ज़्यादातर हिंदू परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है. लेकिन धार्मिक महत्व के अलावा तुलसी को एक औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है तुलसी|
आयुर्वेद में तुलसी तथा उसके विभिन्न औषधीय गुणों का एक विशेष स्थान है. तुलसी को संजीवनी बूटी के समान भी माना जाता है| Tulsi ke fayde असीमित हैं |आज हम tulsi ke fayde hindi me discuss करेंगे | इस पेज में हम tulsi ke fayde के साथ साथ tulsi ke beej ke fayde in hindi, भी बताएंगे |
Tulsi Ke Beej Ke Fayde In Hindi
मधुमेह का उपचार
विशेषज्ञों की राय के अनुसार टाइप-2 मधुमेह के उपचार के लिए तुलसी के बीज बहुत अच्छे माने जाते हैं क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। वे आपके चयापचय (metabolism) को भी धीमा करते हैं और इस प्रकार कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित करते हैं। आप एक गिलास दूध में तुलसी के बीजों को भिगों कर नाश्ते के रूप में सेवन कर सकते हैं।
वजन कम करने में सहायक
डॉक्टरो का मानना है कि तुलसी के बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि इन बीजों में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा होने के कारण प्राप्त होता है। यह पोषक तत्व शरीर में वसा को जलाने और चयापचय (metabolism) को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तुलसी बीजों का एक और लाभकारी गुण यह भी है कि ये फाइबर से भरपूर होते हैं जो लंबे समय तक आपकी भूख को संतुष्ट रखते हैं। आप इसका उपयोग दही के साथ कर सकते हैं या हल्की भूख लगने पर स्नेक्स या फलों के साथ सलाद में भी उपयोग कर सकते हैं।
कब्ज जैसी परेशानी को दूर करना
ध्यान रहे कि शरीर को डिटोक्स (detox) करने और कब्ज जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए तुलसी के बीजों का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसके लिए आप कुछ दिनों तक सोने से पहले एक गिलास दूध में तुलसी के बीजों को मिलाकर इसका सेवन करें। यह आपके पेट को साफ करने का काम करता है। इनमें वाष्पशील तेल होते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से गैस को निकालने में मदद करते हैंऔर पाचन में सहायक होते हैं।
कफ और खासी में आरामदायक
विशेषज्ञों का मत है कि आयुर्वेदिक औषधी तुलसी के बीजों में एंटीस्पाज्मोडिक (antispasmodic) गुण होते है, जिसके कारण यह स्पास्मैटिक (spasmatic) मांसपेशियों में तनाव को कम करते हैं और उन्हे आराम दिलाने में मदद करते हैं। इस तरह वे काली खांसी (whooping cough) को नियंत्रित करने मे मदद करते हैं। तुलसी बीज में उपस्थित फ्लैवोनोइंड्स वेसिनिन (vicenin), ओरिएंटिन और बीटा कैरोटीन शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने में भी मदद करते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना
अध्ययनों से पता चलता है कि मीठे तुलसी के बीज एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इन बीजों में पाये जाने वाले औषधीय गुण एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis), धमनियों और रक्त वाहिकाओं में प्लेक को हटाने का काम करते हैं। जिससे दिल पर तनाव कम हो जाता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना भी कम हो जाती है।
त्वचा और बालो के लिए लाभदायक
डॉक्टरो का कहना है कि नारियल तेल में तुलसी के बीजों को कुचल कर मिलाने और प्रभावित क्षेत्र में लगाने से एक्जिमा और सोरायसिस जैसे कई त्वचा संक्रमणों का उपचार किया जा सकता है। एक कप नारियल तेल में थोड़े से तुलसी बीजों को कुचल करकर मिलाएं और उपयोग करने से पहले कुछ मिनिट के लिए गर्म करें। तुलसी के बीजों को नियमित रूप से खाने से आप शरीर से कोलेजन (collagen) को कम कर सकते हैं जो नई त्वचा कोशिकाओं को बनाने के लिए आवश्यक होता है। तुलसी के बीजों में आयरन, विटामिन K और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं। इन खनिजों की उपस्थित के कारण तुलसी के बीज आपके बालों को लंबा और मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आयरन और प्रोटीन बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।
