WTO Full Form In Hindi What Does WTO Stands For

WTO Full Form In Hindi | डब्लूटीओ की सदस्यता एवं कार्य

Full Form in Hindi

मित्रों WTO की फुल फॉर्म World Trade Organisation होती है. ऐसी ही अन्य Full Forms in Hindi जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट hellozindgi.com से जुड़े रहिये. तो आइये दोस्तों जानते हैं कि Full Form of WTO in Hindi क्या होती है. दोस्तों अगर आप के मन में भी ये शंका है कि WTO ka full form Kya Hai तो आप ठीक जगह पे हैं.  देखते हैं WTO ka full form Hindi Mai

WTO का फुल फॉर्म

आपको बता दें कि डब्लूटीओ (WTO) का फुल फॉर्म “World Trade Organization” होता है, हिंदी में इसे विश्व व्यापार संगठन के नाम से भी जाना जाता है | विश्व व्यापार संगठन का आधार ठोस कानूनी तंत्र है | विश्व व्यापार संगठन (WTO) एक अंतरसरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को पूरी तरह से नियंत्रित करता है | इसके सदस्य देशों के प्रमुखों के द्वारा इसके कानूनों को भी मान्यता प्रदान की जाती है | इस संगठन के द्वारा देशों के मध्य होने वाले झगड़ों को भी नियमित रूप से सुलझाया जाता है |

दरअसल विश्व व्यापार संगठन व्यापार के नियमों से सम्बंधित एक संगठन भी है | जो यह अपने सदस्य देशों के मध्य अनेक व्यापारिक गतिविधियों का संचालन भी बढ़िया तरीके से करता है | यह सदस्य देशों की मदद करता है तथा उनकी हर परेशानियों का निवारण भी करता है | यह समझौतों के माध्यम से अपनी व्यापारिक गतिविधियों को पूर्ण भी करता है | इन समझौतों में सदस्य देशों के द्वारा हस्ताक्षर भी किया जाता है | हस्ताक्षर के पश्चात ही इसके नियमों का प्रकाशन भी किया जाता है | डब्लूटीओ में लागू किये जाने वाले क़ानून उन सदस्य देशों की संसद द्वारा पारित किये गए कानून रहते हैं | इसका मुख्य उद्देश्य व्यवसायिक गतिविधियों को सफलता पूर्वक पूर्ण करना होता है | इसके द्वारा माल एवं सेवाओं के आयात करने, आयातकों एवं निर्यातकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं भी प्रदान की जाती है |

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WTO का फुल फॉर्म वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन है। विश्व व्यापार संगठन की नींव एक ठोस कानूनी प्रणाली है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) एक अंतर सरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। इसके कानूनों को इसके सदस्य देशों के प्रमुखों द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस संगठन द्वारा देशों के बीच विवादों का समाधान किया जाता है।

विश्व व्यापार संगठन व्यापार के नियमों से संबंधित एक संगठन है। यह अपने सदस्य देशों के बीच कई व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करता है। यह सदस्य देशों की मदद करता है और उनकी समस्याओं का निवारण करता है। यह समझौतों के माध्यम से अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देता है। इन समझौतों पर सदस्य देशों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं।

इसके नियम हस्ताक्षर के बाद ही प्रकाशित होते हैं। विश्व व्यापार संगठन में लागू होने वाले कानून उन सदस्य देशों की संसद द्वारा पारित कानून बने रहेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा करना है। यह वस्तुओं और सेवाओं, आयातकों और निर्यातकों के आयात के लिए कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है।

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डब्लूटीओ के कार्य –

डब्लूटीओ (WTO) के कार्य निम्न प्रकार से हैं-

  • दरअसल डब्लूटीओ (WTO) के द्वारा एक देश या अनेक देश के द्वारा बहुपक्षीय तथा बहुवचनीय समझौतों के आधार पर उनका प्रशासन, परिचाल तथा कार्यन्वयन बढ़िया तरीके से किया जाता है |
  • आपको बता दें कि डब्लूटीओ (WTO) के द्वारा व्यापार एवं प्रशुल्क से सम्बंधित विवादों को सदस्य देशों के मध्य विचार-विमर्श करके उन्हें पूरी तरह से समाप्त भी किया जाता है |
  • यह सदस्य देशों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जिस पर वह व्यापारिक झगड़ों को सहमति के अनुसार भलीभांति सुलझा सकते हैं |
  • झगड़ा होने पर इसको समाप्त करने के लिए सम्बंधित नियमों तथा प्रक्रियाओं को लागू भी करवाता है |
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व वैंक के द्वारा यह भरपूर सहयोग को प्राप्त करता है |
  • यह वैश्विक आर्थिक नीति निर्माण को सामंजस्य के साथ अच्छी तरह से लागू भी करवाता है |

