Full-Form Of ISRO ISRO Full Form Hindi

Full-Form Of ISRO | ISRO Full Form Hindi

Full Form in Hindi

दोस्तों ISRO की फुल फॉर्म हिंदी में होती है Indian Space Research Organisation.  सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि हम Full Form of ISRO in Hindi के साथ साथ इसके वारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि ISRO क्या होता है। मित्रों उम्मीद है कि आपने ISRO का नाम आपने कई बार अखबारों में या टीवी में या कंपटीशन की तैयारी कराने वाली किताबों में जरूर सुना होगा। लेकिन आज हम Full Form of ISRO Hindi me विस्तृत जानकारी के साथ आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. 

ISRO का FULL FORM

आपको यह बता दें कि ISRO का पूरा नाम है “Indian Space Research Organization”. इसरो विशेष उपयोग के लिए उपग्रह उत्पाद एवं उपकरणों को विकसित कर उन्हें राष्ट्र को प्रदान करता है. इनमें भौगोलिक सूचना प्रणाली, संचार, प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन उपकरण, नेविगेशन, मानचित्रण, टेलीमेडिसिन (दूरसंचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से रोगियों के दूरस्थ निदान एवं उपचार) तथा दूरस्थ शिक्षा उपग्रह भी शामिल हैं.

दरअसल यह अंतरिक्ष विभाग (DOS) के नीचे काम करता है, जिसे सीधे तौर पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा देखा जाता है तथा ISRO के चेयरमैन भी DOS के executive के तौर पर कार्य करते हैं. आपको यह भी बता दें कि इसरो दुनिया की छः सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है जिसके पास पूर्ण प्रक्षेपण क्षमता है. यह क्रायोजेनिक इंजन (शून्य से कम तापमान पर काम करने वाले) की तैनाती, पृथ्वी या वायुमंडल के बाहर के मिशन का प्रक्षेपण एवं कृत्रिम उपग्रहों के बड़े बेड़े को संचालित करने में अधिक सक्षम है.

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ISRO का मुख्यालय

आपको यह भी बता दें कि ISRO का मुख्यालय अंतरिक्ष भवन, बैंगलोर में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि इसरो की स्थापना सन 15 अगस्त, 1969 को की गई. इसरो ने अपने पूर्ववर्ती INCOSPAR (Indian National Committee for Space Research) की जगह ली जिसकी स्थापना सन् 1962 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं भारत के महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई द्वारा की गई थी.

दरअसल हमारे देश में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की आरंभ सन 1960 दशक के प्रारंभ में हो चुकी थी. इस दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में भी satellites का प्रयोग करने वाले अनुप्रयोग experimental stages पर थे. अमेरिकी उपग्रह ‘Syncom-3’ द्वारा प्रशांत महासागर क्षेत्रों में होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों का Pacific-Region में लाइव प्रसारण कर अपने संचार उपग्रहों का शक्ति प्रदर्शन किया गया. इसे देख डॉ. विक्रम साराभाई, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है, इन्होने अपने देश के लिए अंतरिक्ष तकनीक के लाभों को तुरंत पहचान लिया.

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आपको यह भी बता दें कि डॉ. साराभाई को बहुत अधिक भरोसा भी हो गया था कि अंतरिक्ष के संसाधनों द्वारा आम जन एवं समाज की वास्तविक कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है. अहमदाबाद स्थित Physical Research Laboratory (PRL) के डायरेक्टर के तौर पर, डॉ. साराभाई ने देश के सभी कोनों में मौजूद योग्य तथा उत्कृष्ट वैज्ञानिकों, मानवविज्ञानियों, संचारकों एवं समाजविज्ञानियों को बुलाया तथा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक दल गठित किया.

कहा जाता है कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रारंभ बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से की गई थी तथा इसमें तीन अलग-अलग elements जैसे कि communication एवं remote sensing, space transportation system तथा application programmes के लिए उपग्रह को शामिल भी किया गया. सन 1962 में डॉ. साराभाई एवं डॉ. रामानाथन के नेतृत्व में INCOSPAR (Indian National Committee for Space Research) की शुरुआत की गई.

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इसरो के मुख्य कार्य

इसरो के बहुत से मुख्य कार्य हैं जो निम्नलिखित हैं

  • आपको बता दें कि इसरो का सर्वप्रथम मुख्य कार्य अंतरिक्ष में लांच होने वाले व्हीकल सिस्टम एवं साउंडिंग रॉकेट के संपूर्ण डिज़ाइन बनाने का तथा उसके विकास की प्राप्ति करने का और उन्हें ठीक तरह से अंतरिक्ष में लॉन्च करने का भी होता है.
  • उनका दूसरा प्रमुख कार्य यह है कि वह भारतीय जनता के लिए दूरसंचार टेलीविजन प्रसारण सुरक्षा आवश्यकताओं एवं सामाजिक अनु प्रयोगों के लिए समय-समय पर संचार उपग्रहों को डिजाइन करते रहे एवं उन्हें अंतरिक्ष में भेजते रहें. ताकि हम ठीक तरह से सभी प्रकार के टेलीविजन इंटरनेट तथा रेडियो आदि का प्रयोग भी कर सकें.
  • आपको यह भी बता दें कि बड़ी-बड़ी नाव के संचालन हेतु वे उपग्रहों एवं अंतरिक्ष आधारित प्रणालियों के उचित डिज़ाइन बनाते हैं और उनके विकास तथा प्राप्ति की देखरेख पूरी तरह से करते हैं.
  • ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रकृति द्वारा प्राप्त सभी प्रकार के संसाधनों के मानचित्रण पर पूरी तरह से निगरानी करने के लिए इसरो उपग्रहों के डिजाइन भी बनाता हैं, जोकि पृथ्वी पर होने वाली सभी आपदाओं का पहले से ही अनुमान लगाने में सक्षम होते हैं.
  • आपको बता दें कि कई सारे प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भी इसरो पर ही होती है जैसे प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सहायता एवं कई सामाजिक अनुप्रयोगों में योगदान भी रहता है.
  • ऐसा कहा जाता है कि अंतरिक्ष से जुड़ी जितनी भी वस्तुएँ रॉकेट या फिर कोई भी प्रकार का उपकरण बनाया गया है तो उनकी पूरी जांच परख करना तथा उनकी अच्छे से देखरेख करना भी इसरो का मुख्य कार्य भी है.

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आपको यह भी बता दें कि इसरो के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक देश के लिए कुछ ऐसे हथियार बनाना, जिनकी मदद से किसी भी प्रकार के युद्ध या फिर कोई भी सीक्रेट मिशन के लिए भारत देश की जनता एवं सरकार हमेशा तत्पर रहे.

आपको यह भी बता दें कि कमाई के मामले इसरो सबसे आगे क्योंकि, यह भारत में उपग्रहों को तो लॉन्च ही करता है इसके अलावा वह विदेशी उपग्रहों को भी लांच करता है, जिससे इसरो की अत्याधिक कमाई भी हो जाती है,  इसरो जून सन 2016 तक दुनिया के 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लांच करने का काम भी कर चुका है, जिसके पश्चात इसरो ने 10 करोड़ यूएस डॉलर की कमाई भी कर ली है |

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