Tulsi Ke Patte Ke Fayde In Hindi
मुंह को साफ रखना
ध्यान देने वाली बात यह है कि तुलसी पीने के फायदे मुंह को साफ रखने में भी देखे जा सकते हैं। अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण तुलसी मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया और मसूड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकती है। वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार, तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। यह गुण मुंह को बैक्टीरियल संक्रमण से बचाए रखने में मददगार हो सकता है। इस प्रकार मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी के रस के फायदे देखे जा सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाना
विशेषज्ञों की राय के अनुसार रोगों से लड़ने की क्षमता को बेहतर बनाने में भी तुलसी के पत्ते खाने के फायदे देखे गए हैं। बताया जाता है कि इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इन गुणों के कारण तुलसी को अस्थमा जैसी बीमारी का उपचार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
वजन को कम करे
डॉक्टरो का मानना है कि अगर कोई वजन कम करने की कोशिश कर रहा है, तो व्यायाम और सही खान-पान के साथ तुलसी के रस के लाभ उठा सकता है। दरअसल, लैब में चूहों पर किए गए रिसर्च में 250 ग्राम तुलसी के रस को आठ हफ्तों तक रोज दो बार पीने से मोटापे से ग्रसित चूहों के वजन में कमी देखी गई है। इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री के द्वारा किए गए इस शोध के आधार पर यह कहा जा सकता है कि तुलसी रस के फायदे पूरे शरीर का वजन, बीएमआई और शरीर में इन्सुलिन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते है।
डॉक्टरो का मानना है कि आज के समय में तनाव एक बहुत आम समस्या बन गई है और इससे आराम पाने के लिए लोग कई तरह की थेरेपी अपनाते हैं। वैसे क्या आप जानते हैं कि तुलसी पत्ते के फायदे इस समस्या को कम करने में देखे गए हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह बताया गया है कि इसमें एंटीस्ट्रेस गुण होते हैं, जो स्ट्रेस से आराम दिलवा सकते हैं। रोजाना तुलसी के पत्ते का उपयोग शरीर की कोशिकाओं को डिटॉक्सिफाई करने में मदद कर सकता है। इससे दिमाग को शांत करके टॉक्सिक मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
Tulsi Ark Ke Fayde
गले की खरास –
डॉक्टरो का मानना है कि सामान्य सर्दी होने के बाद अक्सर खांसी या गले की खरास हो जाती है। जिससे आपको गले में दर्द हो सकता है। गले की खरास को दूर करने के लिए आप तुलसी अर्क का उपयोग कर सकते हैं। आप थोडें से पानी को गुनगुना करें और इसमें तुलसी अर्क को मिलाएं। इस पानी से आप गरारे करें। यह आपके गले की सूजन और खरास दोनो को ठीक कर सकता है।
सिरदर्द और माइग्रेन –
ध्यान रहे कि आपको सिरदर्द या इससे संबंधित किसी प्रकार की समस्या है। यदि ऐसा है तो तुलसी के रस का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए 1 सप्ताह तक प्रतिदिन तुलसी रस का सेवन करें। यह आपको राहत दिला सकता है।
प्रसव दर्द –
डॉक्टरो का मत है कि प्रसव के दौरान होने वाले दर्द और जन्म में लगने वाले समय को कम करने के लिए तुलसी अर्क का उपयोग किया जा सकता है।
बच्चों की उल्टी –
ध्यान देने वाली बात यह है कि बच्चों की बीमारी जैसे खांसी, सर्दी, बुखार, उल्टी और दस्त जो कि सामान्य बाल रोग होते हैं। इन समस्याओं का उपचार करने के लिए तुलसी के पत्तों का रस अनुकूल होता है। तुलसी और अदरक के रस को हल्का गर्म कर बच्चे को पिलाने से पेट दर्द से तत्काल राहत मिल सकती है।
बुखार –
डॉक्टरो का मानना है कि यदि आप बुखार से पीड़ित हैं तो तुलसी सबसे प्रभावी घरेलू उपाय हो सकता है। बुखार का उपचार करने के लिए आप तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना सकते हैं। इसके अलावा आप तुलसी से निकाले गए अर्क को भी पानी में उबाल सकते हैं। शरीर के तापमान को कम करने के लिए तुलसी के अर्क को हर 2-3 घंटों में दिया जाना चाहिए। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित कर बुखार का उपचार कर सकता है।