ACB Full Form in Electrical|कार्य का सिद्धांत|पूरी जानकारी  

Full Form in Hindi

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में ACB Full Form in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं ACB की Hindi में Full Form  क्या होती है।

ACB की फुल फॉर्म –

बता दें कि ACB की फुल फॉर्म Air Circuit Breaker होती है. एयर सर्किट ब्रेकर (एसीबी) एक प्रकार का सर्किट ब्रेकर संचालित विद्युत स्विच होता है जो विद्युत सर्किट को ओवरलोड या फिर शॉर्ट सर्किट से अधिक करंट से होने वाली हानि से बचाने के लिए हवा का इस्तेमाल किया करता है.

ACB क्या होता है –

एयर सर्किट ब्रेकर (ACB) इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल शॉर्ट सर्किट या ओवरकुरेंट से इलेक्ट्रिक सर्किट की सुरक्षा के लिए ही किया जाता है। ACB हवा में वायुमंडलीय दबाव पर अपना कार्य किया करता है। ACB का इस्तेमाल स्विचिंग तंत्र एवं विद्युत प्रणाली की सुरक्षा में ही किया जाता है।

ACB के कार्य का सिद्धांत – 

• अन्य प्रकार के सीबी की तुलना में एयर सर्किट ब्रेकर कार्य सिद्धांत पूरी तरह से अलग है। हम जानते हैं कि सीबी का मूल कार्य आर्किंग की बहाली को रोकना होता है जहां संपर्कों के मध्य की खाई सिस्टम के रिकवरी वोल्टेज का विरोध भी करेगी।

• एयर सर्किट ब्रेकर भी वही कार्य किया करता है परन्तु एक अलग तरीके से। एक चाप को बाधित करते समय, यह वोल्टेज की आपूर्ति के स्थान पर एक चाप वोल्टेज अवश्य बनाता है। इस वोल्टेज को कम से कम वोल्टेज के रूप में परिभाषित भी किया जा सकता है जो चाप को बनाए रखने के लिए बहुत ही अनिवार्य होता है। सर्किट ब्रेकर के द्वारा ही वोल्टेज की आपूर्ति को तीन अलग-अलग तरीकों से बढ़ाया भी जा सकता है।

• बता दें कि आर्क वोल्टेज को कूलिंग आर्क प्लाज्मा के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।

• एक बार चाप प्लाज्मा एवं कण गति का तापमान कम हो जाने पर, चाप को रखने के लिए अतिरिक्त वोल्टेज ढाल की बहुत ही ज़रूरत होगी। चाप को कई श्रृंखलाओं में विभाजित करके चाप वोल्टेज को बढ़ाया भी जा सकता है एक बार जब चाप पथ बढ़ जाता है तो चाप वोल्टेज को भी अवश्य बढ़ाया जा सकता है।

• जैसे ही चाप पथ की लंबाई बढ़ाई जाती है, तो प्रतिरोध का मार्ग भी चाप वोल्टेज को अवश्य बढ़ा देगा जो कि चाप पथ में इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार चाप वोल्टेज को और भी बढ़ाया जा सकता है।

  • ACB, यह एक ऐसा इलैक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल 800 Amps से 10K Amps तक के विद्युत परिपथों में Overcurrent और Short-circuit से सुरक्षा प्रदान करने के लिए ही किया जाता है।
  • यह आमतौर पर 450V से कम वोल्टेज वाले Applications में इस्तेमाल किए जाते हैं। आप 450V तक के Distribution Panels में इन Systems को देख सकते हैं।
  • एयर सर्किट ब्रेकर एक ऐसा सर्किट ऑपरेशन ब्रेकर होता है जो एक निश्चित वायुमंडलीय दाब पर Arc Extinguishing Medium के रूप में हवा के अंदर Operate भी होता है।
  • वर्तमान में बाजार में कई प्रकार के एयर सर्किट ब्रेकर्स एवं स्विचिंग गियर्स उपलब्ध हैं जो टिकाऊ, उच्च दक्षता वाले होते हैं एवं उनका Installation और Maintainance बहुत ही सरल होता है।
  • आज के समय में एयर सर्किट ब्रेकर ने ऑयल सर्किट ब्रेकरों को पूर्ण रूप से से Replace भी कर दिया है।

ACB के इस्तेमाल –

  • बता दें कि एसीबी मुख्य रूप से Plants की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जहां पर आग या विस्फोट होने की संभावनाएं कुछ अधिक बनी होती हैं।
  • दरअसल एयर ब्रेकर सर्किट, आर्क के एयर ब्रेक सिद्धांत का इस्तेमाल डीसी सर्किट एवं एसी सर्किट में 12KV तक अवश्य किया जाता है।
  • ध्यान रहे कि एयर सर्किट ब्रेकर्स में उच्च प्रतिरोधक शक्ति होती है जो Arc के प्रतिरोध को विभाजन करके, ठंडा करके एवं लंबाई में बहुत वृद्धि करके तेजी के साथ बढ़ाते हैं।
  • एयर सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल लगभग 15kV तक के Electricity Sharing System एवं NGD में भी किया जाता है।

निष्कर्ष – 

उम्मीद करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें. धन्यवाद.