चन्द्र ग्रहण दोष कमजोर चन्द्रमा upay in hindi शांति मंत्र

चन्द्र ग्रहण दोष | कमजोर चन्द्रमा upay in hindi | शांति मंत्र

Mantra Vedic

Chandrama Grah-

ऐसा माना जाता है कि सौरमंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पृथ्‍वी के बहुत ही पास है. अतः यह पृथ्वी से लगभग 3,84,365 किलोमीटर दूर चंद्रमा का धरातल समतल नही है एवं इसका व्यास 3,476 किलोमीटर है और इसका द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/8 है. जो पृथ्वी के समान इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है.

चंद्रमा को राशि में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह सभी ग्रहों में सबसे अधिक गति से चलने वाला चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है तथा चंद्र माता, मन, मस्तिष्क, बुद्धिमता, स्वभाव, जननेद्रियों, एवं प्रजनन संबंधी रोगों का कारक है. इसके अलावा चंद्र व्यक्ति की भावनाओं पर बहुत नियंत्रण रखता है. ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा के मित्र ग्रह सूर्य एवं बुध है. चंद्रमा की किसी भी ग्रह से शत्रुता बिल्कुल भी नहीं है. चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी भी है. वहीं चंद्र वृषभ राशि में उच्च स्थान को प्राप्त करता है. चंद्र वृश्चिक राशि में होने पर नीच राशि में होते हैं. चंद्र का भाग्य रत्न मोती है. चंद्रमा मंगल, गुरु, शुक्र व शनि से सम संबंध रखते हैं. 

भारतीय वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है एवं व्यक्ति के जीवन से लेकर विवाह तथा मृत्यु तक बहुत से क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को बहुत अधिक ध्यान से पढ़ा व समझा जाता है. भारतीय ज्योतिष पर आधारित दैनिक, साप्ताहिक तथा मासिक भविष्य फल भी व्यक्ति की जन्म के समय की चंद्र राशि के आधार पर बताए जाते हैं. यह भी कहा जाता है कि चंद्रमा की गति से सर्वदा परिवर्तन होता रहता है. चंद्रमा दिल का स्वामी भी माना जाता है. 

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Chandra Kharab Hone Ke Lakshan-

मानसिक कष्ट –

कहा जाता है कि चंद्रमा के खराब होते ही जो पहला संकेत सामने आता है वो है मानसिक कष्ट एवं परेशानी, ऐसे में जातक स्वयं को फंसा फंसा महसूस करता है, उसे बिल्कुल भी समझ नहीं आता कि वो अपनी समस्याओं से निजात कैसे पाए.

माता से अलग होना-

माना गया है कि चंद्रमा के खराब होते ही जातक की माता भी उससे बहुत ही नाराज हो जाती है तथा वो अपनी माँ के सुख की कमी को महसूस करता है. अर्थात कहने का तात्पर्य ये है कि उसके एवं उसकी माता के बीच का रिश्ता पहले जैसा बिल्कुल भी नहीं रहता.

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बायीं आँख में परेशानी नजर आना –

कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की बायीं आँख अचानक से कमजोर या कोई परेशानी हो जाती है तो उन्हें जान लेना चाहिये कि उनकी कुंडली में चन्द्रमा बिल्कुल रुष्ट हो चुके है.

आँखों के पास कालापन नजर आना –

ऐसा कहा जाता है कि चंद्रमा के खराब होते ही जातक की आँखों के पास कालापन भी दिखने लगता है जो उसके बुरे समय एवं उसकी थकान को दर्शाता है.

Kamjor Chandrama Ke Upay-

  1. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा आराधना करें, शिवलिंग पर जल भी अर्पित करें.
  2. आपको बता दें कि महिलाओं का आदर – सम्मान करें एवं प्रति दिन माता के चरणस्पर्श करें.
  3. माना जाता है कि चावल, सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, सफेद फूल, चीनी, दही एवं मोती दान करना चाहिए.
  4. ओम् सोम सोमाय नमः का 108 बार रोज जाप करना श्रेयस्कर होता है.
  5. पंडितों का कहना है कि सोमवार का व्रत रखें. सोमवार को खीर बनाकर गरीबों में दान अवश्य करें.
  6. ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि पर चंद्र देवता के दर्शन करें एवं उसकी रोशनी में बैठकर चन्द्र मंत्र का जाप जरूर किया करें.

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Majboot Chandrama Hume Kya Shubh Fal Deta Hai –

  1. सोमवार का व्रत 5 या 11 या 43 बार अवश्य करें.
  2. शिव जी की पूजा अर्चना करें. अमरनाथ जी की यात्रा या पूजन अवश्य करें.
  3. 3.पंडितों का कहना है कि द्वादश ज्योर्तिलिंगों की यात्रा अवश्य करें, पूजा व आराधना करें.
  4. 4.ज्योतिषियों का मानना है कि चावल, चांदी, दूध आदि का दान भी जरूर किया करें.
  5. 5.पंडितों का मत है कि जातकी को सच्चे मोती (दूधिया रंग) धारण अवश्य करें, मोती के अभाव में चांदी भी धारण करें.
  6. 6.यह कहा जाता है कि दूध का बर्तन रात को सिरहाने रखकर सुबह को कीकर या किसे यज्ञीय वृक्ष में जरूर डालना चाहिए.
  7. 7.ऐसा कहा जाता है कि माता (सास-मासी-मामी- घर में बुजुर्ग औरतों) का आशीर्वाद जरूर लिया करें.
  8. 8.आपको बता दें कि चारपाई के पायों में चांदी की कील अवश्य गाड़ना चाहिए.
  9. 9.कहा जाता है कि आसमानी बर्फ (ओले) शीशी में रखना या फिर गंगा जल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.

Chandra Grah Shanty Mantra-

ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः!

कहा जाता है कि चंद्र ग्रह के लिए सदैव अपने बुजुर्गों औरतों का आदर – सम्मान करें एवं उनके चरणस्पर्श कर उनका आशीर्वाद अवश्य लें. माना जाता है कि चंद्रमा पानी का कारक है. इसलिए कुएं, तालाब, नदी में या उसके आसपास कभी गंदगी को न फैलाएं एवं सोमवार के दिन चावल व दूध का दान अवश्य करते रहें.

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Chandrama Ki Mahadasha Ke Upay-

शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि के संध्या के समय भगवान शिव जी की पूजा – अर्चना करने से आशुतोष शंकर की कृपा अवश्य बनी रहती है. यह भी कहा जाता है कि अपने घर की छत पर चौरस टंकी लगवाना चांदी के बर्तन में दूध पीएं या फिर पानी पिएं एवं चलते पानी में स्नान भी करें और घर में जेट पम्प लगवाना तथा पहाड़ की सैर भी करना एवं किसी सफेद रंग की चीजों का दान अवश्य किया करें.

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माना जाता है कि शुक्ल त्रयोदशी के संध्या के समय प्रभु शिव जी की पूजा – अर्चना अवश्य करते रहें तथा जल एवं सफेद गाय के कच्चे दूध, चावल, दूध से बनी सफेद मिठाई ,गंगा जल या शुद्ध जल महादेव को अर्पित अवश्य किया करें तो देवादिदेव महादेव के कृपा का पात्र अवश्य बन जाता है एवं उनसे प्रबल मानसिक शांति भी मिलती है.