Full-Form Of HIV AIDS What is HIV AIDS Full Form

Full-Form Of HIV AIDS | What is HIV AIDS Full Form

Full Form in Hindi

दोस्तों की  HIV AIDS फुल फॉर्म हिंदी में होती है Human Immunodeficiency Virus Infection and Acquired Immune Deficiency Syndrome.  सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि हम Full Form of  HIV AIDS in Hindi के साथ साथ इसके वारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि  HIV AIDS क्या होता है। मित्रों उम्मीद है कि आपने  HIV AIDS का नाम आपने कई बार अखबारों में या टीवी में या कंपटीशन की तैयारी कराने वाली किताबों में जरूर सुना होगा। लेकिन आज हम Full Form of  HIV AIDS Hindi me विस्तृत जानकारी के साथ आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. 

HIV का अर्थ

आपको यह बता दें कि एड्स एक तरह का संक्रामक अर्थात कि एक से दूसरे को और दूसरे से तीसरे को होने वाली एक बहुत बड़ी गंभीर बीमारी है. एड्स का पूरा नाम ‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ (acquired immune deficiency syndrome)  होता है और यह एक तरह के विषाणु जिसका नाम HIV (Human immunodeficiency virus) है, उससे फैलती है.

Also Read-पंचतंत्र सबसे रोचक मजेदार कहानियां | With Moral | Hindi Text | PDF

AIDS की फुल फॉर्म

कहा गया है कि AIDS की फुल फॉर्म “Acquired Immune Deficiency Syndrome” होती है, AIDS को हिंदी भाषा में “अक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम” कहा जाता है. दरअसल HIV एक virus का नाम है, जिसकी वजह से ही पूरे संसार की सबसे बड़ी घातक बीमारी AIDS  ही होती है ! एचआईवी कोई हिंदी नाम नहीं है, मित्रों HIV virus एक व्यक्ति में दूसरे व्यक्ति तक blood एवं सीमेन के द्वारा इनफ़ेक्शन भी करता है.

Also Read-शायरी – Romantic Shayari, Love Shayari in Hindi

एड्स के शुरुआती लक्षण

  • कई हफ्तों तक खांसी का रहना.
  • कई-कई हफ्तों तक लगातार बुखार का रहना.
  • मुँह में बहुत घाव का हो जाना
  • भूख बिल्कुल नष्ट हो जाना.
  • सोते समय बहुत अधिक पसीना का आना.
  • बार-बार दस्त हो जाना 
  • गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का बहुत अधिक हो जाना.

Also Read-शनि बीज मंत्र | Lyrics | Shani Mantra | Meaning in Hindi | PDF

AIDS से कैसे बचें

  • अपने Spouse के प्रति एकदम वफादार रहें. एक से अधिक व्यक्ति से यौनसंबंध बिल्कुल भी ना रखें.
  • यौन संबंध (मैथुन) के समय कंडोम का हमेशा इस्तेमाल अवश्य करें.
  • यदि आप एच.आई.वी संक्रमित या एड्स से पूरी तरह ग्रसित हैं तो अपने Spouse से इस बात का खुलासा ज़रूर करें. बात छुपाये रखनें तथा इसी स्थिती में यौन संबंध जारी रखनें से आपका साथी भी पूरी तरह से संक्रमित हो सकता है और आपकी संतान पर भी इसका प्रभाव बहुत तेजी से पड़ सकता है.
  • आपको हम यह भी बता दें कि अगर आप एच.आई.वी संक्रमित या एड्स से ग्रसित हैं तो रक्तदान कभी भी ना करें.
  • दरअसल रक्त ग्रहण करने से पहले रक्त का एच.आई.वी testing कराने पर ज़रूर ज़ोर दें.
  • अगर आप को HIV संक्रमण होने का संदेह हो तो तुरंत अपना एच.आई.वी testing ज़रूर करा लें. यह उल्लेखनीय है कि अक्सर एच.आई.वी के कीटाणु, संक्रमण होने के कम से कम 3 से 6 महीनों पश्चात भी, एच.आई.वी testing द्वारा पता नहीं लगाये जा सकते. अतः तीसरे एवं छठे महीने के पश्चात एच.आई.वी testing ज़रूर दोहरायें.
  • आपको बता दें कि नाई की दुकान पर पुरानी ब्लेड का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें।
  • ध्यान रहे कि समय समय पर HIV का परीक्षण अवश्य करें।
  • इंजेक्शन की सुई को किसी के साथ सांझा बिल्कुल भी नहीं करें।

