कब्ज से लेकर कैंसर तक बड़ी से बड़ी बिमारियों से निजात दिलाने में त्रिफला अत्यंत कारगर दवाई है. इस अद्भुत दवा के बारे में जानने और इसके उपयोग और फायदे या अन्य शब्दों में कहें तो triphala benefits in Hindi में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें.
दोस्तों जैसा की नाम से ही साफ़ है कि त्रिफला चूर्ण हरड़, बहेड़ा एवं आंवला अर्थात तीन फलों को मिला के बनाया जाता है इस चूर्ण को तीनों सामग्रियों को निश्चित मात्रा में मिलाया जाता है. दोस्तों हरड़ बहेड़ा आंवला अपने आप में बहुत लाभकारी हैं. इसलिए इस लेख में त्रिफला के साथ baheda powder के उपयोग और baheda tree के बारे में भी आपको जानकारी देंगे.
Baheda benefits in hindi की पूरी जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें .
Baheda benefits in hindi की पूरी जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें |
Triphala benefits in hindi – त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए हरड़ बहेड़ा आंवला का छिलका और बीज निकालकर 1-1 भाग में ले और पीस कर रख लें। इस चूर्ण को संभाल कर रखें और इसका सेवन ज़रूरत पड़ने पर गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले करें.

त्रिफला चूर्ण के फायदे-
- कब्ज के रोगियों के लिये लाभकारी
- पेट साफ करके पाचन शक्ति बढाने में सहायक
- शरीर में गैस की समस्या (एसिडिटी) से निजात दिलाता है
- आँखों की रोशनी बढाने में सहायक
- बालों का झड़ना रोकता है
- हाई ब्लड प्रेशर को करे नार्मल
- शुगर की बीमारी को करे कंट्रोल
- मोटापा कम करके वजन सामान्य करने में सहायक
- भूख बढाने में कारगर औषधि
- मूत्र संबंधी दिक्कतों से दिलाये निजात
- मलेरिया से दिलाता है राहत
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आइये अब इसके वारे में विस्तार में जानते हैं-

कब्ज के रोगियों के लिये लाभकारी
भारतीय आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो कब्ज़ को काफी गंभीर बिमारियों की जड़ माना गया है. यदि कोई व्यक्ति कब्ज़ से जूझ रहा है तो भविष्य में ये बीमारी बवासीर या भगंदर जैसी कई बड़ी बिमारियों का रूप ले सकती है . त्रिफला चूर्ण कब्ज़ जैसी भयानक समस्या को दूर करने के लिए काफी असरदार दवा मानी गई है. इसकी विशेषता ये है कि ये लम्बे समय से चली आ रही कब्ज़ की समस्या से भी निजात दिला सकती है.
कब्ज़ के लिए त्रिफला का सेवन कैसे करें-
कब्ज़ की समस्या से निजात पाने के लिए रात को सोने से पूर्व गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच अर्थात 5 से 8 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करें.
पेट साफ करके पाचन शक्ति बढाने में सहायक
पाचन शक्ति का कमजोर होना भी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. भारतीय आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो त्रिफला चूर्ण में ऐसे गुण विद्यमान हैं जो पाचन शक्ति को मजबूत करते हैं तथा पेट संबंधी बिमारियों का खतरा काफी हद तक कम करने में सहायक होते हैं. तो यदि आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो त्रिफला चूर्ण का सेवन शुरू कर दें.
पेट साफ़ करने के लिए त्रिफला का सेवन कैसे करें-
पेट साफ़ करने के लिए भीरात को सोने से पूर्व गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच अर्थात 5 से 8 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करें.
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शरीर में गैस की समस्या (एसिडिटी) से निजात दिलाता है
आजकल उम्र कुछ भी हो लेकिन फैटी लीवर के साथ साथ एसिडिटी की समस्या बिलकुल आम बात हो गई है. इस प्रकार की दिक्कत अनियमित रहन सहन एवं ऊल जुलूल खानपान के कारण से पैदा होती है. त्रिफला चूर्ण इन सभी चीज़ों के लिए एक रामबाण औषधि है पेट फूलने, पेट में गैस की दिक्कत यानि हाइपरएसिडिटी आदि सभी रोगों में त्रिफला चूर्ण आराम देता है.
शरीर में गैस की समस्या के लिए त्रिफला का सेवन कैसे करें–
आधे चम्मच अर्थात 3 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को सादा पानी से प्रतिदिन सुबह दोपहर और शाम कम से कम तीन टाइम अवश्य लें.

