आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में MC Full Form in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं MC की Full Form क्या होती है।
MC की फुल फॉर्म –
MC की फुल फॉर्म MENSTRUAL CYCLE होती है एवं इसे हिंदी में मासिक धर्म चक्र कहा जाता है। यह महिलाओं में होने वाला एक प्राकृतिक परिवर्तन होता है तथा यह महिलाओं के गर्भाशय एवं अंडाशय में होता है, यह महिला की गर्भावस्था को पूरी तरह से संभव बनाता है।
लक्षण क्या हैं –
ध्यान रहे कि रक्तस्राव के अलावा, मासिक धर्म के अन्य लक्षणों जैसे – सिरदर्द, मुँहासे, पेट फूलना, पेट में दर्द, थकान, मनोदशा में बदलाव, भोजन की खराबी, स्तन दर्द एवं दस्त भी शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि MC के दौरान आरंभ में रक्तस्त्राव के कारण बहुत ही अधिक दर्द महसूस होता है जिसे आरंभी दिनों में लड़कियों को सहन करने में अधिक कठिनाई आती है। इसके साथ ही उन्हें मानसिक रूप से चिढ़-चिड़ा पन भी होने लगता है। मासिक धर्म के दौरान लड़कियों में वजन घटने की भी परेशानी सामने आती है।
मासिक धर्म कैसे होता है –
बता दें कि यह महिला प्रजनन प्रणाली (Female reproductive system) में होने वाली नियमित प्राकृतिक परिवर्तनों को संदर्भित करता है। एवं यह सभी लड़कियों को एक ही उम्र में नहीं होता है कुछ लड़कियों को मासिक धर्म 8 से 17 वर्ष तक की उम्र में ही हो सकता है एवं कुछ देशों मे यह 12 या 13 साल की उम्र में ही पहला मासिक धर्म आरंभ हो जाता है। सामान्य तौर पर मासिक धर्म 12 से 13 वर्ष की उम्र में लड़कियों को प्रारंभ हो जाता है।
मासिक धर्म की निर्भरता जीन पर
किसी लड़की को किस उम्र में मासिक धर्म आरंभ होगा, यह बहुत सी बातों पर निर्भर करता है, यह लड़कियों के जीन की रचना एवं खान- पान, काम करने पर तथा वह किस स्थान पर रहती है, उस जगह की ऊंचाई कितनी है आदि पर निर्भर करता है।
मासिक धर्म या पीरियड्स (periods) की प्रक्रिया सभी लड़कियों को हर महीने में एक बार अवश्य आती है। यह चक्र सामान्य तौर पर 28 से 35 दिनों का होता है। जब तक महिलाएं गर्भवती होती हैं तब तक मासिक धर्म हर महीने आता है। कुछ लड़कियों मे मासिक धर्म 3 से 5 दिनों तक ही रहती है तो कुछ महिलाओं को 2 से 7 दिनों तक। हर लड़कियों के लिए यह समय अवधि पूरी तरह से अलग भी हो सकती है यह एक प्राकृतिक अवस्था है जो सभी लड़कियों एवं महिलाओं को होता है।
समस्याएं –
मासिक धर्म होने के दौरान रक्त का स्त्राव सामान्य होने पर तो कोई कठिनाई नही होती, क्योंकि यह प्राकृतिक होता है तथा सभी लड़कियों एवं महिलाओं को होता है यह एक ज़रूरी प्रक्रिया है पर अधिक स्त्राव हो रहा हो तो इससे कई प्रकार की गंभीर परेशानी भी हो सकती हैं जो इस प्रकार की हो सकती है।
1. ज्यादा रक्त स्त्राव होने से थायराइड ग्रंथि की परेशानियाँ होने की संभावना अधिक हो सकती है ।
2. यदि स्त्राव अधिक हो तो गर्भाशय के स्तर में कुछ निकलने की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
3. ध्यान रहे कि रक्त के थक्के बनने का रोग होने की कठिनाई उत्पन्न हो सकती है।
4. दबाव आदि की परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
5. ज्यादा रक्त स्त्राव होने के कारण महिलाओं मे कमज़ोरी की परेशानी उत्पन्न हो सकती है।