MCQ Full Form in Hindi | फायदे | नुकसान | सरल जानकारी

Full Form in Hindi

MCQ Full Form दोस्तों इस पोस्ट में आपको महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है| सरल भाषा में  जानिए MCQ Full Form in Hindi. 

MCQ Ka Full Form – 

MCQ Ka Full Form “मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन” (Multiple Choice Question) होती है। MCQ में आपके पास एकदम बढ़िया उत्तर चुनने के लिए 4 या 4 से अधिक विकल्प होते हैं। अपने प्रश्न का लंबा उत्तर लिखने के बजाय, आप दिए गए ऑप्शन में से सही उत्तर अवश्य चुन सकते हैं।

दरअसल इस प्रकार के सवाल सरकारी परीक्षाओं में सबसे अधिक पूछे जाते हैं। कभी-कभी, MCQ को ‘ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन‘ भी कहा जा सकता है।

बेंजामिन डी. वुड ने “मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन” टेस्ट विकसित अवश्य किया था।

MCQ के फायदे – 

  • बता दें कि वर्णनात्मक प्रश्नों के मुकाबले में एम सी क्यू प्रकार के प्रश्नों को हल करना बहुत ही सरल होता है।
  • MCQ में एक ही परीक्षा में बहुत सारे विषय शामिल होते हैं, जिससे समय की काफी बचत होती है।
  • एम सी क्यू जांचना भी बहुत ही सरल होता है, परीक्षक को बहुत सहूलियतें मिलती है।
  • आज के MCQ प्रकार के सवालों की जाँच कम्प्यूटरीकृत ही की जाती है।
  • एम सी क्यू प्रकार के सवाल बहुत अधिक समय बचाते हैं।
  • MCQ सवालों के परिणाम बहुत ही जल्दी आते हैं।

MCQ के हानि – 

  • ध्यान रहे कि एम सी क्यू-प्रकार के सवालों में उत्तरों को बढ़िया करने में परेशानी होती है क्योंकि उत्तर कई बार एक जैसे दिखते हैं।
  • MCQ प्रकार के सवालों के लिए, विद्यार्थी का अपने विषय पर पकड़ होना बहुत ही ज़रूरी होता है।
  • एमसीक्यू प्रकार के सवालों में ज्यादातर विद्यार्थी गलत विकल्प चुनते हैं, जिससे उनके अंक नकारात्मक हो जाते हैं।

Q. किस शहर को “भारत की आईटी राजधानी” के रूप में माना जाता है?

A. बैंगलोर

B. मुंबई

C. कराची

D. हैदराबाद

दरअसल जब आप कंपटीशन के परीक्षा में बैठते हैं तब प्रश्न दिए जाते हैं जिनमे हर एक प्रश्न के चार विकल्प होते हैं और उनमे से एक विकल्प सही होता है तथा आपको उन चार विकल्प में से किसी एक विकल्प को चुनना होता है जो कि वह सही होता है। तो इसी तरह के प्रश्नों को बहु विकल्पीय प्रश्न भी कहते हैं।

अगर सरल भाषा में कहें तो MCQ का इस्तेमाल कंपटीशन परीक्षाओं में जैसे IAS , PCS , SSC तथा अन्य जितनी भी कंपटीशन की परीक्षाएं होती है उनमें ही किया जाता है तथा छात्रों को चयनित भी किया जाता है। इस विधि का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें छात्रों को परीक्षा देने में आसानी होती है एवं पास हुए छात्रों की गड़ना बहुत ही सरलता से की जा सकती है।