आँखों की रोशनी बढाने में सहायक
त्रिफला चूर्ण का एक ऐसा लाभ जिसके विषय में काफी कम लोगों को मालूम होगा वो ये है त्रिफला चूर्ण आखों की रौशनी बढाने में काफी मददगार होता है. यह न केवल आँखों को स्वस्थ रखता है बल्कि आँखों की रौशनी भी बढाता है.
आँखों की रोशनी बढाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें-
रात को एक चम्मच अर्थात 8 से 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण सादा मतलब ताजा पानी में भिगो दें. अगली सुबह इस मिश्रण को कपडे या छलनी से छानकर पानी अलग करें और उसी पानी से आंखों को धोएं. इस प्रक्रिया को एक दिन छोड़कर किया जा सकता है लेकिन इसे लगातार 2 से 3 महीने करने से चमत्कारी लाभ देखने को मिलते हैं. ऐसा करने से न केवल आँखें स्वस्थ रहती हैं बल्कि आँखों की रौशनी भी बढती है.
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बालों का झड़ना रोकता है
आजकल बाल झड़ने की बीमारी काफी कॉमन हो गई है. खासकर बड़े शहरों में तो लगभग 80% आबादी इस रोग से ग्रसित है. इसका एक मुख्या कारण ये है कि बड़े शहरों में प्रदुषण काफी होता है तथा पानी को शुद्ध करने के लिए अमोनिया या पोटेशियम परमेंग्नेट का प्रयोग किया जाता है. इस दोनों चीज़ों का सीधा असर बालों पे पड़ता है. ऐसी स्थिति में आयुर्वेद आप की काफी सहायता कर सकता है आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो त्रिफला चूर्ण का सेवन बालों के गिरने की समस्या से निजात दिला सकता है सकता है वो भी बिना बालों को नुकसान पहुचाये.
बालों का झड़ना रोकने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें–
2 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 125 एमएल लौह भस्म में मिलाकर रोजाना सुबह और शाम को सादा पानी से सेवन करें. लौह भस्म आपको आसानी से किसी भी पतंजलि स्टोर पर मिल जाएगी या फिर आप इसको ऑनलाइन नीचे दिए हुए लिंक से भी खरीद सकते हैं-
मोटापा कम करके वजन सामान्य करने में सहायक
यदि व्यक्ति बढ़ते वजन के कारण दुखी है और इस समस्या से शीघ्र ही छुटकारा पाना चाहे, तो त्रिफला चूर्ण एक कारगर दवाई है. आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो त्रिफला पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है जिसके कारण टोक्सिंस शरीर में प्रवेश नहीं करते और कोलेस्ट्रोल तथा SGPT एवं SGOT जैसी समस्यें भी दूर रहती हैं और मोटापा खुद ब खुद कम हो जाता है. अतः प्रतिदिन त्रिफला चूर्ण का सेवन अत्यंत लाभकारी है .
मोटापा कम करके वजन सामान्य करने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें–
लगभग 200 से 250 मिली ग्राम पानी में एक चम्मच अर्थात 8 से 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण मिला दें इसे रात भर भीगा रहने दें. अगली सुबह इस पानी को लगातार उबाल कर आधा कर लें. अब इस बचे हुए पानी का 2 चम्मच शहद के साथ सेवन करें. प्रतिदिन इसका सेवन कुछ ही हफ़्तों में मोटापे की समस्या से निजात दिला देगा.
भूख बढाने में कारगर औषधि
त्रिफला तीन फलों का एक विशेष मिश्रण है जिसमें हरड़ बहेड़ा और आंवला शामिल रहते हैं .दरअसल ये तीनों के तीनों फल पेट के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं. इसी कारण से पेट से जुड़ी अधिकतर बिमारियों के लिए त्रिफला चूर्ण को रामबाण औषधि की संज्ञा दी जाती है.
भूख बढाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें-
भूख बढाने के लिए 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को सामान्य तौर पर सोने से पहले गरम पानी के साथ सेवन करना चाहिए.
मूत्र संबंधी दिक्कतों से दिलाये निजात
त्रिफला चूर्ण मूत्र संबंधी विकारों से निजात दिलाने की एक प्रभावशाली दवा मानी जाती है. इसके प्रयोग से से रूक-रूक कर पेशाब आनाया फिर पेशाब में जलन जैसी समस्याओं से निजात मिलती है.
