MRI Full Form In Hindi What Is The Meaning of MRI In Medical

 MRI Full Form In Hindi | What Is The Meaning of MRI In Medical

Full Form in Hindi

मित्रों MRI की फुल फॉर्म Magnetic Resonance Imaging होती है. ऐसी ही अन्य Full Forms in hindi जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट hellozindgi.com से जुड़े रहिये. तो आइये दोस्तों जानते हैं कि Full Form of MRI in Hindi क्या होती है. दोस्तों अगर आप के मन में भी ये शंका है कि MRI ka full form kya hai तो आप ठीक जगह पे हैं.  देखते हैं MRI ka full form Hindi mai.

MRI का FULL FORM

आपको यह बता दें कि MRI का अर्थ है मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन, जिसमें आम तौर पर कम से कम 15 से 90 मिनट तक अवश्य लगते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन सा, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन किया जाना है. कितनी तस्वीरें ली जानी हैं. ये रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर अपना कार्य करता है.

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MRI का अर्थ होता है

दरअसल MRI को विश्व की बड़ी खोजों में एक ही माना जाता है, MRI का अर्थ होता है “Magnetic Resonance imaging scan” होता है | इसका इस्तेमाल इस बात पर निर्भर करता है कि रोगी के किस भाग को स्कैन किया जाना आवश्यक होता है और यह कितना बड़ा भाग है, इस स्कैन में कितनी फोटो खींची जानी है | इसमें रेडिएशन के स्थान मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल भी किया जाता है | यह एक्स रे और सीटी स्कैन से पूर्ण रूप से से अलग रहती है |

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एमआरआई का इस्तेमाल

आज के समय में एमआरआई का इस्तेमाल बहुत तेजी के साथ से बढ़ रहा है, इसका उपयोग बारीक़ बीमारी का पता लगाने के लिए ज़रूर किया जाता है | सामान्यतः एमआरआई टेस्ट को मस्तिष्क के अनियंत्रण, स्टोक, मस्तिष्क में ट्यूमर साथ ही रीढ़ की सूजन का पता लगाने के लिए ही अवश्य किया जाता है |

MRI स्कैन का इस्तेमाल शरीर के प्रत्येक भाग की जाँच के लिए किया जाता है | यह इस प्रकार से है-

  • स्तनों की जांच
  • दिमाग एवं रीढ़ की हड्डी की जांच
  • ह्रदय तथा रक्तवाहिकाओं की जांच
  • हड्डियों एवं जोड़ों की जांच

लिवर, गर्भाशय तथा पौरुष ग्रंथि आदि की जांच

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MRI स्कैन क्या होता है

अगर आपको अपनी MRI स्कैन को करवाना है तो आपको डॉक्टर को इसकी पूर्ण रूप से जानकारी अवश्य देनी होगी | जानकारी में आपको अपने शरीर में बने टैटू या दांत या कान में किसी प्रकार की चीज डलवाई है तो उसके विषय में डॉक्टर को पहले से ही जानकारी अवश्य प्रदान कर देनी चाहिए | यदि आप पहले किसी भी दवा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं, तो भी आपको इसके बारे में डॉक्टर को पहले ही जानकारी अवश्य दे देनी चाहिए |

एमआरआई के कमरे में धातु की कोई भी चीज ले जाने की कोई अनुमति नहीं दी जाती है | यह इसलिए की एमआरआई मशीन धातु को एकदम से अपनी तरफ खींचता है | यह सभी स्कैन के समय बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकते हैं | दरअसल डॉक्टर आपको MRI स्कैन के चार घंटे पहले कुछ भी खाने या पीने के लिए ज़रूर मना करते हैं | कभी-कभी आपको पहले से बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है | इसका निर्धारण स्कैन होने वाले क्षेत्र के अनुसार ही किया जाता है |

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खर्च

ऐसा कहा जाता है कि एमआरआई टेस्ट में कम से कम 4 से 5 हजार रुपये तक की खर्च आता है | कई हॉस्पिटल इसके लिए केवल 10 हजार रूपये तक भी लेते हैं | सरकारी अस्पताल में यह सबसे कम मूल्य पर किया जाता है वहां पर 1500 रूपये से 2000 रूपये में यह निश्चित किया जाता है | 

अन्य जानकारी

आपको बता दें कि इसमें MRI Scan Muscles, Ligaments तथा Tendons, Nerve Roots और इसमें बढ़िया रूप से हड्डी को दिखाया जाता है | इसमें एक्स-रे और सीटी स्कैन से जुड़े विकिरण जोखिम भी नहीं रहते हैं | एमआरआई मशीन में शरीर में हाइड्रोजन प्रोटॉन चुंबक के संपर्क में आने पर उसी दिशा का सामना करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र के साथ संरेखित भी हो जाते हैं | यह इसलिए होता है कि मानव शरीर में ज्यादातर पानी की मात्रा होती है | इसमें हाइड्रोजन प्रोटॉन जो चुंबकीय क्षेत्र पर प्रतिक्रिया भी करते हैं वह सभी प्रकार के उत्तकों में अवश्य पाया जाता है | इसमें एक रेडियो तरंग को शरीर में भेजा जाता है | यह प्रोटॉन को चुंबकीय क्षेत्र से 90 या फिर 180 डिग्री तक प्रभावित भी करते हैं |

उस मनुष्य का एमआरआई बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता है जिसके शरीर के अंदर कोई धातु होती है | उसमे गोलियां, छर्रों, या अन्य विदेशी धातुओं का इस्तेमाल करने वाले मनुष्यों का एमआरआई नहीं किया जाता है | इसमें मेडिकल डिवाइस कॉक्लियर इंप्लांट, एन्यूरिज्म क्लिप तथा पेसमेकर भी शामिल होता है |

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MRI टेस्ट कितनी देर में हो जाता हैं

आमतौर पर इस टेस्ट को पूर्ण होने में लगभग 15 मिनट से लेकर कम से कम 90 मिनट का समय अवश्य लग जाता हैं, एमआरआई टेस्ट होने में कितना समय लगता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन – सा हिस्सा स्कैन करना हैं, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन करना हैं तथा कितनी तस्वीरें भी ली जानी हैं। 

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MRI के नुकसान

वैसे तो हमें इससे बहुत से फायदे होते हैं लेकिन कभी कभी यह मशीन बहुत ही ख़तरनाक साबित हो सकती हैं जिसमे मनुष्य की जान तक भी जा सकती है। अब आपके मन में यह सवाल अवश्य होगा कि आखिर ये मशीन किस तरह से जानलेवा हो सकती हैं? मित्रों वैसे तो रोगी को इस मशीन तक ले जानें से पहले यह निश्चित किया जाता है कि रोगी के पास कोई भी धातु की वस्तु ना हो परंतु कभी कभी अनजाने में गड़बड़ी भी अवश्य हो जाती हैं। यदि रोगी के पास कोई धातु की वस्तु होती हैं तो वो बहुत ही ख़तरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि मैगनेट धातु की वस्तुओं को अपनी और बहुत ही तीव्र गति से आकर्षित करते हैं, इस स्थिति में शरीर को बहुत ही गंभीर चोट अवश्य लग सकती है।