आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में CM ka Full Form In Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं CM ka Full Form In Hindi क्या होता है।
सीएम की फुल फॉर्म –
ध्यान रहे कि सीएम की फुल फॉर्म चीफ मिनिस्टर (CM- Chief Minister) होता है। चीफ मिनिस्टर को हिंदी में मुख्यमंत्री कहते हैं।
ध्यान रहे कि CM एक राज्य का सर्वोच्च पद होता है एवं इस पद को प्राप्त करने वाला इस राज्य का सर्वोच्च नेता माना जाता है जो CM बनता है उसे ही किसी राज्य का मुख्य नेता बना दिया जाता है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति –
दरअसल हमारे संविधान में मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त की जाने वाली योग्यता के बारे में कोई विशेष रूप से उल्लेख नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 164 में यह कहा गया है कि मुख्यमंत्री को राज्यपाल के द्वारा ही नियुक्त किया जाएगा. हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं है कि राज्यपाल राज्य या फिर केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में किसी को भी नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है।
शक्तियां एवं कार्य –
मुख्यमंत्री की शक्तियों एवं कार्यों को निम्नलिखित प्रमुखों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है –
- दरअसल मुख्यमंत्री राज्यपाल को विधान सभा को विघटित करने का परामर्श अवश्य दे सकता है।
- मंत्रियों के मध्य विभागों का आवंटन एवं फेरबदल करने का कार्य भी एक मुख्यमंत्री ज़रूर कर सकता है।
- राय के अंतर के मामले में; वह मंत्री से इस्तीफा देने के लिए भी अवश्य कह सकते हैं।
- वह राज्यपाल के किसी भी मनुष्य को मंत्री के रूप में नियुक्त करने की सलाह भी देता है. ध्यान रहे कि यह केवल सीएम की सलाह के अनुसार राज्यपाल मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
- बताया जाता है कि मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों की गतिविधियों का निर्देश, मार्गदर्शन एवं नियंत्रण, कर सकता है।
- यदि मुख्यमंत्री इस्तीफा देते हैं तो पूर्ण मंत्रिमंडल को इस्तीफा अवश्य देना पड़ता है।
- मुख्यमंत्री राज्यपाल की औपचारिक स्वीकृत से मंत्रियों के मध्य विभागों का वितरण करना होता है. इस काम में उसे बहुत कुछ स्वतंत्रता रहती है; लेकिन उसे अपने सहयोगियों की इच्छा का आदर भी अवश्य करना पड़ता है।
- बता दें कि मुख्यमंत्री विधान सभा का प्रमुख प्रवक्ता होता है. अतः उसके आश्वासन प्रामाणिक माने जाते हैं. वह विधान सभा में सरकार की नीति या फिर अन्य ज़रूरी एवं महत्त्वपूर्ण विषयों पर भाषण अवश्य देता है।
- कहा जाता है कि मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद की बैठकों का सभापतित्व करने का कार्य भी करता है एवं सरकार के नीति-निर्धारण में उसका महत्त्वपूर्ण हाथ रहता है. हमारा अर्थ किसी भी राज्य में सभी बड़े बड़े निर्णय मुख्यमंत्री से ही पूछ के लिए जाते हैं, वह मंत्रिपरिषद एवं राज्यपाल के मध्य संपर्क की कड़ी होती है. वह मंत्रिपरिषद के फैसलों तथा अन्य शासन-सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण विषयों की सूचना राज्यपाल को ही देता है।
सैलरी क्या होती है –
यदि हम राज्य के CM की सैलरी के बारे में चर्चा करें तो प्रत्येक राज्य के CM की सैलरी पूरी तरह से अलग – अलग होती है एवं यह सैलरी कितनी मिलनी चाहिए इसको निश्चित करने का अधिकार केवल विधानसभा के पास ही होता है। किन्तु यदि मुख्यमंत्री की basic salary मान के चले तो कम से कम 55 हज़ार के आस – पास होती है। इसके साथ उनको यात्रा के लिए कम से कम 2 लाख रुपए, सचिवालय के लिए 30 हज़ार रूपए, प्रतिदिन का खर्च कम से कम 1500 रुपए अलग से दिए जाते हैं। मतलब कुल मिलाकर 286500 रूपए के करीब वेतन मिलता है।