hystiria ka ilaaj aor lakshan हिस्टीरिया की बीमारी | लक्षण | Male & Female | घरेलू इलाज

हिस्टीरिया की बीमारी | लक्षण | Male & Female | घरेलू इलाज

Dadi Naani ke Nuskhe

हिस्टीरिया की बीमारी क्या है-

हिस्टीरिया रोग को आयुर्वेदिक भाषा में ‘योषापस्मार’ रोग के नाम से भी जाना जाता है इसमें योषा शब्द का अर्थ स्त्री से संबंधित होता है एवं अपस्मार का अर्थ मिर्गी के रोगी से है अर्थात यह एक ऐसा रोग है जिसमें मिर्गी रोग के रोगी के समान दौरे पड़ते हैं तथा यह रोग अधिकतर अविवाहित स्त्रियों में उत्पन्न होता है जो कि एक बहुत ही खतरनाक रोग है इससे कई बार दौरा पड़ने पर स्त्री की मृत्यु भी हो सकती है.

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हिस्टीरिया रोग क्यों होता है-

हिस्टीरिया रोग के उत्पन्न होने की कई वजह होती हैं जैसे अधिकतर अश्लील साहित्य को पढ़ना, उत्तेजक फिल्में देखना, श्वेत प्रदर अधिकाधिक समय तक दर्द रहना, बांझपन होना, शरीर में नाड़ियों की बहुत ही कमजोरी होना, आकस्मिक मानसिक आघात का होना, मासिक धर्म का रुक जाना, अधिक कठिन मासिक धर्म होना, घर में लड़ाई का माहौल रहना, सामाजिक एवं पारिवारिक संबंध ठीक न रहना, चिंता भाव रहना, शोक उत्पन्न होना , अधिक भावुक होना, डिंबाशय व जरायु रोग उत्पन्न होना, पति पत्नी की आयु का सही मेल न होना, लंबे समय तक बीमार होना.

यह भी कहा जाता है कि किसी अन्य मर्द से प्यार का चक्कर चलना, लंबे समय तक संभोग न कर पाना जवानी निकलने के पश्चात विवाह होना, मन में किसी बात का डर लगा रहना, दिमाग में बुद्धि की कमी का होना, अधिक भोग विलास में जीवनव्यतीत करना, बलात्कार के कारण मन में डर लगा रहना, अधिक शारीरिक संबंधों पर ध्यान देना, अपनेप्रेमी से बिछड़ जाना, शारीरिक कमजोरी का होना, ऐसे बहुत सारी वजह होती हैं जिससे लड़कियों व लड़को में हिस्टीरिया रोग उत्पन्न हो जाता है.

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Symptoms Of Hysteria In Hindi-

अचेत होना –

ऐसा कहा गया है कि अचानक से अचेत हो जाना एवं बेहोशी की हालत में आ जाना इस रोग का बहुत ही बड़ा लक्षण है . अचानक से रोगी बेहोश हो जाएगा एवं उसकी आँखे खुली ही रहेगी एवं उसके दांत भीच लेगा , इसके अलावा उसकी साँसे सही प्रकार से चलती हैं. कुछ देर पश्चात रोगी स्वतः ही ठीक हो जाएगा एवं उसके शरीर में बहुत ही कमजोरी रहेगी .

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दम का घुटना –

आपको बता दें कि मरीजरुक – रुक के उलटी साँसे लेने लगता है एवं उसका दम भी घुटने लगता है . जल्दी जल्दी साँसे चलना एवं रोगी का अपना गला तथा अपनी छाती को पकड़ना इसके लक्षण हैं. इस दौरान रोगी कई बार उठकर भागने भी लगता है तथा कुछ अजीब तरह की हरकते करना लगता है .

आवाज का बंद हो जाना –

ऐसा कहा जाता है कि कई बार तो रोगी चीखता – चिल्लाता भी है परन्तु ज्यादातर केसेस में रोगी की आवाज निकलनी बिल्कुल बंद हो जाती है तथा वो बिलकुल चुप हो जाता है एवं इस दौरान उसकी आँखे खुली ही रहती है . कई बार उस मरीज की आँखे बंद भी हो जाती है तथा वो पूरी तरह से शांत हो जाता है . अगर सही समय में उसको भरपूर इलाज नहीं मिलता तो यह झटका एक दिन में दस बार भी आ सकता है एवं उस मरीज की मृत्यु भी हो सकती है .

