जान लें थायराइड की बीमारी में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए | क्या-क्या चीज है थायराइड की बीमारी में नुकसानदायक हो सकती हैं।

Dadi Naani ke Nuskhe

दोस्तों अगर आपको किसी भी तरह का थायरायड है चाहे आपको हाईपो थायरायड या हाईपर थायरायड है तो आपको ये चीजे बिल्कुल नहीं खानी चाहिए क्योंकि यह चीजें थायरायड की ग्रन्थी के ऊपर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, और थायरायड ग्रन्थ की बीमारी को और भी ज्यादा बढ़ाती है।

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थायराइड

थायरायड गले के सामने वाले हिस्से में स्थित एक छोटी ग्रंथी होती है जो साँस लेने वाली नली के ऊपर लिपटी होती है। इस ग्रन्थी में से हारमोंस निकलते रहते हैं। यह हार्मोन शरीर के विकास और कामकाज को प्रभावित करते हैं। थायरायड ग्रन्थी आयोडीन का इस्तेमाल करके हारमोंस का निर्माण करती है।

थायरोक्सिन (टीफोर) क्या होता है?

थायरोक्सिन, जिसे टीफोर भी कहा जाता है थायरायड ग्रन्थी के द्वारा बनाया जाने वाला मुख्य हार्मोन है शरीर में जाने के बाद टीफोर का कुछ हिस्सा टीत्री में बदल जाता है जो एक बहुत ही एक्टिव हार्मोन है जब शरीर में थायराइड हार्मोन कम हो जाता है तो दिमाग का एक हिस्सा, जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है एक हार्मोन बनाता है जिसे थायराट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन कहा जाता है। इस हार्मोन को शॉर्ट फॉर्म में टीआरएस कहा जाता है। यह हार्मोन दिमाग के निचले हिस्से में स्थित पी चौधरी ग्रंथि को एक और हार्मोन बनाने के लिए संकेत भेजता है जिस हार्मोन का नाम है थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन।‌ शॉर्ट फॉर्म में टी एस एच कहा जाता है। टी एस एच हार्मोन को और ज्यादा t4 हार्मोन बनाने के लिए संकेत भेजता है। इस प्रकार शरीर में थायराइड हार्मोन का निर्माण होता है। 

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 हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड

थायरायड ग्रंथि को दिमाग का हाइपोथैलेमस वाला हिस्सा नियंत्रित करता है और पिट्यूटरी ग्रंथि नियंत्रित करती है इसलिए अगर इन दोनों हिस्सों में कोई समस्या आती है तो भी आपको थायराइड हो सकता है। अगर आपके शरीर में थायराइड हार्मोन कम पैदा होता है तो इस स्थिति को हाइपो थायराइड कहते हैं। और अगर आपके शरीर में थायराइड हार्मोन ज्यादा बनता है तो इस स्थिति को हाइपर थायराइड कहते हैं। 

थायराइड की पहचान कैसे करे

इनकी पहचान यह होती है कि जब आप थायराइड का ब्लड टेस्ट करवाते हैं तो अगर आपका टी एस एच का लेवल नॉर्मल से ज्यादा आता है तो इसका मतलब यह है कि आपके शरीर में थायराइड हार्मोन कम बन रहा है क्योंकि शरीर में थायराइड हार्मोन कम बनने की वजह से शरीर पिचयूरिटी ग्रंथि को ज्यादा टीएसएस बनाने का संकेत देता है। ताकि थायराइड हार्मोन ज्यादा बन सके और अगर आपके टीएसएस का लेवल नॉर्मल से कम आता है तो इसका मतलब यह कि आपके शरीर में थायराइड हार्मोन ज्यादा बन रहा है क्योंकि शरीर में थायराइड हार्मोन ज्यादा बनने की वजह से शरीर पिचयूरिटी ग्रंथि को कम बनाने का संकेत देता है। 

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खून में टी एस एच का नार्मल स्तर क्या होता है?

