हिंदी के हिसाब से Pratyay का पूरा अर्थ जानें वो भी गहराई से

हिंदी के हिसाब से Pratyay का पूरा अर्थ जानें | वो भी गहराई से

Full Form in Hindi

आइए जानते हैं हिंदी के हिसाब से Pratyay का पूरा अर्थ। Pratyay के बारे में पूरी जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ।

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प्रत्यय वे शब्द होते हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना होता है – प्रति + अय। प्रति का मतलब होता है ‘साथ में, पर बाद में” और अय का मतलब होता है “चलने वाला”, अत: प्रत्यय का मतलब होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।

अत: जो शब्दांश के अंत में जोड़े जाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। जैसे- ‘बड़ा’ शब्द में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ कर ‘बड़ाई’ शब्द बनता है।

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प्रत्यय के दो भेद होते हैं  

  • कृत प्रत्यय 
  • तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय

ऐसे प्रत्यय जो किसी क्रिया के धातु के अंत में लगकर संज्ञा या विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं इनके इस्तेमाल से जो नए शब्द बनते हैं कि कृदंत कहलाते हैं।

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कृत के पाँच भेद है

  • कर्तृ वाचक कृत प्रत्यय
  • कर्म वाचक कृत प्रत्यय
  • करण वाचक कृत प्रत्यय
  • भाव वाचक कृत प्रत्यय
  • विशेषण वाचक कृत प्रत्यय

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तद्वित प्रत्यय

बता दें कि ऐसे प्रत्यय जो संज्ञा सर्वनाम एवं विशेषण शब्दों के अंत में लगकर नए शब्द बनाते हैं वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

तद्वित प्रत्यय के भी कम से कम 6 भेद होते हैं-

  • भाव वाचक तद्वित प्रत्यय
  • कर्तृ वाचक तद्वित प्रत्यय
  • संबंध वाचक तद्वित प्रत्यय
  • लघुता वाचक तद्वित प्रत्यय
  • विशेषण वाचक तद्वित प्रत्यय
  • स्थान सूचक तद्वित प्रत्यय