मूत्र संबंधी दिक्कतों से निजात पाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें
त्रिफलाचूर्ण , आधा चम्मच चिरौंजी तथा अनार का एक साथ सेवन करने से मूत्र संबंधी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है.
मलेरिया से दिलाता है राहत
हमारे भारत में मौसम का मिजाज़ बदलने के साथ साथ बीमारियाँ भी अपना रूप बदलती रहती हैं. जैसे मानसून तथा गर्मियों के मौसम में मलेरिया का असर काफी हद तक देखने को मिलता है. मलेरिया मच्छरों के माध्यम से से फैलने वाली एक घातक बीमारी है जो बच्चों को सबसे पहले अपनी चपेट में लेती है. त्रिफला चूर्ण मलेरिया के बुखार से निजात दिलाने में काफी असरदार औषधि है. ख़ास बात ये है कि इसका सेवन किसी भी आयु के लोग कर सकते हैं.
मलेरिया से राहत पाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें
एक से डेढ़ चम्मच से त्रिफला को एक गिलास ताजा पानी के साथ उबालकर इसका काढ़ा बना लें एवं इसका दिन में 2 से 3 बार सेवन करने से मलेरिया में काफी आराम मिलता है.
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कैसे और कितना खाया जाता है त्रिफला चूर्ण-
आधे चम्मच लगभग 3 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले करें. ध्यान रखें की इसका सेवन दूध के साथ ना करें क्योकि आंवला एसिटिक होता है जिसे दूध के साथ लेना ठीक नहीं रहता. इसे खाने के आधे घंटे बाद आप दूध ले सकते हैं.

Baheda tree –
बहेड़ा के पेड़ 18-30 मीटर तक लंबा होता है और जिसकी खाल 2 सेंटीमीटर तक मोटी होती है और पत्ते बरगद के पत्तों के समान होते हैं। वैसे तो baheda tree लगभग हर राज्य में मिलते हैं पर पहाड़ी या ऊंची इलाकों में ज़ादा पाए जाते हैं. इसके पेड़ में फल भी होते हैं जो की अंडे के आकार के होते हैं जिनमें बीज भी होता है. इस फल के छिलके अक्सर औषधि बनाने के काम आते हैं.
Baheda benefits in hindi –
त्रिफला चूर्ण की तरह चमत्कारी होता है बहेड़ा चूर्ण या baheda powder। Baheda churna कई मायनों में इंसानों के लिए लाभकारी है। बहेड़ा के फायदे बहुत हैं. इससे कब्ज से लेकर बुखार तक कई बीमारियाँ दूर की जाती हैं. इसके अलावा इसमें काफी मात्रा में एंटीआक्सीडेंट मौजूद होता है और कई रोगाणु रोधी तत्व भी होते हैं. Baheda ke fayde से भारत के ऋषि पहले से इतने परिचित थे की बहेड़ा का उपयोग हर घर मे लगभग आज भी होता है.
कैसे और कितना खाया जाता है बहेड़ा चूर्ण-
आधे चम्मच लगभग 3 से 5 ग्राम बहेड़ा चूर्ण का सेवन गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले करें. ध्यान रखें कि इसका सेवन भी दूध के साथ ना करें. इसे खाने के आधे घंटे बाद आप दूध ले सकते हैं .
Divya Baheda churn –
अगर पाठकों को Baheda churna का उपयोग करने में दिलचस्पी है तो उन्हें घर में बहेड़ा चूर्ण बनाने में बहुत कठिनाई हो सकती है इसलिए divya Baheda churna खरीदे और उसे उपयोग में लाएं। ये चूर्ण भी घर में बनाये प्राकृतिक चूर्ण की तरह असरदार और लाभकारी है.
अंततः हम ये ही कहेंगे की भले ही त्रिफला चूर्ण के नुकसान नगण्य हैं लेकिन फिर भी अगर आप किसी बड़ी या गंभीर बीमारी के उपचार के लिए त्रिफला का उपयोग करते हैं तो किसी अच्छे वैध की सलाह ले लें तो ठीक रहेगा. हो सकता है की किसी बीमारी के साथ साथ आप को ठण्ड भी हो तो ऐसी स्थिति में आपको आमला लेना ठीक नहीं रहेगा तो काफी हद तक दवाई आपके शरीर की ओवरआल स्थिति पर निर्भर करती है.
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