खून में टी एस एच का नॉर्मल स्तर 0.27 से लेकर 4.2  के बीच में होता है।

थायरायड की जाँच

थायरायड की जाँच करने के लिए जो ब्लड टेस्ट होता है उस ब्लड टेस्ट का नाम है थायराइड फंक्शन टेस्ट। इस टेस्ट की कीमत 400 से लेकर 500 के बीच में होती है। तो आप अपना ब्लड टेस्ट करवा कर अपने टी एस एच का लेवल जान सकते हैं। 

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हाइपो थायराइड से शरीर पर क्या-क्या नुकसान पहुंचता है?

अगर आपको हाइपो थायराइड है यानि अगर आप में थायराइड हार्मोन कम बन रहा है तो आप का पाचन धीमा हो जाता है, आपका वजन बढ़ने लगता है, आपको थकान होती है, आपको डिप्रेशन होता है, आपको ठंड लगती है, जुकाम जल्दी हो जाता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, कैल्शियम का लेवल कम हो सकता है और शरीर में विटामिन डी का लेवल कम हो सकता है।

हाइपो थायराइड से महिलाओं के शरीर पर क्या-क्या नुकसान पहुंचता है?

महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आ सकती है, गर्भधारण करने के बाद पेट में बच्चे में समस्याएं पैदा हो सकती हैं, बच्चा 9 महीने से पहले जन्म ले सकता है, बाल पतले हो जाते हैं, बाल झड़ने लगते हैं बाल रूखे हो जाते हैं, महिलाओं के मासिक चक्र में गड़बड़ियां पैदा हो सकती हैं, व्यवहार में बदलाव आ सकता है, कब्ज की समस्या हो जाती है, त्वचा रूखी हो जाती है, कुछ करने का मन नहीं करता मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, दिमागी काम करने में दिमागी थकावट होती है और टांगों में सूजन आ सकती है।

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हाइपर थायराइड से शरीर पर क्या-क्या नुकसान पहुंचता है?

लेकिन अगर आपको हाइपर थायराइड की समस्या है यानी आपके शरीर में थायराइड हार्मोन ज्यादा बन रहा है तो आप का पाचन तेज हो जाता है, वजन कम होने लगता है, शरीर का कोई हिस्सा आउट ऑफ कंट्रोल हो सकता है, और अपने आप हिलने लग सकता है जैसे हाथों का अपने आप हिलते रहना गर्दन का अपने आप हिलते रहना या टांगों का अपने आप हिलते रहना आपको घबराहट महसूस होती है, ह्रदय गति तेज हो सकती है गर्मी ज्यादा लगती है, गर्मी को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है, पसीना ज्यादा आता है, ट्वालेट में कई बार जाना पड़ता है और शारीरिक थकान होती है और दिमागी थकावट होती है।

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थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए

गोइट्रोजेंस – गोइट्रोजेंस ऐसे कंपाउंड्स होते हैं ऐसे तत्व होते हैं जो थायराइड ग्रंथि के नॉर्मल कामकाज में बाधा उत्पन्न करते हैं। इनका नाम ग्रोट्रो शब्द से मिला है ग्वोटर थायराइड ग्रंथि का एक रोग होता है जिसमें थायराइड ग्रंथि का साइज बड़ा हो जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि रोजमर्रा की बहुत सारी खाने की चीजों में गोइट्रोजेंस पाए जाते हैं जैसे सोयाबीन से बनी हुई चीजें जैसे कि सोया पनीर जिसे टोफू कहा जाता है, सोया मिल्क बहुत सारी सब्जियां जैसे – पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक ब्रुकलीन कुछ फ्रूट और स्टार्च वाले पौधे जैसे शकरकंद, आडू, स्ट्राबेरी, कुछ प्रकार के नट्स और बीज जैसे बाजरा, मूंगफली हाइपो थायराइड वाले लोगों को इन सभी चीजों को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। इन चीजों को खाने से उन लोगों को समस्या आ सकती है जिन लोगों में आयोडीन की कमी है या जो लोग इन चीजों को बहुत ज्यादा मात्रा में खाते हैं। अगर आपको आयोडीन की कमी नहीं है तब आपको बाजरा काफी नुकसान कर सकता है और आपके थायराइड ग्रंथि के कामकाज में बाधा डाल सकता है। ग्वाइट्रोजेन से पकाने वाली चीजों को पकाने से ग्वाइट्रोजे  निष्क्रिय हो जाते हैं इसलिए इन चीजों को अच्छी तरह से पका कर खाना चाहिए और कम मात्रा में खाना चाहिए।

