माना जाता है कि देवी सूक्तं जगत जननी माँ जगदम्बा को अति प्रिय है.Ya Devi Sarva Bhuteshu Meaning जानना अत्यंत आवश्यक है. या देवी सर्व भूतेषु मंत्र जाप और नियमित प्रयोग से व्यक्ति धन, संपत्ति , ऐश्वर्य, बल आदि की प्राप्ति करता है । तो आइये मित्रों Ya Devi Sarva Bhuteshu Mantra के हिंदी अर्थ के साथ इसकी महिमा भी जाने.
Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics in Sanskrit with Hindi Meaning
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है कि जो देवी शक्ति के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार , नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार।
या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी माता के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार।
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है की जो देवी चेतना के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार । (चेतना किसी भी प्राणी के आस-पास के वातावरण को समझने और उनका मूल्यांकन करने की शक्ति को कहते हैं।)
या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में ऊर्जा और तेज के रूप में विराजमान है उन देवी को नमस्कार, नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी जीव जंतुओं के जन्म का मुख्य कारण है उन देवी को नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में दया के रूप में विराजमान है उन देवी को नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी संसार के हर एक प्राणी में शांति के रूप में स्थित या विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः||
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में क्षमा, दया और सहनशीलता के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप मे विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में विद्या या शिक्षा के रूप में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण स्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में के श्रद्धा के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में भक्ति के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में लक्ष्मी या फिर धन,दौलत,संपदा के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार।
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में तृष्णा या इच्छा के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार ।
या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में नींद के रूप में विराजमान हैं उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार ।
Ya Devi Sarva Bhuteshu Mantra की महिमा
हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है । शास्त्रों में उल्लेख है कि सभी देवताओं ने अपनी शक्तियां देवी शक्ति को अर्पण कर दी थीं। इन्हीं शक्तियों को पाने और अपने कल्याण करने के लिए मनुष्य देवी माता की पूजा कुछ खास मंत्रों से करता है। ऐसा ही एक प्रख्यात मंत्र है ya devi sarva bhuteshu shaki rupena samastitha । इस देवी मंत्र का जाप अलग अलग इच्छाओं और अभिलाषाओं की पूर्ति के लिये किया जाता है।
Devi Suktam पढ़ने के फायदे
- इस मंत्र का प्रयोग व्यक्ति धन, दौलत,संपत्ति प्राप्त करने के लिए कर सकता है।
- इस मंत्र के प्रयोग से संतान प्राप्ति की कामना भी पूर्ण होती है ।
- इस मंत्र का प्रयोग अध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है ।
- इसका प्रयोग कुंडली जागरण के लिए अत्यंत लाभकारी है ।
- इस मंत्र के नियमित जाप से मानसिक शांति की प्राप्ति होती।
- यदि व्यक्ति नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करता है तो सौंदर्य में वृद्धि आती है।
ये मंत्र देवी माता को अति प्रिय है तथा इसके प्रयोग और जाप से व्यक्ति धन, संपत्ति , ऐश्वर्य, बल आदि की प्राप्ति करता है । माता की उपासना का यह अत्यंत सरल साधन है ।
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