आयुर्वेद में त्रिफला को बहुत ही लाभकारी माना गया है। आमतौर पर लोग त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna ke Fayde) का पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस व कब्ज के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए भी इसका सेवन किया जाता है। आज हम triphala churna ke fayde hindi me discuss करेंगे |
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त्रिफला चूर्ण
वैज्ञानिकों का मत है कि त्रिफला को आयुर्वेद की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। त्रिफला चूर्ण को तीन अहम सामग्री से बनाया जाता है इसलिए इसका नाम त्रिफला है, जिनको सूखाकर, पाउडर बनाकर और फिर बनाया जाता है। यह सामग्री हैं- आंवला, बहेड़ा और हरड़। इन तीनों को एक साथ मिलाने से यह सेहत से जुड़े फायदे देते हैं जिसके बाद इस मिश्रण को त्रिफला कहा जाता है। त्रिफला चूर्ण के लाभ कई हैं जैसे कि इसको कई सारी बीमारी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि त्रिफला का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है लेकिन सबसे ज्यादा फायदे त्रिफला का सेवन प्राकृतिक रूप से करने पर मिलते हैं।
Himalaya Triphala
विशेषज्ञों की राय के अनुसार हिमालय त्रिफला कैप्सूल शत प्रतिशत प्राकृतिक हर्बल यौगिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा की आधारशिला है। त्रिफला मतलब तीन फ़ल जो की बराबर-बराबर मात्रा मे मिलाए गये है करौदा (अमलकी), चेबुलिक हरड़ (हरतकी) और बेल्लीरिका हरड़ के (बिभीतकी)। ऐसा कहा गया है कि त्रिफला शरीर के आंतरिक अंगो का अच्छे से ध्यान रखता है व उनको मजबूती प्रदान करता है जैसे एक मॉँ अपने बच्चे का ख्याल रखती है। त्रिफला का इस्तेमाल बहुत सी आयुर्वेदिक दवा बनाने मे किया जाता है। त्रिफला एक प्रभावी रक्त शोधक है जो कि पित्त स्राव को उत्तेजित करता है और पूरे शरीर में सीरम कोलेस्ट्रॉल और लिपिड स्तर को समान्य रखता है। लम्बे समय तक प्रयोग मे लेने के बाद ये शरीर का बजन घटाने मे भी मदद करता है। यह पेट को दुरुस्त बनाए रखता है।
Patanjali Triphala Churna And Triphala Churna Ke Fayde
पाचन संबंधी क्रियाओं के लिए असरदार
विशेषज्ञों की राय के अनुसार पतंजलि का त्रिफला चूर्ण पाचन सम्बन्धी समस्याओं के लिए एक अचूक औषधि है। त्रिफला चूर्ण पाचन संबंधी क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा दस्त, कब्ज एवं अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।
सोने से पहले या सुबह ख़ाली पेट नियमित रूप से एक चम्मच पतंजलि त्रिफला चूर्ण का सेवन करना अत्यंत लाभदायक होता है जोकि गैस की बीमारी को दूर करता है।
ध्यान रहे कि यदि आपको कब्ज की बीमारी है तो आपको रोज रात में दो चम्मच त्रिफला चूर्ण का गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
रक्तचाप नियंत्रित करे
डॉक्टरो के मुताबिक पतंजलि त्रिफला चूर्ण एंटी-स्पैस्मोडिक गुणो से परिपूर्ण होता है जो रक्तचाप के स्तर को सामान्य बनाता है और ब्लड प्रेशर बढनें से शरीर की रक्षा करता है।
त्रिफला चूर्ण के सेवन से रक्तचाप की दर को मजबूत बनाया जा सकता है जिससे हृदयघात जैसे घातक रोग से बचने में सहायता मिलती है।
सांस की बदबू दूर करे
डॉक्टरो का मानना है कि यदि आपको साँस की बदबू की समस्या है तो पतंजलि त्रिफला चूर्ण का सेवन आपको लाभ पहुँचा सकता है। इसके लिए आपको आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण और शहद एक साथ लेना होगा।
इसके अतिरिक्त आप गर्म पानी में 1 चम्मच पतंजलि त्रिफला चूर्ण और एक चम्मच नमक मिलाकर क़ुल्ला भी कर सकते हैं। यह दोनों ही साँस की बदबू को दूर करते हैं।
बालों का झड़ना कम होना
ध्यान देने वाली बात यह है कि पतंजलि का त्रिफला चूर्ण बालों की समस्याओं के लिए भी लाभकारी है। यदि आपके बाल तेज़ी से झड़ रहे हैं तो त्रिफला चूर्ण आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलायें। इस को आप पी भी सकते हैं और बालों की जड़ों में लगा भी सकते हैं। दोनों से ही आपके बाल झड़ने की समस्या से राहत मिलेगी।
मधुमेह से छुटकारा पाना
विशेषज्ञों की राय के अनुसार त्रिफला चूर्ण के सेवन से मधुमेह से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए आप रोजाना नियमित रूप से पतंजलि के त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करें।
ध्यान देने वाली बात यह है कि त्रिफला चूर्ण कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन की खपत के स्तर को मजबूत बनाता है जिससे हमें अतिरिक्त इंसुलिन शॉट्स लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आयुर्वेद के डॉक्टर भी इस बीमारी में त्रिफला चूर्ण की सलाह देते हैं।
आंखों के लिए गुणकारी होना
डॉक्टरो का मानना है कि त्रिफला चूर्ण से आंखों की कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है व इसे दृष्टि में सुधार के लिए भी असरदार माना जाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को दुरस्त करता है और ग्लूकोमा व मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं को शुरुआती चरणों में ही ठीक करने के लिए जाना जाता है। आंख आने वाली समस्या में भी त्रिफला भरपूर लाभदायक रहता है। त्रिफला चूर्ण में यष्टिमधु और लौहभस्म के अलावा सप्तामृत लौह की मात्रा भी पाई जाती है, जो आंख संबंधी बीमारियों के इलाज में काफी उपयोगी होती है। शुद्ध मक्खन से बना त्रिफला घृत और त्रिफला पाउडर भी भी आंखों की सेहत के लिए लाभप्रद साबित होता है। यह आंखों के रोगों को दूर रखते हुए आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
दांत भी रहेंगे दुरस्त
डॉक्टरो का मानना है कि त्रिफला में एंटी- इंफ्लेमेट्री और एंटी- बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। त्रिफला का सेवन करने से दांतों पर मैल जमने, दांतों में कीड़े लगने, मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों से खून आने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। बच्चों के लिए भी त्रिफला का सेवन लाभप्रद माना जाता है और उनके दांत व मसूड़े बुढ़ापे तक स्वस्थ रह सकते हैं। मुंह की दुर्गंध और छालों की समस्या को दूर करने के लिए भी त्रिफला चूर्ण को रामबाण उपाय माना जाता है। त्रिफला को रात भर पानी में भिगोकर रखें, सुबह ब्रश करने के बाद इस पानी को कुछ देर तक अपने मुंह में भरकर रखें। थोड़ी देर बाद मुंह से इस पानी को निकाल दें। बच्चों के दांतों को दुरस्त रखने के लिए यह उपाय भरपूर लाभप्रद साबित हो सकता है।