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थायराइड की दवा खाने से पहले या खाने के 1 घंटे बाद तक क्या-क्या चीजें ना खाएं और क्यों

कैफीन जैसे चाय, कॉफी, ग्रीन टी, ग्रीन कॉफी बहुत से लोग सुबह उठने के बाद यह काम पर जाने से पहले चाय पीते हैं या कॉफी पीते हैं लेकिन अगर आप ऐसा अपनी थायरायड की दवा खाने से पहले करते हैं या थायराइड की दवा खाने के बाद 1 घंटे के अंदर करते हैं तो आपके द्वारा खाई गई दवा का असर कम हो जाता हैं। क्योंकि आपका शरीर इस दवा को कैंफीन की वजह से पूरी तरह से ऐपजार्ब नहीं कर पाएगा। क्योंकि कैफीन खाई गई चीजों को आँतों द्वारा अवशोषित होने से रोकती है। इससे आपके शरीर में थायराइड हार्मोन के सिलेबस करते रहेंगे यानी ऊपर नीचे होते रहेंगे। किसी दिन आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का लेवल ज्यादा हो जाएगा और किसी दिन आपके शरीर में हार्मोन का लेवल कम हो जाएगा। क्योंकि किसी दिन दवा ज्यादा हजम हो जायेगी और किसी दिन दवा कम हजम होगी। इससे आपके लक्षण काफी बढ़ जायेंगे। और आपकी दवा की मात्रा तय करने में भी दिक्कत होगी क्योंकि एक बार ब्लड टेस्ट करवाने पर थायरायड का लेवल अलग होगा और अगली बार ब्लड टेस्ट करवाने पर आपके थायरायड का लेवल अलग हुआ। इसीलिये थायरायड की दवा सुबह उठने के बाद खाली पेट खानी चाहिए और दवा खाने से पहले कुछ भी पीना या खाना नही चाहिए। चाय, काफ़ी भी नही पीनी चाहिए और दवा खाने के बाद एक घंटे तक आपको और कुछ भी पीना या खाना नही चाहिए। चाय या काफ़ी भी आपको दवा खाने के बाद एक घंटे के बाद पीनी चाहिए।

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Thyriod me Parhej

अल्कोहल

ऐल्कोहल जैसे बीयर, बाइन, विस्की थायरायड होने पर ऐल्कोहल नहीं पीना चाहिए।  ऐल्कोहल थायरायड ग्रन्थि के कामकाज को रोक सकता है, ऐल्कोहल आपके शरीर में थायरायड हार्मोन T3 और T4 के लेवल को घटा सकता है। ऐल्कोहल थायरायड ग्रन्थि की कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है, जिसकी वजह से लम्बे समय तक ऐल्कोहल पीने से थायरायड ग्रन्थि का साइज छोटा हो सकता है। इसकी वजह से थायरायड हार्मोन कम पैदा होगा। ऐल्कोहल की वजह से शरीर में T3 हार्मोन का वैलेंस बिगड़ सकता है। ऐल्कोहल पीने से शरीर का अम्युनशिष्टम भी कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से इन्फैक्शन और इन्फ्लेममेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। इन सब कारणों की वजह से थायरायड होने पर ऐल्कोहल नही पीना चाहिए।

