आप कश्यप गोत्र के विषय में क्या जानते हैं? यदि नहीं जानते हैं तो हम आपका परिचय आपके गोत्र से कराएँगे । आप हमारे इस पेज से जुड़े रहें और अपनी जाति अनुसार अपने गोत्र की पहचान कर सकते है। कश्यप किस जाति से संबंधित है? या फिर जाने आपकी जाति से कश्यप गोत्र का क्या सम्बन्ध है?
कश्यप गोत्र का इतिहास बहुत पुराना है। किसी भी तरह के गोत्र को कश्यप ऋषि परमपरा से जोड़कर रखा गया है। ब्रह्मणों में तो गोत्र का विशेष महत्व है।
इस जाति के प्रत्येक गोत्र का किसी ना किसी ऋषि से जोड़ कर देखा गया है। हर जाति का अपना एक गोत्र होता है। क्या आप भी कश्यप समाज से सम्बन्ध रखते हैं ?
आप यह भी जान सकते है कि कौन से ऋषि आपकी जाति अथवा समाज का नेतृत्व करते है ?
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Kashyap Gotra in Hindi –
गोत्र का क्या मतलब होता है। गोत्र दो शब्दों से मिलकर बना है गो और त्र जिसमे गो अर्थात इन्द्रियाँ त्र अर्थात रक्षा करना ,इसका मतलब इन्द्रियों के आघात से रक्षा करने वाला होता है। जिसका इशारा ऋषियों की ओर है गोत्र को ऋषि परम्परा से माना गया है।
Kashyap Gotra History in Hindi-

गोत्र का क्या मतलब होता है। गोत्र दो शब्दों से मिलकर बना है गो और त्र जिसमे गो अर्थात इन्द्रियाँ त्र अर्थात रक्षा करना ,इसका मतलब इन्द्रियों के आघात से रक्षा करने वाला होता है। जिसका इशारा ऋषियों की ओर है गोत्र को ऋषि परम्परा से माना गया है।
प्राचीन काल में चार ऋषियों के नाम से गोत्र परम्परा प्रारम्भ हुई। अंगिरा ऋषि ,कश्यप ऋषि, वशिष्ठ ऋषि और भंगु ऋषि है।
कुछ समय बाद जमदग्नि ऋषि अत्रि ऋषि ,विश्वामित्र ऋषि अगस्ता ऋषि भी इसमें जुड़ गये। गोत्र से आशय व्यक्ति की पहचान से है।
अन्य वर्गों के गोत्र उनके उद्धम स्थान व कर्म क्षेत्र से सम्बन्धित होते है।
प्राचीन ग्रंथों में अदिति को कश्यप गोत्र की कुल देवी माना है। अदिति पुराण के अनुसार कश्यप ऋषि ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से १२ आदित्यों को जन्म दिया था। माना जाता है कि चाक्षुष मन्वतर काल में तुर्षित नामक १२ श्रेष्ठ गणों ने १२ आदितियों के रूप में जन्म लिया था। जो इस प्रकार थे -विवस्वान ,अर्यमा ,पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, मित्र, वरुण, इंद्र, त्रिविक्रम (वामन)
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Kashyap Surname belongs to which caste in Hindi-
कश्यप गोत्र सभी जातियों से संबन्ध रखता है। कश्यप गोत्र सभी जातियों और वर्णों में है। कश्यप गोत्र ब्रह्मण भी है ,कश्यप गोत्र राजपूत भी है ,कश्यप पिछड़ी जाति वाले भी है ,वशिष्ट ब्रह्मण भी है और दलित भी है।
इस समुदाय के लोग बिहार ,पंजाब ,हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही पाये जाते है कहार स्वयं को कश्यप नाम के एक अति प्राचीन हिन्दू ऋषि के गोत्र से उत्पन हुआ बतलाते है। इस कारण वे अपने नाम के आगे जाति सूचक शव्द कश्यप लगाने है।

Kashyap Gotra Kuldevi
प्राचीन ग्रंथों में अदिति को कश्यप गोत्र की कुल देवी माना है।
अदिति पुराण के अनुसार कश्यप ऋषि ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से १२ आदित्यों को जन्म दिया था। माना जाता है कि चाक्षुष मन्वतर काल में तुर्षित नामक १२ श्रेष्ठ गणों ने १२ आदितियों के रूप में जन्म लिया था।
जो इस प्रकार थे -विवस्वान ,अर्यमा ,पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, मित्र, वरुण, इंद्र, त्रिविक्रम (वामन)
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Kashyap Gotra in Brahmin-
धर्म ग्रंथों के अनुसार ब्राह्मणों के लिए गोत्र का विशेष महत्ब है। क्योकि ब्रह्मण ऋषिओं की संतान माने गये है। प्रत्येक ब्रह्मण का सम्बन्ध एक ऋषि कुल से होता है। उसके ऋषि कुल से ही उसकी पहचान होती है
