हिंदी के हिसाब से Padarth का पूरा अर्थ जानें वो भी गहराई से

हिंदी के हिसाब से Padarth का पूरा अर्थ जानें | वो भी गहराई से 

Full Form in Hindi

आइए जानते हैं padarth का अर्थ हिंदी में। padarth की पूरी जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ

बता दें कि रसायन विज्ञान एवं भौतिक विज्ञान के अनुसार प्रत्येक चीज जिसका कोई निश्चित भार (द्रव्यमान) होता तथा वह स्थान घेरती है, पदार्थ कहलाता है पृथ्वी में पदार्थ तीन अवस्थाओं में मुख्यतः पाए जाते हैं ठोस, द्रव, एवं गैस । पदार्थ बहुत से छोटे-छोटे परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें हम अपनी खुले ऑखों से बिल्कुल भी नहीं देख सकते।

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पदार्थ का वर्गीकरण

पदार्थ में उपस्थित अवयवों के आधार पर इन्हें कम से कम दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है-

  • पदार्थ का भौतिक वगीकरण
  • पदार्थ का रासायनिक वगीकरण

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पदार्थ के गुण

किसी पदार्थ मे कम से कम दो प्रकार के गुण होते हैं (1) बाहरी गुण एवं  (2)आंतरिक गुण

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(1) बाहरी गुण पदार्थ के गुण जिन्हें हम अपनी आंखों एवं इंद्रियों से अनुभव कर सकते हैं वह सभी वस्तुएँ बाहरी गुण या भौतिक गुण के अंतर्गत आता है।

(2)आंतरिक गुण- जबकि पदार्थ के वैसे गुण जो आंतरिक परीक्षण एवं व्यवहार से पता चलता है आंतरिक गुण या रसायनिक गुण कहलाता है।

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पदार्थ के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • पदार्थ सूक्ष्मतम कणों यानी कि परमाणुओं या अणुओं से मिलकर बने होते हैं।
  • हमारे आस-पास के पदार्थ कम से कम तीन भौतिक अवस्थाओं ठोस, द्रव एवं गैस में पाये जाते हैं।
  • ठोस पदार्थ के कणों के मध्य लगने वाला अन्तराण्विक बल प्रबलतम तथा गैस पदार्थ में दुर्बलतम होता है जबकि द्रव पदार्थ के कणों में इन दोनों के मध्यवर्ती होते हैं।
  • ठोस के कणों की परतों में फिसलन बिल्कुल भी नहीं होता, जबकि द्रव के कणों में फिसलन बहुत अधिक होता है एवं गैस के कण स्वतंत्र विचरण करते हैं। इस प्रकार ठोस में बहाव नहीं होता जबकि द्रव और गैस में बहाव की प्रवृति (तरलता का गुण) कुछ अधिक होती है जिसके कारण द्रव और गैस तरल हैं।
  • ठोस पदार्थ के कणों के मध्य रिक्त स्थान एवं गतिज ऊर्जा दोनों न्यूनतम होते हैं जबकि गैसीय पदार्थ में ये दोनों ज्यादातर द्रव में दोनों के मध्यवर्ती होते हैं।
  • पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन ताप एवं दाब में परिवर्तन लाकर किया जा सकता है।
  • वह पदार्थ जो ठोस से द्रव में परिवर्तित हुए बिना सीधे गैस अवस्था में तथा  गैस अवस्था से सीधे ठोस अवस्था में आ जाता है, उसे ऊर्ध्वपात कहा जाता है एवं इस क्रिया को ऊर्ध्वपातन भी कहते हैं।
  • ठोस जिस तापमान पर द्रव में बदलता है उसे गलनांक या द्रवणांक कहते हैं तथा द्रव जिस तापमान पर गैस (वाष्प) में बदलता है उसे क्वथनांक भी कहते हैं।
  • ठोस से द्रव बनने की क्रिया को द्रवण या गलन या संगलन कहते हैं एवं द्रव से वाष्प बनने की क्रिया को वाष्पीकरण या फिर वाष्पन कहा जाता है।
  • वाष्प को ठंडा कर द्रव बनने की क्रिया को द्रवीकरण या संघनन कहते हैं और द्रव को ठंडा कर ठोस बनाने की क्रिया को जमना कहते हैं।
  • किसी ठोस पदार्थ का गलनांक उसके कणों के मध्य के आण्विक आकर्षण बल के सामर्थ्य (strength) को अच्छी तरह से दर्शाता है।
  • किसी द्रव में क्वथन की क्रिया निश्चित ताप एवं दाब पर होता है जबकि वाष्पीकरण की क्रिया सभी तापक्रम पर ही होता है।
  • किसी द्रव के वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले चार मुख्य कारक- सतह का क्षेत्रफल, तापमान, आर्द्रता एवं वायु की गति हैं।

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