वारे ||
कहो जन्म शुभ कथा तुम्हारी | अति शुची पावन मंगल कारी ||
एक समय गिरिराज कुमारी | पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ||
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा | तब पहुँच्यो तुम धरि द्विज रूपा ||
अतिथि जान के गौरी सुखारी | बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ||
अति प्रसन्न हो तुम वर दीन्हा | मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ||
मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला | बिना गर्भ धारण यहि काला ||
गणनायक गुण ज्ञान निधाना | पूजित प्रथम रूप भगवाना ||
अस कहि अंतर्धान रूप हो | पलना पर बालक स्वरूप हो ||
बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना | लखि मुख सुख़ नहिं गौरी समाना ||
सकल मगन सुख मंगल गावहिं | नभ ते सुरन सुमन वर्षावहि ||
शम्भु उमा बहुदान लुटावहि | सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं ||
लखि अति आनन्द मंगल साजा | देखन भी आये शनि राजा ||
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं | बालक देखत चाहत नाहीं ||
गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो | उत्सव मोर न शनि तुहि भायो ||
कहन लगे शनि मन सकुचाई | का करिहो शिशु मोहि दिखाई ||
नही विश्वास उमा कर भयऊ | शनि सों बालक देखन कहयु ||
पड़तहि शनि द्रग कोण प्रकाशा | बालक शिर उड़ी गयो आकाशा ||
गिरजा गिरीं विकल हो धरणी | सो दुख दशा गयो नहिं वरणी ||
हाहाकार मच्यो कैलाशा | शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा ||
तुरत गरुड़ चढ़ी विष्णु सिधाए | काटी चक्र सों गज शिर लाये ||
बालक के धड़ ऊपर धारयो | प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो ||
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे | प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे ||
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा | प्रथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा ||
चले षडानन भरमि भुलाई | रची बैठ तुम बुद्धि उपाई ||
चरण मातु – पितु के धर लीन्हे | तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हे ||
धनि गणेश कहि शिव हिय हरसे | नभ ते सुरन सुमन बहु वरसे ||
तुम्हरी महिमा बुद्धि बढ़ाई | शेष सहस मुख सके न गाई ||
मै मति हीन मलीन दुखारी | करहूँ कौन विधि विनय तुम्हारी ||
भजत रामसुंदर प्रभुदासा | लख प्रयाग ककरा दुर्वासा ||
अब प्रभु दया दीन पर कीजै | अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ||
दोहा
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करे धर ध्यान | नित नभ मंगल गृह बसे लहे जगत सन्मान ||
संवत अपन सहस्त्र दश ऋषि पंचमी दिनेश | पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ती गणेश ||
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ANURADHA PAUDWAL GANESH CHALISA LYRICS
Ganesh Chalisa Benefits
आप नियमित रूप से गणेश चालीसा का जाप करते हैं। तो आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी।श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से घर में धन की कमी (आर्थिक समस्या) का भी समाधान होगा। श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से आपकी बुद्धि का विकास होगा और आप अधिक बुद्धिमान होंगे।छात्रों को प्रतिदिन श्री गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे उनकी परीक्षा में अच्छा परिणाम मिलेगा। श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।