वर्ण के बारे में पूरी जानकारी

varn kise kahate hain |स्वर्ण वर्ण और आगत वर्ण क्या होते हैं

Hindi Vyakaran

वर्ण, वर्णमाला, स्वर्ण वर्ण और आगत वर्ण क्या होते हैं। स्वर और व्यंजन क्या होते हैं और इनके प्रकार। साथ ही हम आपको यहाँ समझायेंगे Vikari Avikari Shabd Examples.

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Varn Kise Kahate Hain – वर्ण किसे कहते हैं

वर्ण का अर्थ इन हिंदी

भाषा का मूल आधार है वर्ण व्यक्ति को अपने विचार,भावना को व्यक्त करने के लिए भाषा चाहिए। भाषा को व्यक्त करने के लिए वाक्य चाहिए, वाक्यों को विस्तार देने के लिए शब्द चाहिए, शब्दों के विस्तार के लिए वर्ण चाहिए। भाषा को बोलते समय वर्ण की आवाज स्पष्ट सुनाई देती है। वर्ण का कोई अर्थ नहीं होता है।

वर्ण महत्व इन हिंदी

  भाव को शब्दों की आवश्यकता होती है और वर्णों के संयोग शब्दों का निर्माण करता है शब्द के माध्यम से लोग आपस में बात कर जीवन को आगे बढाते हैं। वर्ण से भाषा आरम्भ होती होता है। भाषा बोल चाल और सम्प्रेषण का माध्यम है और वर्ण से बोल चाल या संवाद की शुरुआत होती है वर्ण के बिना हिंदी भाषा की कल्पना ही नही की जा सकती है। हिंदी भाषा का आधार वर्ण हैं वर्ण में सिर्फ अक्षर ही शामिल नही हैं मात्राओं के बिना हिंदी वर्णमाला अधूरी है और मात्रा के बिना हिंदी भाषा को पूर्णता नही मिलती है।

वर्ण प्रयोग इन हिंदी

जब एक व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति से संवाद करता है तो उसके मुह से जो आवाज निकलती है तो आवाज में वर्णों की ध्वनि साफ़ सुनाई देती है। भाषा को वाक्यों के माध्यम से बोला जाता है। भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होता है इसे अक्षर भी कहा जाता है। और जिस भाषा में वर्ण की संख्या जितनी अधिक होती है वो भाषा उतनी ही अच्छी और उन्नत होती है। वर्ण भाषा सीखने की पहला पायदान है। वर्ण को बिना सीखे कोई भी व्यक्ति भाषा का विद्वान् नही हो सकता है।

Varnmala Kise Kahate Hain –  वर्णमाला किसे कहते हैं

वर्णमाला का अर्थ

वर्णमाला किसे कहते हैं  वर्ण माला वह सूची होती है जिसमे हिंदी भाषा के सारे वर्ण होते हैं उस सूची को वर्णमाला कहते हैं | वर्णमाला में स्वर, व्यंजन और सब मात्राएँ होती हैं और इसमें कुल 52 वर्ण हैं |

हिंदी वर्णमाला का महत्व

हिंदी वर्णमाला सबसे सम्रद्ध वर्णमाला है इसमें सबसे अधिक अक्षर है और कई वर्ण ऐसे हैं जिनका स्पष्ट  उच्चारण आसान नही है और इनका उच्चारण बिना अभ्यास के संभव नही है। वर्णमाला में भाषा में प्रयुक्त होने वाले सभी वर्ण है और इस वर्णमाला में वर्ण या अक्षर को कहीं कहीं वर्ण के ऊपर और नीचे भी वर्ण का प्रयोग किया जाता है जिसका ज्ञान व्यक्ति को वर्णमाला के माध्यम से ही होता है। वर्णमाला में वर्ण के साथ साथ शब्द भी है।

वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं

वर्णमाला में कुल 52 अक्षर हैं इस वर्णमाला की विशेषता है वर्णमाला की शुरुआत अ से होकर  वर्णमाला का समापन ज्ञ से होता है |

हिंदी वर्ण माला

  • अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ:
  • क ख ग घ ड च छ ज झ ट ठ ड ढ ण
  •  त थ द ध न प फ भ ब म य र ल व श 
  • ष स ह क्ष त्र ज्ञ |

स्वर क्या होता हैं – तीन प्रकार के स्वर 

स्वरों की संख्या

वर्णमाला में वर्णो में स्वर की संख्या 11 होती है।

स्वर वर्ण

 ऐसे वर्ण जिनके उच्चारण करने पर एक प्रकार की आवाज निकलती है स्वर कहलाते है। जैसे -अ , इ  , उ 

