Cystone Tablet uses in hindi |सिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल तथा लाभ

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Cystone Tablet uses in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं गुर्दा हमारे पूरे मूत्रमार्ग को प्रभावित भी किया करता है। यदि गुर्दे में किसी भी प्रकार का संक्रमण या पथरी मौजूद हो तो मूत्र बहुत सी सरलता पूर्वक बाहर नहीं निकल पाता है, एवं मूत्र अस्थाई रूप से गुर्दे में एकत्रित होने लगता है। हिमालय सिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल इन सभी परेशानियों को कम  भी किया कर सकती है, एवं समाप्त करने में काफी सहायता किया करती है।

cystone tablet  क्या है – 

बता दें कि हिमालया सिस्टोन (Cystone tablet in Hindi) एक से ज्यादा जड़ी बूटियों एवं खनीजों का मिश्रण है। हिमालया सिस्टोन टेबलेट आपके गुर्दे एवं मूत्र मार्ग को स्वास्थ्य भी रखता है, तथा संक्रमण मुक्त रखने में काफी सहायता भी करता है। हिमालय सिस्टोन टेबलेट आपके गुर्दे में मौजूद पथरी को भी निकालने में काफी सहायता किया करता है।

दरअसल गुर्दा हमारे पूरे मूत्रमार्ग को प्रभावित भी किया करता है। यदि गुर्दे में किसी भी प्रकार का संक्रमण या पथरी मौजूद हो तो मूत्र बहुत सी सरलता पूर्वक बाहर नहीं निकल पाता है, एवं मूत्र अस्थाई रूप से गुर्दे में एकत्रित होने लगता है। हिमालय सिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल इन सभी परेशानियों को कम  भी किया कर सकती है, एवं समाप्त करने में काफी सहायता किया करती है।

उपयोग – 

  • बता दें कि सिस्टोन की गोलियाँ समग्र मूत्र कल्याण को बढ़ावा भी देती हैं।
  • इसमें मूत्रवर्धक, लोकतांत्रिक एवं रोगाणुरोधी गुण भी अधिक होते हैं।
  • कहा जाता है कि मूत्र पथ के संक्रमण को रोकने में काफी सहायता किया करता है एवं दर्दनाक पेशाब के इलाज के लिए अति उपयोगी है।
  • गुर्दे की पथरी एवं यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है।
  • बता दें कि कम मूत्र उत्पादन की स्थिति में काफी सुधार भी लाता है।

सावधानी – 

अगर आपको सिस्टोन टेबलेट के कारण होने वाले नुकसान से बचना है। तो मेडिसिन लेते समय पहले से ही कुछ सावधानिया ध्यान में अवश्य रखनी चाहिए।

  • दरअसल डॉक्टर द्वारा बताई गयी उचित मात्रा में ही गोली का इस्तेमाल अवश्य किया करे। इससे अधिक या कम मात्रा में इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
  • बता दें कि टेबलेट को बिना चूसे या चबाए पानी के साथ ही निगलना होता है।
  • याद रहे कि मेडिसिन खरीदने से पहले सदैव उसकी एक्सपाइरी डेट अवश्य जांच कर ले।
  • गर्भावस्था के दौरान इस टेबलेट को लेने से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श अवश्य किया करे।
  • स्तनपान कराने वाली स्त्रियाँ भी स्वास्थ्य निष्णांत की सलाह अनुसार ही इसका इस्तेमाल किया करे।
  • अगर आप पहले से किसी गंभीर रोग से बहुत ही दुखी हैं या ट्रीटमेंट चल रही है। तो अपने किसी नज़दीकी डॉक्टर से बात कर के दवा का इस्तेमाल किया करें।

खुराक –

कहा जाता है कि सभी दवाइयों की खुराक बीमारी की जटिलता एवं मनुष्य के उम्र एवं वजन पर निर्भर किया करता है यदि बीमारी की जटिलता अधिक होगी तो दवाइयों की खुराक को भी बढ़ाया जा सकता है। यदि किसी मनुष्य का वजन बहुत ही अधिक होता है उस संदर्भ में भी दवाइयों की खुराक को बढ़ाया भी जा सकता है। कभी-कभी बीमारियों की जटिलता एवं मनुष्य के वजन को देखते हुए दवाइयों की खुराक को दोगुना भी करना पड़ सकता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि दवाइयों के संपूर्ण खुराक को जानने के लिए आप अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क अवश्य किया करें।

लाभ – 

  • मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलना 
  • घांव को बहुत ही जल्दी से भरे
  • विषाक्त पदार्थो को बहार निकालने में काफी मदद करे.
  • मूत्र सम्बंधित परेशानियां दूर करे
  • पेट दर्द में आराम मिलना 
  • आंतरिक सूजन को कम करने में मददगार 
  • आंतो का संक्रमण को रोके
  • मूत्र मार्ग की जलन को बहुत ही कम करे आदि.

