हिंदी के हिसाब से Jantu Utak का पूरा अर्थ जानें वो भी गहराई से

हिंदी के हिसाब से Jantu Utak का पूरा अर्थ जानें | वो भी गहराई से

Full Form in Hindi

आइए जानते हैं हिंदी के हिसाब से Jantu Utak का पूरा अर्थ। What is the Meaning And Definition of Jantu Utak In Hindi. Jantu Utak की पूरी जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ।

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ऊतक

किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो और वे एक विशेष कार्य करती हो। ज्यादातर ऊतकों का आकार एवं आकृति एक समान होती है। … कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक में समान संरचना एवं कार्य होते हैं।

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ऊतक किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति में असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है।

ऊतक के प्रकार

1.उपकला ऊतक (epithelal tissue)-

दरअसल उपकला ऊतक -इन ऊतकों को उपकला नाम डच वैज्ञानिक रयूश ने 18वीं शदी में दिया था। ये ऊतक शरीर एवं आन्तरांगों की बाहरी तथा भीतरी सतहों (जीभ, जिगर,गुर्दे,आहारनाल) आदि पर रक्षात्मक आवरण का कार्य करती हैं, इसलिए इन्हें रक्षी ऊतक भी कहते हैं। 

2.संयोजी ऊतक ( connective tissue)-

दरअसल संयोजी ऊतक मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करता है। यह प्रत्येक अंग में पाया जाता है। यह ऊतकों का एक विस्तृत समूह माना गया है। संयोजी ऊतकों का विशिष्ट कार्य संयोजन करना, अंगों को आच्छदित करना एवं उन्हें सही स्थान पर रखना होता है।

3.पेशी ऊतक ( muscle tissue)-

पेशी ऊतक वे ऊतक कहे जाते हैं जिनसे जन्तुओं के शरीर की पेशियाँ निर्मित होतीं हैं। ये बहुत ही कोमल होते हैं तथा इनके कारण पेशियों में संकुचन की क्षमता होती है। पेशी ऊतक, लम्बी कोशिकाओं से बने होते हैं जिन्हें पेशी तंतु भी कहते हैं। पेशी ऊतकों के कारण ही हमारे शरीर में गति सम्भव हो पाती है।

4.तंत्रिका ऊतक ( nervous tissue)-

दरअसल तंत्रिका तंत्र का आधार तंत्रिका ऊतक है। शरीर के समस्त अंगों एवं कार्यों में सामंजस्य स्थापित करना तंत्रिका ऊतक की बहुत ही बड़ी प्रमुख विशेषता है। जन्तुओं के शरीर के मस्तिष्क, मेरूरज्जु तथा तंत्रिकाएं तंत्रिका ऊतक के बने होते हैं। तंत्रिका ऊतक संवेदना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का काम भी करती है।

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ऊतक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं

जन्तु ऊतक (Animal Tissue)-

जन्तुओं के ऊतक पादपों के ऊतक से पूर्णत: भिन्न होते हैं एवं इनका काम भी भिन्न प्रकार से होता है। जन्तुओं में कुछ काम पादपों से अतिरिक्त होते हैं, जैसे – प्रचलन (Locomotion) तंत्रिकीय नियंत्रण (Nervous control) आदि।

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पादप ऊतक (Plant Tissue) –

दरअसल यह सबसे तेज विभाजित होने वाला ऊतक होता है। ये पौधों के शीर्ष भाग (कार्य-ऊँचाई में वृद्धि), पार्श्व भाग (कार्य- तने की मोटाई में वृद्धि) अन्तः सन्धि भाग (कार्य-शाखाओं का निर्माण) में ही पाये जाते हैं।

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जन्तु ऊतक (Animal Tissue)

जन्तु ऊतक (Animal Tissue) मुख्य रूप से पाँच प्रकार के होते हैं 

  • उपकला ऊतक (Epithelial tissue)
  • संयोजी ऊतक (Connective tissues)
  • पेशी ऊतक (Muscular tissues)
  • तंत्रिका ऊतक (Nervous tissues)
  • स्केलेरसऊतक (Sclerus tissues)

पादप ऊतक (Plant Tissue)

पादप ऊतक (Plant Tissue) कम से कम दो प्रकार के होते हैं –

  • विभाज्योत की ऊतक (Meristematic tissue)-

बता दें कि विभाज्योतकों में विभाजन क्षमता पाई जाती है । यह ऊत्तक पौधे में वृद्धि एवं विकास के लिए बहुत ही उत्तरदायी होता है ।

  • स्थायी ऊतक (Permanent tissue) –

दरअसल वे कोशिकाएँ जो विभज्योतक ऊतक के व्युत्पन्न होती हैं एवं जो कोशिका विभाजन की क्षमता को पूरी तरह से खो चुकी हैं, स्थायी ऊतक कहलाती हैं।