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डब्लूटीओ की सदस्यता –

आपको हम बता दें कि यह एक विश्व स्तरीय संगठन है, इसके द्वारा विश्व व्यापार के लिये दिशा निर्देशों को अच्छी तरह जारी भी किया जाता है | इसके द्वारा सदस्य देशों को ज़रूरत के अनुसार ही ऋण प्रदान किया जाता है | यह देशों द्वारा किये गए व्यापार समझौतों में बदलाव एवं उन्हें लागू कराने का पूरा काम भी करता है, यह संस्था इस विषय पर अपना पूर्ण  उत्तरदायित्व को निभाती है | इसके संस्थापक सदस्य देशों में भारत एक प्रमुख देश है | वर्तमान समय में इस संगठन के कम से कम 164 सदस्य हैं, इस संगठन में चीन के द्वारा साल 2001 में सदस्यता ग्रहण भी की गयी |

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मुख्यालय –

आपको बता दें कि विश्व व्यापार संगठन की सबसे बड़ी शाखा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (मिनिस्ट्रयल कॉन्फ्रेंस) होती है, इसके द्वारा प्रति दो वर्ष में संस्था के महासचिव एवं मुख्य प्रबंधकर्ता का चयन तथा उनके अन्य कार्यों का निर्धारण भी भलीभांति किया जाता है | इसके द्वारा सामान्य परिषद (जनरल काउंसिल) का काम भी देखा जाता है | इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित है | दरअसल वर्तमान समय तक इसके 10 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस) का आयोजन किया जा चुका है | मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का दसवां सम्मेलन दिसम्बर सन 2015 में  केन्या में भी आयोजित किया गया था | इसी सम्मेलन में अफगानिस्तान को कम से कम 164 वें सदस्य के रूप में चयनित भी किया गया था |

डब्लूटीओ का उद्देश्य –

आपको यह बता दें कि डब्लूटीओ (WTO) बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए अपने इन उद्देश्यों को अच्छी तरह से पूर्ण भी करती है-

  • दरअसल डब्लूटीओ (WTO) के अनुसार किसी भी देश को अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए उसे अन्य देशों के उत्पादों, सेवाओं तथा नागरिकों के साथ सम्भवतः दुष्प्रचार को पूरी तरह से रोकना चाहिए |
  • अगर व्यापार को प्रोत्साहित करना है, तो इससे पहले इसकी कठिनाइयों को कम करना इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य होता है | इन कठिनाइयों में सीमा शुल्क (टैरिफ) तथा आयात प्रतिबंध या कोटा, एंटी डंपिंग शुल्क को भलीभांति सम्मिलित किया गया है |

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सदस्य-

  • आपको बता दें कि विश्व व्यापार संगठन में कम से कम 164 सदस्य तथा 23 पर्यवेक्षक देश हैं। 14 जुलाई सन 2016 को लाइबेरिया इसका 163वाँ तथा 29 जुलाई सन 2016 को अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना था ।

दरअसल डब्ल्यूटीओ के वर्तमान महानिदेशक रॉबर्टो अज़ेवेदो हैं, जो स्विट्जरलैंड के जिनेवा में कम से कम 600 से अधिक लोगों के कर्मचारियों का नेतृत्व भी अच्छी तरह से करते हैं। डब्ल्यूटीओ के इतिहास में पहला व्यापक समझौता एक व्यापार सुगमता समझौता भी था, जो कि निर्णयों के बाली पैकेज का एक बहुत बड़ा हिस्सा भी है, सभी सदस्य देशों द्वारा दिसंबर सन 2013 को सहमति भी व्यक्त की गई थी।