NRC Full Form in Hindi पढ़ें और जानें NRC का मुख्य उद्देश्य राज्य में अवैध रूप से रह रहे अ-प्रवासी और खासकर के बांग्लादेशीघुसपैठियों की पहचान करना है। NRC का पहली बार निर्माण वर्ष 1951 में हुआ था और साथ ही हम आपको देंगे POSCO Act in Hindi PDF.
NRC Full Form In Hindi
NRC की फुल फॉर्म नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन [National Register of Citizens (NRC)] होती हैं।
एनआरसी का क्या अर्थ है –
नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल (NRC Bill Meaning) एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड अवश्य रखा जाता है। एनआरसी की शुरुआत सन् 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। फिलहाल में यह असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू अभी बिल्कुल भी नहीं हुआ है।
एनआरसी के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है
यह साबित करने के लिए कि वे एक भारतीय नागरिक हैं, एक मनुष्य के पास निम्न में से एक दस्तावेज़ होना चाहिए: शरणार्थी पंजीकरण, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, एलआईसी पॉलिसी, नागरिकता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, लाइसेंस या सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र।
NRC से जुड़े महत्वपूर्ण रोचक तथ्य –
- 1) सन् 1951- एनआरसी पहली बार तैयार किया गया था
- 2) सन् 1971- भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी भारत में प्रवेश किया
- 3) सन् 1970-80- असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तन तथा परिणामस्वरूप अवैध शरणार्थियों एवं राज्य के निवासियों के बीच सामाजिक, जाति तथा वर्ग संघर्ष
- 4) सन् 1979-85 – असम विद्रोह ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के नेतृत्व में एवं ऑल असम गण संग्राम परिषद
- 5) सन् 1985 के समर्थन से आरंभ हुआ – असम समझौते पर हस्ताक्षर
- 6) सन् 2012-13 में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अपडेट करना – सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप
- 7)31 अगस्त सन् 2019 को NRC को अपडेट करना: NRC में अनियमितताओं की रिपोर्ट करने वाले लगभग 19 लाख लोगों को छोड़कर NRC की निश्चित सूची प्रकाशित होना।
NRC को क्यों लागू किया गया
- जब भारत एवं पाकिस्तान पूरी तरह से अलग हो गए, तो बड़ी संख्या में शरणार्थियों को दोनों पक्षों में स्थानांतरित कर दिया गया।
- बंटवारे के दौरान बड़ी संख्या में लोग असम से पूर्वी पाकिस्तान चले गए, परन्तु उनकी जमीन एवं संपत्ति असम में ही थी, इसलिए इनमें से कई लोगों का भारत में आना-जाना जारी रहा।
- नतीजतन, मूल भारतीय नागरिकों तथा अवैध शरणार्थियों के लिए यह जानना बहुत कठिन हो गया है कि वह मनुष्य भारतीय था या नहीं। जैसे ही कई प्रकार की परेशानी उत्पन्न होने लगीं, सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए सन् 1951 में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को तैयार किया।
- सरकार ने असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) अभियान आरंभ किया है। यह दुनिया के सबसे बड़े अभियानों में से एक बताया गया है, इस अभियान के तहत अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहले पहचान ज़रूर की जाएगी और फिर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा।
- वर्तमान में असम में कम से कम 50 लाख बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जिसके कारण कई दशकों से यहां सामाजिक एवं आर्थिक परेशानियां बनी हुई हैं।
- NRC केवल उन राज्यों में लागू होता है, जहां से दूसरे देशों के नागरिक भारत में प्रवेश किया करते हैं। एनआरसी की रिपोर्ट यह कहती है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं, यदि वह मनुष्य भारतीय है तो उसे भारतीय के समान अधिकार अवश्य मिलेंगे।