Also Read-शनि बीज मंत्र | Lyrics | Shani Mantra | Meaning in Hindi | PDF

AIDS बीमारी के शुरुआती लक्षण एव कारण

आपको बता दें कि AIDS एक बहुत बड़ी खतरनाक बीमारी है यह मानव प्रतिरक्षा प्रणाली का एक रोग है जो मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) के संक्रमण के वजह से होता है. इस बीमारी के शुरुआती लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की एक संक्षिप्त अवधि हो सकती है. इसलिये सदैव सावधान रहना चाहिए जिससे AIDS जैसी सभी बीमारी से पूरी तरह से बचा जा सके.

कहा जाता है कि AIDS के फैलने का सबसे बड़ा कारण किसी भी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना है,  एचआईवी (HIV)वायरस एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के वीर्य में पाया जाता है जो इसी कारण कोई व्यक्ति यदि संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है तो उसके शरीर में भी एचआईवी का यह वायरस पूरी तरह से प्रवेश कर जाता है और वह व्यक्ति भी एचआईवी पॉजिटिव भी हो जाता है, तो इस प्रकार लैंगिक सहवास द्वारा ही एचआईवी ऐड्स सबसे अधिक फैलता है।

ऐसा कहा जाता है कि संक्रमित व्यक्ति के रुधिर को अगर स्वस्थ व्यक्ति को दे दिया जाए तो उस व्यक्ति को भी एचआईवी एड्स(HIV AIDS ) तुरंत हो जाएगा जिसे संक्रमित रुधिर दिया गया है,  इसे संक्रमित रुधिर आधान भी कहते हैं।

आपने कभी भी ड्रग्स के बारे में तो अवश्य सुना ही होगा इस दुनिया में बहुत से लोग इस ड्रग्स के आदी भी हो चुके हैं यह एक प्रकार का बहुत बड़ा नशा भी है और इस ड्रग्स का नशा लोग अलग-अलग प्रकार से किया करते हैं, कोई सूंघकर तो कोई इंजेक्शन के जरिए ऐसे में अगर कई लोगों का समूह एक साथ इंजेक्शन द्वारा ड्रग्स लेता है तथा उन व्यक्तियों में से कोई  भी एचआईवी ऐड्स से पूरी तरह संक्रमित है तो वह उस संक्रमित व्यक्ति से सभी व्यक्तियों में फैल जाएगा।

आपको बता दें कि India में एड्स का इतिहास बहुत ही पुराना है। महारभारत काल में भी इस बीमारी का उल्लेख हुआ है। भीष्म पितामह के सौतेले भ्राता विचित्रवीर्य की मृत्यु का कारण एड्स ही था। महा कबि काली दास की कृति ” रघुवंश ” में भी लेख हुआ है कि राजा अग्निवर्मा की मौत भी एड्स के कारण हुई थी। राजा अग्निवर्मा सदैव यौनाकांक्षाओं में डूबा रहा करता था।

ऐसा कहा जाता है कि भारत में एड्स का पहला रोगी सन 1986 में मिला था।  उसके पश्चात एचआईवी जांच करने के बाद कम से कम पांच से छह अन्य विद्यार्थी एचआईवी पॉजिटिव पूरी तरह से पाए गए थे। आज के समय में एड्स के सबसे केस केस महाराष्ट्र में पाए गये हैं।