रिफाइंड आयल

 रिफाइंड आयल खाने से शरीर में जहरीले पदार्थों की संख्या बढ़ जाती है इन जहरीले पदार्थों को फ्री रेडिकल्स कहते हैं। फ्री रेडिकल्स के कारण शरीर की कोशिकाएं जल्दी मर जाती हैं। इसमें थायराइड ग्रंथि भी शामिल होती है। शरीर की कोशिकाओं को जल्दी मार कर आप अपनी सेहत में सुधार नहीं कर सकते। रिफाइंड ऑयल थायराइड की बीमारी को बढ़ सकती है और थायराइड होने का कारण बनती हैं। रिफाइंड ऑयल थायराइड ग्रंथि को थायराइड हार्मोन बनाने से रोकते हैं। रिफाइंड ऑयल थायराइड हार्मोन को पूरे शरीर में पहुंचने से रोकते हैं। रिफाइंड आयल आपके लिवर को T4 हार्मोन को T3 हार्मोन में बदलने से रोकते हैं। रिफाइंड ऑयल थायराइड हार्मोन को शरीर की कोशिकाओं के साथ जुड़ने से रोकते हैं। रिफाइंड ऑयल आपके शरीर की कोशिकाओं को जितना भी थायराइड हार्मोन मौजूद है, उसे इस्तेमाल करने से रोकते हैं। अगर आप अपनी तारीफ की सेहत को सुधारना चाहते है, तो रिफाइंड ऑयल को खाना पूरी तरह से बंद कर दीजिए और इसकी जगह कच्ची घानी सरसों के तेल का इस्तेमाल कीजिए।

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आयोडीन

आयोडीन आपको खाना भी चाहिए और नहीं भी खाना चाहिए यह निर्भर करेगा कि आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा कितनी है अगर आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा कम है तो आपको आयोडीन खाना चाहिए और अगर आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा ज्यादा है तो आपको आयोडीन नहीं खाना चाहिए और अगर आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा नॉर्मल है तो आप जिन चीजो को खा रहे हैं उन चीजों को खाते रहिये ताकि आपके शरीर आयोडीन का लेवल नार्मल बना रहे. 

थायराइड में आयोडीन कैसे फायदेमंद है?

थायरायड ग्रन्थि की सेहत के लिए आयोडीन का होना बहुत जरूरी होता है। आयोडीन का इस्तेमाल करके ही थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का निर्माण करती है, बिना आयोडीन के थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का निर्माण नहीं कर सकती। शरीर में आयोडीन की कमी होने से थायराइड ग्रंथि का साइज नॉरमल से बड़ा हो जाता है, जिसे ग्वाटर कहा जाता है। इसलिए सरकार नमक में आयोडीन मिलाती है लेकिन ज्यादा आयोडीन आपकी थायराइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए शरीर में आयोडीन का लेवल नॉर्मल रहना चाहिए। 

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आयोडीन का नॉरमल लेवल

शरीर में आयोडीन का नॉरमल लेवल 100 से लेकर 200 माइक्रोग्राम्स पर लीडर के बीच में होना चाहिए। 

आयोडीन टेस्ट

आयोडीन की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट होता है, यानी पेशाब का टेस्ट होता है। 

आयोडीन का अच्छा स्त्रोत

आयोडीन की जरूरत इम्यूनसिस्टम के लिए भी होती है मछली, डेयरी उत्पाद और अंडों में आयोडीन ज्यादा मात्रा में होता है। आयोडीन युक्त नमक मे भी आयोडीन होता है।

Thyroid me Kya Nahi Khana Chahiye

 जो चीजें थायराइड में अच्छी होती हैं और जिन्हें खाना चाहिए जैसे अंडे, हरी फलियाँ, डेयरी उत्पाद, बादाम, काजू, मछली, नाशपाती, खट्टे फल, ग्वाटर जेन्स वाली सब्जियों को कम मात्रा में या ग्वाटर जेन्स वाली सब्जियों को छोड़कर बाकी सभी तरह की सब्जियां, साबुत अनाज भी इन्हें आप भरपूर मात्रा में खा सकते हैं।