RAM Full Form in Hindi | जानिए  रैम कैसे काम करता है

Full Form in Hindi

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RAM की फुल फॉर्म

बता दें कि RAM की फुल फॉर्म Random Access Memory होती है एवं RAM डेटा को रैंडम ऑर्डर में एक्सेस कर सकता है, जिससे किसी विशेष जानकारी के पार्ट को तलाशना इसके लिए बहुत ही आसान हो जाता है, स्‍टोरेज के अन्य टाइप में डेटा का रैंडम-एक्सेस नहीं होता। RAM को कंप्यूटर सिस्टम में मुख्य मेमोरी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

इतिहास – 

आरंभी कंप्यूटर्स में डिले लाइन, मैकेनिकल काउंटर्स या फिर रेलेस को रेंडम एक्सेस मेमोरी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, इनमें कई सबसे बड़ी कमियां भी होती थी, जैसे कि यह बहुत ही कम डाटा को स्टोर कर पाते थे, तथा इनमें जिस ऑर्डर में डाटा को स्टोर किया जाता था, ठीक उसी आर्डर में डाटा को पढ़ा भी जा सकता था

सर्वप्रथम इस पर कार्य करने वाला रैम विल्लियम्स tube था, जिसे सन 1947 में बनाया गया था, यह ऐसा पहला रेंडम एक्सेस मेमोरी था जो डाटा को इलेक्ट्रिकली charged स्पॉट के रूप में कैथोड रे ट्यूब के फेस पर स्टोर भी कर रहा था.

रैम कैसे काम करता है – 

  • RAM प्रतिदिन SSD मेमोरी के बजाय किसी भी कंप्यूटर की वर्किंग मेमोरी है, क्योंकि RAM बहुत ही तेज होता है।
  • एक मेमोरी चिप या फिर रैम लाखों कैपेसिटर तथा ट्रांजिस्टर से बना एक एकीकृत सर्किट होता है।
  • आज की उन्नत रैम में एक ट्रांजिस्टर एवं कैपेसिटर को मेमोरी सेल बनाने के लिए एक साथ अवश्य रखा जाता है।
  • एक मेमोरी सेल एक बिट सूचना का प्रतिनिधित्व करता है या फिर उसे संग्रहीत करता है।
  • दरअसल रैम के अंदर, रैम के मेमोरी साइज के आधार पर इन मेमोरी सेल्स के अरबों हिस्से भी किए जाते हैं।

RAM के लाभ –

  • दरअसल आज जिस स्पीड के साथ हम अपने कंप्यूटर या फिर मोबाइल पर कार्य कर पाते हैं वो सब रैम के कारण ही पॉसिबल हो पाया है.
  • रैम बहुत ही पावर एफिशिएंट बताया गया है, तथा यह बहुत ही कम पावर खपत करता है.
  • Rबता दें कि RAM में कोई भी मूविंग पार्ट बिल्कुल भी नहीं होता है, तो इसलिए इसके खराब होने के चांसेस भी बहुत ही कम होते हैं, तथा यह किसी तरह का कोई आवाज भी बिल्कुल नहीं करता है.

RAM के द्वारा हानि –

  • किसी भी कारण से पावर कट की स्थिति में रैम पर का सभी तरह का डाटा पूरी तरह से डिलीट हो जाता है, जो कई बार बहुत परेशानी पैदा करने वाला हो सकता है
  • वैसे तो RAM आमतौर पर गड़बड़ बिल्कुल भी नहीं होता है, परन्तु यदि कभी भी यह खराब हो गया तो इसको रिपेयर कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है, तथा हमें इसे बदलना ही पड़ जाता है.
  • सभी तरह के स्टोरेज में RAM सबसे अधिक महंगा होता है, इसीलिए आज भी हमारे डिवाइस में यह मेन स्टोरेज के मुकाबले बहुत ही कम रहता है.

रैम कितने प्रकार के होते हैं – 

बता दें कि आजकल के मॉडर्न कंप्यूटर में केवल दो तरह का रैम इस्तेमाल किया जाता है-

Static RAM (SRAM)- 

SRAM में एक बिट डाटा को स्टोर करने के लिए सिक्स MOSFETS का इस्तेमाल किया जाता है, इस तरह का RAM को बनाने में बहुत ही अधिक खर्च लगता है, परन्तु यह बहुत कम पावर खर्च करता है एवं बहुत अधिक फास्ट भी होता है.

इस तरह के रैम का इस्तेमाल सुपर कंप्यूटर या फिर बहुत बड़े ऑर्गेनाइजेशन के कंप्यूटर में ही किया जाता है.

Dynamic ROM (DRAM)-

एक MOSFETs का इस्तेमाल DRAM में थोड़ा डेटा स्टोर करने के लिए ही किया जाता है, इस तरह की RAM को बनाने में बहुत ही कम खर्च होता है, परन्तु यह SRAM की तुलना में बहुत अधिक बिजली की खपत करता है तथा SRAM की तुलना में बहुत धीमा भी होता है।आजकल हम सब जो आम लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल किया करते हैं, उसमें भी इसी रैम का इस्तेमाल होता है.