दौरे का पड़ना –

आपको बता दें कि दौरे पड़ना इसका बहुत ही बड़ा लक्षण है एवं इससे ही रोगी की जल्द ही पहचान की जाती है . दिन में कई बार दौरे पड़ना या फिर किसी चीज को देखकर एक दम शांत एवं चुपचाप हो जाना  मरीज का पहला लक्षण है .

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Hysteria Disease Treatment In Hindi (Hysteria Ka Gharelu Ilaj)-

  • ऐसा कहा जाता है कि मरीज को सुबह-सुबह खुली हवा में अवश्य भ्रमण करना  चाहिए
  • आपको बता दें कि मरीज को सुबह-सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम एवं प्राणायाम आदि करने चाहिए
  • अगर मरीज का विवाह नहीं हुआ है तो उसका विवाह अवश्य करवाना चाहिए
  • मरीज को अलग-अलग जगह पर भ्रमण करवाना चाहिए
  • मरीज को  अधिक मानसिक एवं शारीरिक चीजों के बारे में अवश्य बताना चाहिए
  • ऐसा कहा जाता है कि मरीज के साथ ख़ुशी का माहौल अवश्य रखना चाहिए
  • ऐसा मानना है कि दौरा पड़ने पर मरीज के वस्त्र हमेशा ढीले कर देना चाहिए एवं उसे खुली हवा वाली जगह पर लिटाना चाहिए
  • मरीज को होश में लाने के लिए प्याज अथवा लहसुन का रस या अमृतधारा की दो – दो बूंदे उसकी नाक में अवश्य डालनी चाहिए

Medicine For Hysteria In Hindi-

हिस्टीरिया के मरीज को तामसिक भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए.बेहोशी आने पर उसे हींग एवं प्याज काटकर सुंघाएं. ऐसे मरीज को प्रतिदिन जामुन का सेवन अवश्य करना चाहिए. रोज सुबह शाम एक-एक चम्मच शहद का सेवन करने से हिस्टीरिया के मरीज को तुरंत आराम मिलने लगता है.

Hysteria Disease In Male In Hindi-

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हिस्टीरियाबीमारी में पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में कुछ टिश्यूज अलग तरीके से डेवलेप होने लगते हैं. हालांकि यह बीमारी कैंसर से पूरी तरह अलग होती है. इस बीमारी के दौरान पुरुषों का प्राइवेट पार्ट बेंड (मुड़ा हुआ) हो जाता है जो कई बार दर्द का भी अनुभव होने लगता है.

Female Hysteria Symptoms In Hindi-

हिस्टीरिया रोग के होने पर रोगी स्त्री का जी मिचलाने लगता है, सांस कभी धीरे एवं कभी तेज चलने लगती है और बेहोशी भी छा जाती है. पीड़ित स्त्री के हाथ-पैर भी जकड़ने लगते हैं एवं उसके चेहरे की आकृति खराब होने लगती है. इस रोग से पीड़ित स्त्री अपने मस्तिष्क पर बिल्कुल भी काबू नहीं रख पाती है एवं अचानक जोर – जोर से मुस्कुराने लगती है तथा अचानक ही रोने लगती है.

वह बिना किसी वजह से चीखने –

चिल्लाने लगती है एवं कोई-कोई रोगी इसमें मौन या चुप भी पड़ा रहता है. इस रोग से पीड़ित स्त्रियां कुछ बड़बड़ाने भी लगती है एवं दूसरों को मारने-पीटने भी लगती है तथा कभी चीख के साथ धरती पर गिर जाती है. कभी बैठे-बैठे बेहोश होकर गिर पड़ती है. रोगी स्त्री को ऐसा लगता है कि वो कितनी मजबूत है परन्तु दूसरे ही पल ऐसा महसूस होता है कि उसके शरीर में बिल्कुल भी जान ही नहीं है. उसको परेशान करने वाली डकारें एवं हिचकी आरंभ हो जाती है, आवाज़ में ख़राबी पैदा हो जाती है, तथा पेशाब भी बिल्कुल बन्द हो जाती है.