Samvidhan Kya Hai in Hindi अर्थ एवं परिभाषा

Samvidhan Kya Hai in Hindi | अर्थ एवं परिभाषा

Meaning in Hindi

Samvidhan Kya Hai in Hindi इस पोस्ट में हम आपको समझायेंगे अर्थ एवं परिभाषा सहित और आप यहाँ जानेंगे भारत के संविधान के विषय में भी और कुछ अन्य जानकारी. हमारी वेबसाइट hellozindgi.com पर आप और भी विषय में जानकारी प्राप्त क्र सकते है जैसे कि  एनआरसी का क्या अर्थ है.

Samvidhan Kya Hai in Hindi | सविधान क्या है

 संविधान (‘सम्’ + ‘विधान’ ), मूल सिद्धान्तों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या फिर अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में ही होता है।

भारत का संविधान

भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर सन् 1949 को आंशिक रूप से लागू किया गया तथा 26 जनवरी सन् 1950 पूर्ण रूप से सम्पूर्ण देश में लागू कर दिया गया, प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।  भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान बताया गया है, भारतीय संविधान में कम से कम 22 भाग, 444 अनुच्छेद, एवं 12 अनुसूचियां हैं, लेकिन संविधान निर्माण के समय इसमें कम से कम 22 भाग, 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी।

सविधान का अर्थ एवं परिभाषा

सविधान का अर्थ

प्रत्येक राज्य को अपने को परिचालित करने के लिए एक पद्धति या फिर व्यवस्था की बहुत ही ज़रूरत होती है जिस पर यह अपनी सरकार को आधारित करता है। इस व्यवस्था के अभाव में राज्य महज एक अराजक इकाई बनकर रह जाएगा। राजनीति विज्ञान की शब्दावली में इसी व्यवस्था को संविधान (Constitution) कहते हैं संविधान के द्वारा ही किसी देश की शासन व्यवस्था पूर्ण रूप से संचालित होती है। दूसरे शब्दों में संविधान के द्वारा ही किसी देश अथवा संस्था की शासन व्यवस्था नियंत्रण एवं निर्धारित भी होती है।

सविधान की परिभाषा

जब किसी देश या राष्ट्र का गठन अथवा पुनर्गठन होता है तो उसका शासन किस प्रकार चलाया जाए यानी देश की शासन व्यवस्था कैसी हो? सरकार का गठन कैसे हो? शक्तियों का वितरण कैसे हो? न्यायिक व्यवस्था कैसी हो आदि बातें उस राष्ट्र अथवा देश के मुख्य नेताओं का मुख्य प्रश्न होता है। फिर अलग – अलग व्यवस्था द्वारा उस देश अथवा संस्था को चलाये जाने के लिए नियम एवं सिद्धांत बनाये जाते हैं। वही नियम तथा सिद्धांतों को अगर लिपिबद्ध कर दिया जाय तो वह संविधान ही कहलाता है।

संविधान की ज़रूरतें –

संविधान की ज़रूरत निम्नलिखित कारणों में बताई गई हैं

  • यह साथ रह रहे लोगों के मध्य आवश्यक भरोसा एवं सहयोग विकसित करता है तथा सरकार एवं नागरिकों के आपसी सम्बन्धों को निर्धारित भी करता है।
  • संविधान यह स्पष्ट भी करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा तथा किसे निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है।
  • संविधान सरकार के अधिकारों की सीमा एकदम से तय करता है एवं हमें यह भी बताता है कि नागरिकों के क्या – क्या अधिकार है।
  • संविधान ही सरकार की शक्ति एवं सत्ता का स्रोत माना गया है।
  • संविधान एकदम बढ़िया समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त भी करता है।

लिखित संविधान क्या है-

 लिखित संविधान एक औपचारिक दस्तावेज है, जो संवैधानिक समझौते की प्रकृति एवं राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित करने वाले नियमों एवं नागरिकों तथा सरकारों के अधिकारों को एक संहिताबद्ध रूप में परिभाषित करता है। जिसका ज्यादातर भाग लिखित ही होता है। संविधान किसी देश को बढ़िया तरीके से संचालित करनें के लिए बनाया गया लिखित दस्तावेज होता है। लिखित संविधान का निर्माण किसी विशेष समय पर संविधान सभा द्वारा ही तय किया जाता है।

अलिखित संविधान क्या है-

 अलिखित संविधान उन विचार, नियमों, रीति-रिवाजों अथवा लोक- प्रथाओं तथा परंपराओं के समूह को कहते हैं, जिनसे उस देश की शासन व्यवस्था चलाई जाती है।अलिखित संविधान के नियम या उनका अर्थ स्पष्ट नहीं होता, न ही कोई भी शासन संचालन व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं लिखी गई है। मुख्यतः संविधान लिखित रूप में ही मौजूद होते हैं।