अल्सर बीमारी क्या होती है उसके लक्षण एवं उपाय। वह कितने दिन में ठीक हो जाती है उसके प्रकार एवं अर्थ। माउथ और पेट अल्सर के घरेलू इलाज। अल्सर बीमारी में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं। गाय के दूध में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर इसे प्रतिदिन पीने से भी पेट के अल्सर में बहुत लाभ होता है।
Ulcer Kya Hota Hai In Hindi
अल्सर एक प्रकार के घाव होते हैं जो पेट, आहारनाल या आँतों की अंदरूनी सतह पर विद्यमान होते हैं| जिस जगह पर अल्सर होता है उसके आधार पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे पेट में होने वाले अल्सर को ‘गैस्ट्रिक अल्सर’ भी कहा जाता है, उसी तरह छोटी आंत के अगले हिस्से में होने वाले अल्सर को ‘डुओडिनल अल्सर’ भी कहा जाता है|
अल्सर के लक्षण
- रात में, खाली पेट या खाने के कुछ समय बाद तेज दर्द का होना
- गैस एवं खट्टी डकार का बनना
- उल्टी अधिक से अधिक होना
- पेट के उपरी हिस्से में पीड़ा रहना
- पेट का कुछ भारीपन होना
- भूख न लगना
- वजन का कम होना
- सुबह-सुबह हल्की–सी मितली का होना
अल्सर कितने दिन में ठीक होता है
अल्सर लगभग 10 दिन में ठीक हो जाता है।
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अल्सर कितने प्रकार का होता है।
अल्सर दो प्रकार का होता है, पहला गैस्ट्रिक अल्सर तथा दूसरा ड्यूडिनल अल्सर।
गैस्ट्रिक अल्सर – पेप्टिक अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर भी कहा जाता है। यह पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाले छाले होते हैं और समय पर इलाज न मिलने पर ये छाले जख्म में बदल जाते हैं।
ड्यूडिनल अल्सर – डुओडेनल अल्सर एक प्रकार का पेप्टिक अल्सर है। एक पेप्टिक अल्सर आमतौर पर एक गले में खराश होती है, जो पेट के आसपास या ऊपरी आंत पर अस्तर के अंदर के भाग पर स्थित होती है। एक अल्सर जो छोटी आंत पर स्थित होता है, उसे डुओडेनल अल्सर के रूप में जाना जाता है।
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पेप्टिक अल्सर का अर्थ इन हिंदी
पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर अमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह तब बनता है, जब भोजन पचाने वाला अम्ल अमाशय या आंत की दीवारों को कोई हानि पहुंचाने लगता है। पेप्टिक अल्सर पेट या ड्यूडिनल में होता है।
माउथ अल्सर के घरेलू उपाय
- बेल का जूस या बेलपत्र का जूस पेट के अल्सर में बहुत असरदार होता है।
- पेट के अल्सर में रोगियों को केला, नारियल, पत्तागोभी, गाजर एवं मेथीदाना का सेवन जरूर करना चाहिए।
- ध्यान रहे कि पेट के अल्सर के लिए गुड़हल के लाल फूलों को पीसकर, पानी के साथ इसका शर्बत बनाकर पीना बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
- गाय के दूध में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर इसे प्रतिदिन पीने से भी पेट के अल्सर में बहुत लाभ होता है।
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गले का अल्सर क्या होता है
स्ट्रेप गले का संक्रमण हैं, जो कि काफी हद तक माउथ अल्सर के समान होता है। मुंह में छाले जब अधिक बढ़ जाते हैं तब ये इंफेक्शन बढ़ जाता है तथा ये गले तक बहुत जल्दी पहुंच जाता है। इस कारण से ये गले में टोंसिल एवं दर्द की वजह भी बन सकते हैं।
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गले के अल्सर का इलाज
शहद को पानी में डालकर उससे गरारे करना या फिर एक चम्मच शहद ऐसे ही ले सकते हैं। गले के अल्सर को ठीक करने के लिए दिन में कम से कम दो तीन बार शहद को पानी में डालकर गरारे अवश्य करना चाहिए। इससे आपको गले में खराश की समस्या बिल्कुल दूर हो जायेगी तथा दर्द से भी तुरंत छुट्टी मिलेगी।
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Is Ulcer a Cancer
अल्सर कैंसर नही होता है। तथा अल्सर से कैंसर होने की आशंका बहुत ही कम या न के बराबर होती है।
पेट में अल्सर क्या होता है
पेप्टिक अल्सर एक ऐसी स्तिथि होती है, जिसमे पेट के भीतरी हिस्से में छाले पड़ जाते है तथा बीमारी बढ़ जाने पर ये छाले बहुत ही गहरे घाव में बदल जाते हैं तथा रोगियों को बहुत अधिक कठिनाई होने लगती है। कहा जाता है कि यह गलत खान-पान के कारण से पेट में एसिडिटी बनने लगती है।
पेट में अल्सर के घरेलू इलाज
- केला का सेवन
- पेप्टिक अल्सर में एक गिलास ठंडा दूध एवं दो केले दिन में कम से कम दो-तीन बार अवश्य लें, इससे आपको तुरंत लाभ मिलेगा।
- मेथी का सेवन
- मेथीदाना पानी में उबाल लें, फिर उसे ठंडा होने पर इसे पी लें। इससे आपकी पेट की जलन व अल्सर में बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
- बादाम का मिला दूध
- बादाम भिगो कर उन्हें पीस लें फिर उसे दूध में मिलकर पीने से आपका पेट की बीमारी बिल्कुल ठीक हो जायेगी।
Ulcer Ka Gharelu Ilaj In Hindi
- हल्दी वाला दूध
- हल्दी वाला दूध वैसे तो कई तरह की बीमारियों में बहुत ही लाभकारी होता है, परन्तु अल्सर से निजात पाने के लिए विशेषज्ञ गाय के दूध में हल्दी मिलाकर प्रतिदिन पीने की सलाह अवश्य देते हैं।
- बेल का जूस
- बेल भी अल्सर के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। बेल का जूस या फिर बेलपत्र को पीसकर इसे पानी में मिलाकर पीने से बहुत लाभ मिलता है।
- बदाम
- डायट में बादाम को भी अवश्य शामिल करें। तथा रोज सुबह भिगोए हुए बदाम या फिर बादाम को पीसकर दूध में मिलाकर इसका सेवन अवश्या करें।
अल्सर में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए
अल्सर में क्या खाना चाहिए
फूलगोभी, सरसों का साग , टमाटर , मूली, सेब, कीवी, अमरुद जैसी सब्जी तथा कुछ ऐसे फलों का सेवन करना चाहिए।
अल्सर में क्या नहीं खाना चाहिए
- कच्चे फल एवं सब्जियां
- अल्सर के रोगियों को कच्चे फल एवं सब्जियां खाने से बिल्कुल बचना चाहिए।
- गैस बनाने वाली सब्जियां
- गैस बनाने वाली सब्जियां जैसे गोभी, बींस, शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, पालक एवं लहसून का सेवन भूलकर भी बिल्कुल ना करें।
- गेहूं एवं जो से बना भोजन
- ध्यान देने वाली बात यह है कि गेहूं एवं जौ से बने भोजन कभी अधिक न खाएं।