Pathri ka Ayurvedic Ilaj dawai होम्योपथिक उपचार दर्द कैसे रोकें

Pathri ka Ayurvedic Ilaj | dawai | होम्योपथिक उपचार | दर्द कैसे रोकें

Dadi Naani ke Nuskhe

Pathri ke Ilaj और होम्योपथिक उपचार तो बहुत हैं लेकिन सबसे पहले जानते हैं पथरी क्या होता है और कैसे होती है पथरी और पथरी के दर्द को कैसे रोकें

पथरी क्या होता है और कैसे होती है

बहुत से लोगों को अचानक पेट में तेज दर्द होता है और यह दर्द इतना तेज होता है कि पीड़ित को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है डॉक्टर के कहने पर अल्ट्रासाउंड होता है डॉक्टर रोगी को बताते हैं कि मरीज को गुर्दे की पथरी है या इसके गॉल ब्लेडर में पथरी है. घर में बने भोजन को सभी सदस्य खाते हैं लेकिन परिवार में किसी किसी सदस्य को ही पथरी होती है .जब खाना खाते हैं तो खाना पेट में पचता है तो खाने के  कुछ अपशिष्ट (हानिकारक) पेट में रहते हैं. जिनका शारीर से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं . लेकिन रोगी के कुछ आदतों के कारण वह पेट में रह जाते हैं और धीरे धीरे एकत्र होकर कंकड का रूप ले लेते हैं या सख्त खाल का रूप ले लेते हैं जिसे गाँठ कहते हैं जो शरीर की क्रियाओं को बधित करती हैं और यह बाधा पेट में भयंकर दर्द करती है .

पथरी के दर्द को कैसे रोकें

पथरी से रोगी को भयंकर दर्द होता है इस दर्द से रोगी को तुरंत राहत देना बहुत जरुरी होता है . तो दोस्तों जानते है की पथरी के दर्द को कैसे रोके ?

  1. अजवाइन को पानी के साथ उबाल कर छान कर पीने से पथरी के दर्द में आराम होता है .
  2. पथरी के दर्द में राहत के लिए प्याज के जूस में शक्कर डाल कर पीने से दर्द में राहत होती है साथ ही पथरी नही बढती है .
  3. पथरी के दर्द से छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए .
  4. पथरी दर्द में राहत के लिए रात को दो गिलास पानी में दो बड़े चम्मच धनिया, सौंफ और मिश्री डालें . सुबह छानकर पीने से दर्द में आराम होता हैं .
  5. नींबू पानी लेने से भी पथरी के दर्द में आराम होता हैं .
  6. पथरी के दर्द से राहत के लिए रोजाना केले खाएं .

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पित्त की थैली की पथरी का उपचार- Gallbladder ki Pathri ka Ilaj in Hindi

जानते हैं गॉल ब्लेडर के स्टोन के उपचार के बारे में –

  1. गाजर, चुकंदर और खीरा का जूस गॉल ब्लेडर की पथरी निकालने में बहुत मदद करता है .
  2. ककड़ी और गाजर का रस बराबर मात्रा सौ- सौ ग्राम दिन में दो बार लेने से पथरी निकालने में फायदा होता है .
  3. पचास ग्राम नीबू का जूस एक वीक लगातार सुबह खाली पेट लेना पथरी निकालने में सहायक है .
  4. नाशपाती का सेवन पित्त की पथरी में बहुत लाभ देता है .
  5. पित्त की पथरी में खट्टे फलों का सेवन लाभ करता है .
  6. प्रतिदिन एक चमच हल्दी आपकी समस्या को खत्म करता है .

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पथरी का आयुर्वेदिक इलाज- Pathri Ka Ilaj Ayurvedic

पथरी के उपचार में आयुर्वेदिक इलाज बहुत फायदेमंद है अगर आयुर्वेदिक इलाज को प्रॉपर अनुपालन किया जाए .आइये जानते हैं पथरी का आयुर्वेदिक इलाज .पथरी के आयुर्वेदिक उपचार में पत्थरचट पौधे की चर्चा न हो ऐसा हो ही नही सकता . इसके तीन चार पत्तों को पीस कर मिश्री के साथ मिलाकर  रोजाना खाने से पथरी  निकालने में बहुत कारगर है .

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पथरी के बारे में डॉक्टर राजीव दीक्षित जी की राय

आयुर्वेद उपचार में डॉ.राजीव दीक्षित को कौन नही जानता है . पथरी के बारे में भी उन्होंने बताया है कि गॉल ब्लेडर की पथरी के लिए बिना छिलके उतारे सेब का रस का एक कप डेली आठ महीने पीने से पथरी गल कर निकल जाती है .जब पथरी किडनी या पेशाब मार्ग में हो तो इस रोग के लिए गौमूत्र बहुत ही लाभकारी होता है . इससे पथरी टूट कर निकलती है .शरीर में पथरी न हो इसके लिए पानी को हमेशा घूंट घूंट पीना चाहिए .   पथरी के आयुर्वेदिक इलाज के लिए एक गिलास पानी में तीन- चार बड़ी इलायची के दाने, खरबूज की मींग और मिश्री रात को भिगोएँ सुबह इस पानी को पानी को पी लें और बचे मिश्रण को खा लें . यह उपाय पथरी निकालने में बहुत सहायक है .पथरी के आयुर्वेदिक उपचार में सुबह सुबह एक चम्मच आंवला चूर्ण बहुत लाभ करता है .

पथरी के आयुर्वेदिक उपचार में पपीते की पांच से दस ग्राम जड़ को कूट कर एक गिलास पानी में मिलाएं फिर उस पानी को छानकर कर पीने ले कुछ दिन में पथरी  निकल जाती है .पथरी से बचने के लिए पानी का भरपूर सेवन करें .                                                                                                                                                                       

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पेशाब नाली में पथरी का इलाज

पेशाब नाली में पथरी होना आम रोग है आइये जानते है कि इसको कैसे ठीक किया जा सकता है .रोगी को पुननर्वा, आदरक और कचूर कि बराबर मात्रा दें. रोगी को युरांत ही लाभ होगा .सौंफ, तुलसी और धनिया 50-50 ग्राम लेकर 5-6 गिलास पानी में ठंडा पानी मिलाकर पीने से पथरी निकल सकती है .

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पथरी की होम्योपथिक उपचार

  1. किडनी व पित्ताशय दोनों तरह की पथरी के लिए बर्बेरिस बल्गारिस की 15 बूंदें और सालसा पेरिल्ला की  15 बूंदें एक चौथाई कप में दिन में तीन बार लेनी चाहिए . इसे लेने के पंद्रह मिनट बाद लाइकोपोडियम 200 की दवा दिन में तीन बार लें निश्चित फायदा होगा . यह पथरी से लेकर पेशाब के हर रोग में बहुत लाभ करती है .
  2. यदि गुर्दा में पथरी हो, मूत्र नली में पथरी हो या पथरी के जगह पर तीव्र दर्द हो, खूब पसीना आता हो आदि में कैल्केरिया कार्ब दवा का उप्योग करना चाहिए . 
  3. गिलोय पाउडर 10 ग्राम, आंवला चूर्ण 10 ग्राम, पिसी सौंठ 5 ग्राम, गोखरू के बीज का चूर्ण 3 ग्राम और अश्वगंधा की जड़ का 5 ग्राम चूर्ण को मिलाकर 100 ग्राम पानी में उबालें और 1 महीने तक रोगी को दिन में 1 बार दें . रोगी को बहुत ही लाभ होगा .

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