वर्णमाला में 11 स्वर होते है और अं , अः  को शामिल करने पर 13 स्वर हो जाते है।  जैसे  अ , आ , इ , ई  , उ , ऊ ,ऋ , ए , ऐ , ओ , औ ,  अं , अः ।

स्वर के प्रकार और संख्याएं

स्वर कई प्रकार के होते हैं ।

हृस्व स्वर

जिन स्वर के उच्चारण में कम समय लगता हैं, उन्हें हृस्व  स्वर कहा जाता हैं। उदहारण  – अ, इ, उ ।

दीर्घ स्वर

ऐसे स्वर के उच्चारण में ह्रस्व स्वर का दुगना समय लगता हैं  वे स्वर दीर्घ स्वर कहते हैं। उदहारण-आ, ई, ऊ, ऐ, ओ, औ।

प्लुत स्वर

ऐसे वर्ण के उच्चारण में स्वर वर्ग के उचारण से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते  है। उदाहरण –  रा ——– म              ओ ——– म |

व्यंजन क्या होता है – व्यंजन के भेद

व्यंजन क्या होता हैं

व्यंजन वर्ण – जिनक वर्ण के  उच्चारण के समय दो ध्वनि सुनाई देतीं हैं. , उन्हें व्यंजन वर्ण कहते है |

व्यंजन वर्ण आठ प्रकार के समूह होते हैं

  • क वर्ग क  , ख , ग , घ , ङ |
  • च वर्ग च , छ  , ज , झ  , ञ |
  • ट  वर्ग ट  , ठ  , ड  ,ढ  , ण |
  • त  वर्ग त  , थ  ,द , ध , न |
  •  प  वर्ग प , फ  ,ब , भ ,म |
  • अन्तस्थ  व्यंजन-  य , र , ल , व |
  • संघर्षी / उष्म  व्यंजन- – श , स , ष  , ह |
  • संयुक्त व्यंजन-  –  क्ष , त्र , ज्ञ  , श्र |

व्यंजन के प्रकार और संख्याएँ

स्पर्श व्यंजन-  ऐसे वर्ण  जिनके उच्चारण करते समय वायु की टकराहट गला, तालु, मूर्धा, दन्त और  होंठ को छूते हुए निकलता है स्पर्श व्यंजन कहलाते हैं.

स्पर्श व्यंजनों का उच्चारण स्थान

  • गला को स्पर्श करने वाले वर्ण – क , ख , ग , घ , ङ |
  • तालु को स्पर्श करने वाले वर्ण -च, छ, ज, झ, ञ |
  • मूर्धा को  स्पर्श करने वाले वर्ण -ट , ठ  , ड  ,ढ  , ण |
  • दांतों को स्पर्श करने वाले वर्ण -त  , थ  ,द , ध , न |
  • होंठों को स्पर्श करने वाले वर्ण -प , फ  ,ब , भ ,म |

Swarna Varn Kise Kahate Hain – स्वर्ण वर्ण किसे कहते हैं

स्वर्ण वर्ण उन स्वरों को कहते हैं जिन वर्ण का उच्चारण बिना किसी दुसरे वर्ण की सहायता से किया जाता है.उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं | यह सब स्वर्ण वर्ण हैं जैसे -अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, ऋ, ॠ,  ऌ, ॡ |

Aagat Varn Kise Kahate Hain – आगत वर्ण हिंदी में आगत वर्ण का महत्व

आगत वर्ण वे वर्ण होते हैं जो लिखने में कठिन और बोलने में दो दो वर्ण और दो मात्राओं का बोध कराते हैं उन्हें आगत वर्ण कहते हैं।

शुद्वा हिंदी लिखने में इसका प्रयोग किया जाता हैं लेकिंन धीरे धीरे यह चलन से बाहर हो रही है क्योंकि लोगों को इसको लिखने और बोलने में कष्ट होता है और इसकी जगह लोगों ने उच्चारण की ध्वनि को प्राथमिकता देते हुए लोगों ने ध्वनि में आने वाली मात्रा और वर्ण को लिखना उचित समझा और उसका प्रयोग कर रहे हैं। और अन्य ने इसे सहर्ष स्वीकार भी कर लिया है। आगत वर्ण हैं श्र, ज्ञ, ऋ,।

हिंदी में बहुत से शब्द अंग्रेजी और उर्दू के शामिल हो गए हैं  लेकिन उच्चारण में कुछ अक्षर छुप जाते जाते हैं और हिंदी ने भी इन स्वरों को पूरी तरह आत्मसात कर लिया है इसलिए इन्हें आगत वर्ण कहते हैं जैसे कॉफ़ी में का के बाद का औ  छुपा हुआ है डॉक्टर में डा के बाद का औ  छुपा हुआ है।