ब्राह्मणो में जब किसी को अपने गोत्र का ज्ञान नहीं होता था तो वह कश्यप गोत्र का उच्चारण करता है। क्योकि कश्यप ऋषि के अनेक विवाह हुए थे और उनके अनेक पुत्र थे। इस कारण जिस व्राह्मण को अपने गोत्र का पता नहीं होता है उसे कश्यप ऋषि के ऋषि कुल से मान लिया जाता है।
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Kashyap Gotra in Rajput
कश्यप समाज का इतिहास वहुत पुराना है। राजपूतों में कश्यप गोत्र होता है। कश्यप राजपूत, महर्षि कश्यप के वंशज होने के कारण ये कश्यप राजपूत उपनाम लगते है।
ये मूल रूप से शैव धर्म को मानते है। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रथम चक्रवर्ती सम्राट हिरण्याक्ष इसी वंश में हुआ करते थे।
अन्य राजपूत उपनाम कश्यप राजपूत ,मेहरा राजपूत, कहार राजपूत, चंद्र वंशी क्षत्रिय,डोगरा राजपूत ,जामवाल राजपूत,क्षत्रिय धीवर ,झीवरराजपूत ,वर्मन राजपूत , वर्धन राजपूत , डेकाराजपूत , कल्यान राजपूत , भोई राजपूत, निषादराजपूत , गोंड राजपूत, चोल राजपूत, चेर राजपूत, पांडया राजपूत, मल्लाह राजपूत, सूर्यवंशी क्षत्रिय, कीर राजपूत, गंगापुत्र, अग्निकुल क्षत्रिय, वन्यकुल क्षत्रिय वन्नियार राजपूत आदि।
कश्यप राजपूत सिख शैव व वौद्ध में पायें जाते है।
Kashyap Gotra in Baniya
कश्यप गोत्र बनियों में नहीं होता है। वैश्य हिन्दू धर्म की एक जाति है। वैश्य समुदाय को लक्ष्मी पुत्र कहा जाता है।
इनकी कुल देवी माता लक्ष्मी होती है।भगवान विष्णु वैश्य समुदाय के परमपिता होते है। वैश्य शब्द की उतपत्ति संस्कृत से हुई है। जिसका अर्थ वसना ।
मनु स्मृति के अनुसार वैश्यों की उतपत्ति ब्रह्मा के उदर से हुई अर्थात पेट से हुई है। परन्तु हमेशा याद रखना चाहिए कि वर्ण का वर्गीकरण कर्म का वर्गीकरण है न कि मनुष्य का वर्गी करण है। तो इस आधार पर सभी एक सामान हैं|
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Kashyap caste comes in which category- Is Kashyap gotra scheduled caste?
कश्यप जाति वालों को अनुसूचित जाति में रखा गया है। कश्यप ,निषाद ,केवट ,मल्लाह ,धीमर समाज से जुडी ५७ जातियों में ७ जातियों को पहले ही अनुसूचित जाति में दर्ज किया जा चुका है।
अन्य १७ जातियोँ को भी जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। अधिसूचित होने के कारण ये जातियाँ आरक्षण अधिकारों से वंचित है।
शैक्षिक, आर्थिक, समाजिक, राजनैतिक, रोजगार क्षेत्र में बहुत पिछड़ी है। अपने साथ होने वाले अन्याय को लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई है तथा कहा है कि उन्हे पिछड़ी जाति से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल किया जाय।
Kashyap Gotra Surnames List
कश्यप ऋषि एक वैदिक ऋषि थे। इनकी गरणा सप्त ऋषि गणों में की जाती थी। हिन्दू मन्यता के अनुसार इनके वंशज ही सृष्टि के प्रसार में सहायक हुए। अर्थात एक प्रकार से ये माना जा सकता है की समस्त सृष्टि इन्हीं की वंशज है| हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णन है कि राजा दक्ष की इन पुत्रीओं से जो संतान उत्पन हुई उनका विवरण निम्न प्रकार है-
अदिति से | आदित्य देवता |
दिति से | दैत्य |
दनु से | दानव |
काष्टा से | अश्व आदि |
अनिष्टा से | गन्धर्व |
सुरसा से | राक्षस |
इला से | वृक्ष |
मुनि से | अप्सरा गण |
उत्तर प्रदेश में रहने वाले कश्यप गोत्र से संबंधित प्रमुख surname कुछ इस प्रकार हैं-
Nishad | Dhinwar | Gond | Jhir | Khairwar | Rajbhar |
Bind | Dhewar | Guria | Kewat | Machua | Tura |
Bhar | Gariya | Jhinwar | Kharwar | Majhi | Turah |
Batham | Gaur | Jhiwar | Kahar | Majhwar | Turaha |
Dhimar | Godia | Jhimar | Keot | Prajapati | Tureha, Turaiha |