दुष्प्रभाव –

बता दें कि इस टैबलेट की एक साथ अधिक या गलत खुराक लेने से कुछ सामान्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे –

  • मतली का होना 
  • उल्टी होना 
  • दस्त का होना 
  • अनिद्रा का हो जाना आदि.

सिस्टोन टैबलेट के मुख्य घटक – 

  • शिलापुश्पा (Shilapushpa) – 130 mg
  • पाषाणभेद (Pashanbhed) – 98 mg
  • मंजिष्ठा (Manjishtha) – 32 mg
  • Nagarmotha (नागरमोथा) – 32 mg
  • अपामार्ग (Apamarg) – 32 mg
  • गोजिह्वा (Gojihva) – 32 mg
  • सहदेवी (Sahdevi) – 32 mg
  • स्‍वर्ण भस्‍म (H.Y Bhasma) – 32 mg
  • शिलाजीत (Shilajeet) – 26 mg

बता दें कि इन सब गुणकारी तत्वों द्वारा सिस्टोन टेबलेट का निर्माण भी होता रहता है। आयुर्वेदिक औषधि से दवा को बनाया गया है जो बहुत ही कम नुकसान देती रहती है। इसमें शिलाजीत तथा पाषाणभेद मुख्य औषधि बताई गई है।

FAQ – 

प्रश्न – हिमालय सिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल खाली पेट करना चाहिए या कुछ खाने के पश्चात्?

उत्तर – याद रखने वाली बात यह है कि हिमालय सिस्टोन टेबलेट का प्रयोग मुख्य था कुछ खाने के पश्चात् करनी चाहिए किन्तु किसी परिस्थिति में इसका प्रयोग करने से पहले आप अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लें।

प्रश्न – हिमालय सिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल मुख्यतः कितने दिनों तक करना पड़गा?

उत्तर – दरअसल हिमालय सिस्टोन टेबलेट मुख्यतः कम से कम 1 से 2 हफ्ते में अपना असर दिखाना आरंभ कर देता है। किन्तु सभी बीमारियों की गंभीरता पूरी तरह से अलग होती है जिसके कारण प्रयोग करने की अवधि और अधिक बढ जाती है।

प्रश्न – क्या हिमालया सिस्टोन टेबलेट के साथ किसी एवं दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

उत्तर – कहा जाता है कि हिमालय सिस्टोन टेबलेट का प्रयोग करने से पहले अपने पुराने दवाओं की परिस्थिति के बारे में अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं एवं डॉक्टर के सलाह के पश्चात् ही इस दवा के साथ किसी और दवा का प्रयोग बिल्कुल भी करें।

प्रश्न: क्या बूढ़े लोग सिस्टोन टैबलेट ले सकते हैं?

उत्तर : याद रहे कि शारीरिक क्रिया कम होने के कारण बुजुर्गों को आदर्श रूप से इस दवा को डॉक्टर की देखरेख में लेना चाहिए। इसके अलावा, उम्र बढ़ने के साथ, किसी भी पूरक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह करना अधिक महत्वपूर्ण होता है।

प्रश्न – इस दवा का इस्तेमाल गर्भवती महिलाएं तथा स्तनपान अभी के दौरान किया जा सकता है?

उत्तर – बता दें कि गर्भवती स्त्रियों पर किसी भी तरह का दवा का प्रयोग करने से पहले आप अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लें।

प्रश्न: सिस्टोन टैबलेट का कार्य क्या है?

उत्तर : बता दें कि यह बढ़िया मूत्र स्वास्थ्य के लिए एक दवा है। यह मूत्र संक्रमण, मूत्र उत्पादन में कमी, दर्दनाक पेशाब एवं गुर्दे की पथरी की स्थिति में काफी सहायता भी कर सकता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.