NABARD Full Form in Hindi | क्या है | संपूर्ण जानकारी

Full Form in Hindi

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NABARD का फुल फॉर्म –

ध्यान रहे कि NABARD का फुल फॉर्म National Bank For Agriculture and Rural Development या राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक होता है. इसका मुख्यालय (headquarter) मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है. नाबार्ड की स्थापना (NABARD Established Date) वर्ष 12 जुलाई सन 1982 में विकास मदद एवं ‘गरीबी में कमी’ लाने के लिए ही की गई थी. इस लेख के माध्यम से हम NABARD Function एवं उससे जुड़ी अन्य जानकारियाँ देंगे. उड़ी आप बैंकिंग सेक्टर में जॉब करने की इच्छा रखते हैं तो आपके लिए यहाँ जानकारी महत्वपूर्ण हैं.

नाबार्ड क्या है – 

दरअसल नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं अन्य गतिविधियों के लिए ऋण से सम्बंधित क्षेत्र में कार्य करता है. देश में NABARD के कई कार्यालय हैं जिनमें से प्रत्येक के पास कई विभाग भी हैं जो विशिष्ट उद्देश्यों एवं जिम्मेदारियों को पूर्ण किया करते हैं. डॉ. जी. आर. चिंतला (Dr. G.R. Chintala) 27 मई सन 2020 से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष हैं.

इतिहास – 

बताया जाता है कि यह पहले RBI सक्रिय रूप से कृषि वित्त से जुड़ा हुआ था जो धीरे-धीरे कठिन होने लगा एवं Agricultural Refinance and Development Corporation (ARDC) पुनर्वित्त की ज़रूरतों को पूर्ण करने में असमर्थ था. इसलिए RBI ने कृषि वित्त से स्वयं को दूर करने का निर्णय लिया एवं जब श्री सिरमारन के अधीन एक समिति गठित की गई, जो इसके पहले अध्यक्ष थे. शिवरामन समिति के द्वारा दी गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया एवं उसके पश्चात 12 जुलाई सन 1982 को नाबार्ड का गठन किया गया. नाबार्ड के वर्तमान अध्यक्ष – डॉ. जी. आर. चिंतला (Dr. G.R. Chintala) 27 मई सन 2020 से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष हैं.

जिम्मेदारियां – 

  • ध्यान रहे कि नाबार्ड कृषि क्षेत्र को पुनर्वित्त सुविधा प्रदान करता है.
  • यह कृषि क्षेत्र में, नीति, योजना एवं संचालन ’से संबंधित मामलों तथा ग्रामीण भारत में अन्य विकासात्मक गतिविधियों से पूरी तरह से संबंधित है.
  • यह उन संस्थानों को भी पुनर्वित्त(refinance) करता है जो ग्रामीण क्षेत्रों को वित्तीय मदद प्रदान किया करते हैं.
  • यह उन संस्थानों को प्रशिक्षित करने में भी शामिल है जो ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान की दिशा में अपना कार्य कर रहे हैं.
  • यह ग्रामीण विकास के उद्देश्य से कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए भी बहुत अधिक जिम्मेदार है.
  • ऐसा कहा जाता है कि आरआरबी का विनियमन एवं पर्यवेक्षण ( Regulation and supervision ) नाबार्ड की एक अन्य महत्वपूर्ण भूमिका है. यह राज्य सहकारी बैंकों (SCBs), जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों (DCCB) एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की देखरेख भलीभांति किया करता है.

कार्य क्या है- 

दरअसल नाबार्ड के प्रमुख कामों में ग्रामीण भारत, विशेषकर किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को संबोधित करना होता है. नाबार्ड के कामों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है: 

  • वित्तीय, 
  • विकासात्मक 
  • पर्यवेक्षण; 

इन तीनों के माध्यम से एक सशक्त एवं आर्थिक रूप से समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण करना होता है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगभग हर पहलू को स्पर्श ज़रूर करता है.