CC Full Form In Hindi | प्रयोग | कुछ अन्य जानकारी 

Full Form in Hindi

CC Full Form आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में CC Full Form In Hindi  के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं CC का पूर्ण रूप क्या होता है?

सीसी (CC) का फुल फॉर्म – 

बता दें कि सीसी (CC) का फुल फॉर्म होता है “कार्बन कॉपी” जिसको अंग्रेजी मे “Carbon Copy” लिखते हैं. कार्बन कॉपी एक प्रचलित शब्द माना गया है जिसका इस्तेमाल आज भी किया जाता है। हांलाकि यह जिस प्रक्रिया का मूल रुप से वर्णन करता है उसका अभी इतना प्रचलन नही हुआ है।

सीसी (CC) का प्रयोग – 

सीसी (CC) का अभी जो इस्तेमाल किया जाता है वो मूल रूप से ईमेल (E-mail) के लिए किया जाता है। यदि आपको अपने किसी मित्र को कोई मेल (E-mail) भेजना है एवं यदि आप ये चाहते हैं कि आपके बाकी मित्रों को भी इसके बारे मे पता रहे कि आपने क्या मेल भेजा है तो आप अपने अन्य मित्रों का ईमेल (E-mail) आईडी सीसी (CC) फ़ील्ड मे डाल सकते हैं। दरअसल सीसी (CC) मे डालने से आपके सभी मित्रों को यह मालूम रहेगा कि ईमेल किस- किस को भेजा गया है तथा उन सभी के ईमेल भी आपस मे एक दूसरे को दिख जाएंगे।

बाइक में सीसी क्या होता है – 

ध्यान रहे कि सीसी घन क्षमता या सिलेंडर क्षमता को संदर्भित करता रहता है. यह घन सेंटीमीटर में मापा गया दहन सिलेंडर की क्षमता है. यह इंजन का एक अभिन्न हिस्सा बताया गया है, एवं इसकी भूमिका राइडर को बिजली की आपूर्ति करना है. उच्च सीसी, बड़ा सिलेंडर तथा इस प्रकार हवा एवं ईंधन को पचाने की इसकी क्षमता जितनी बड़ी होगी. इस प्रकार, अधिक ईंधन प्रति स्ट्रोक जलाया जाता है, एवं परिणामस्वरूप अधिक शक्ति तथा अधिक टोक़ उत्पन्न होता है. सिलेंडर की संयुक्त क्षमता को इंजन की क्षमता के रूप में अवश्य जाना जाता है.

CC का पूर्ण रूप क्या होता है – 

दरअसल CC का पूर्ण रूप घन क्षमता है. CC engine के आकार एवं क्षमता से संबंधित माना जाता है. यह पिस्टन टॉप डेड सेंटर (TDC) एवं बॉटम डेड सेंटर (BDC) के मध्य Automobile cylinder वॉल्यूम का वर्णन करता है, जहां वास्तविक सिलेंडर के भीतर दहन होता है. घन क्षमता या फिर Displacement वह मात्रा है जो पिस्टन सिलेंडर के अंदर स्वीप करता रहता है तथा यदि किसी इंजन की घन क्षमता बहुत अधिक होती है, तो इंजन का जलने वाला ईंधन एवं दक्षता कुछ अधिक होगी.

कुछ जानकारी – 

बता दें कि पुराने ज़माने में जब ज़ेरॉक्स मशीन इतना अधिक अवेलेबल नहीं था, एवं यदि किसी लेटर या फिर नोट को लिखते समय एक से अधिक कॉपी की आवश्यकता होती थी, तो एक कार्बन पेपर का इस्तेमाल अवश्य किया जाता था

इसके लिए मेन पेपर के नीचे कार्बन लगा कर दूसरा पेज लगाया जाता था, इससे जो पहले पेज पर लिखा जाता था, ठीक वही दूसरे शीट पर भी दर्ज हो जाया करता था. इस तरह से एक बार में जितने चाहे कॉपी कर लिख सकते थे.

परन्तु आज सीसी अर्थात कार्बन कॉपी का सबसे अधिक इस्तेमाल ईमेल मतलब इंटरनेट मेल भेजने में ही होता है.

जब इंटरनेट का इस्तेमाल आरंभ हुआ तो ई-मेल का चलन भी बहुत अधिक बढ़ गया. जब हम कोई ईमेल किसी को भेज रहे होते हैं, तो यदि उसके साथ और भी लोगों को हम वही मेल भेजना चाहते हैं, तथा यह भी दिखलाना चाहते हैं, कि कितने लोगों को यह मेल भेजा गया है, तो हम वहां सीसी मतलब कार्बन कॉपी का इस्तेमाल किया करते हैं.बड़े-बड़े ऑर्गेनाइजेशंस और कंपनीज में जहां किसी मेल को बहुत सारे लोगों को या एक पर्टिकुलर टीम को भेजे जाने की जरूरत होती है, CC बहुत काम का साबित होता है