SOP Full Form in Hindi | SOP का कार्य |पूरी जानकारी

Full Form in Hindi

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में SOP Full Form in Hindiके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं SOP Full Form in Hindi क्या होती है।

SOP का फुल फॉर्म

SOP (एसओपी) का फुल फॉर्म “Standard Operating Procedures (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर)” है एवं हिंदी में इसे एक मानक संचालन प्रक्रिया कहते हैं | एसओपी विभिन्न कम्पनियों द्वारा सेल्स, मार्केटिंग, एकाउंटिंग एवं कस्टमर सर्विस जैसे व्यवसायिक कार्यों में निरंतरता सुनिश्चित करनें के लिए एक मानक प्रक्रिया है |  दरअसल यह किसी भी एक निर्धारित काम को पूर्ण करने के लिए दिए गए दिशा निर्देश या फिर निर्देशों का बढ़िया ढंग से पालन या संग्रह किया जाता है।

एसओपी (SOP) क्या है –

बता दें कि एसओपी एक लिखित दस्तावेज होता है, जिसमें स्टेप बाई स्टेप यह दिशा-निर्देश दिए होते हैं कि किसी कार्य को किस तरह से, कब एवं कैसे करना होता है | हालाँकि वर्तमान समय में एसओपी आपको लगभग सभी इंडस्ट्री या सरकार के द्वारा जब कोई कानून बनाया जाता है, यहाँ तक कि अगर आप किसी नये ऑर्गेनाइजेशन को पूरी तरह से संचालित करना चाहते हैं, तो इसके लिए एसओपी बहुत ही अनिवार्य होता है |

इसी प्रकार हमारा देश भी एसओपी पर ही चलता है, हमारे देश का एसओपी एक भारतीय संविधान माना जाता है, जिस प्रकार संविधान में सभी के लिए नियम एवं कानून बनाये गये हैं, उसी के आधार पर हमारा देश चलता है |

एसओपी का क्या मतलब होता है –

बता दें कि एसओपी अर्थात एक मानक संचालन प्रक्रिया एक ऐसा लिखित दस्तावेज होता है, जो किसी ऑर्गेनाइजेशन या संगठन के अन्दर कार्य करनें वाली टीमों एवं सदस्यों को कुछ प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश प्रदान करनें का अपना काम भी करता है। एसओपी का उद्देश्य किसी काम को करने के बारे में विस्तृत निर्देश प्रदान करना होता है, ताकि टीम का कोई भी सदस्य कार्य को सुचारू एवं व्यवस्थित ढ़ंग से कर सके | दूसरे शब्दों में कहे, तो एसओपी नियमों का एक ऐसा समूह है, जिसके माध्यम से कोई फर्म या फिर कम्पनी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुछ कामों को करने के लिए निर्धारित किया करती है।

दरअसल एसओपी किसी भी क्षेत्र में कार्य करनें वाले कर्मचारियों के लिए एक गाइड की तरह अपना काम भी किया करता है | इसके द्वारा कर्मचारियों को अपना कार्य करनें में बहुत ही सहुलियत होती है |  उदाहरण के लिए अगर आप किसी कम्पनी के मालिक है, और अपनी कम्पनी की ग्रोथ के लिए अपनें उत्पाद की गुणवत्ता एवं बढ़िया सेवाओ के लिए आप सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते रहते हैं | अगर कंपनी पहले ही अपनी क्षमता पर पहुंच चुकी है, तो कंपनी के मालिक आवश्यक सभी निर्णय ठीक से ले पाने में असमर्थ हैं। तो इसके लिए आपको एसओपी के दस्तावेज तैयार करने चाहिए, ताकि कंपनी उचित रूप से एक योजना को लागू कर सके एवं उसके अनुसार कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा सके।

SOP के लाभ – 

  • बता दें कि SOP काम में भिन्नता (गलतियों) को कम करता है या फिर उसे टालता रहता है। बिना किसी समस्याओं के काम के दौरान सभी कर्मचारियों की सहायता के लिए मानक SOP बनाया गया है।
  • दरअसल SOP के कारण कार्यकर्ता के द्वारा ही उचित संगति का कार्य किया जाता है एवं कामों को बहुत ही सरलता से पूर्ण किया जाता है।
  • वर्तमान कार्य में SOP का इस्तेमाल करने में कोई कठिनाई होने पर इतिहास डेटा अवश्य बदला जा सकता है।
  • जो नए लोग कंपनी से जुड़ रहे हैं, वे SOP देखकर विशेषज्ञ के तौर पर अपना कार्य कर सकते हैं।
  • विश्वविद्यालय या फिर संगठन के प्रबंधकों को कार्यकर्ता को बार-बार नियम सिखाने की कोई आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। काम करने वालों के व्यक्तित्व में निखार स्वयं ही आ जाता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अव्श्ज्य जुड़े रहें. धन्यवाद.