mera priya mitra

मेरा प्रिय मित्र का निबंध हिंदी में | Mera Priya Mitra Short Essay

NIBANDH IN HINDI

दोस्तों इस पोस्ट में हम मेरा प्रिय मित्र  पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं. उम्मीद है कि मेरा प्रिय मित्र Essay in Hindi आपका ज्ञान वर्धन अवश्य करेगा. हिंदी निबंध का हिंदी भाषा के अध्ययन में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है. तो आइये अब पढ़ते हैं  मेरा प्रिय मित्र  पर हिंदी में निबंध. 

प्रस्तावना

आपको बता दें कि ‘मित्र’ शब्द कहना बहुत ही सरल होता है परन्तु एक सच्चा मित्र पाना बहुत ही कठिन भी होता है | एक सच्चा मित्र वही होता है जो आपकी ज़रूरतों में सहायता, व शिक्षा भी देता है और उचित पथ का मार्गदर्शन भी करता है | बता दें कि कमजोरियों एवं अवगुणों को भी भलीभांति दिखाता है | मैं बहुत ही भाग्यशाली हूँ कि मैंने गोविन्द जैसा एक बहुत ही बढ़िया दोस्त पाया|वह मुझे मेरे स्कूल में मिला | हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं | वह मृदुभाषी भी है और दयालुतापूर्ण तथा शिष्टाचारी व्यवहार भी बहुत ही बढ़िया तरीके से करता है | वह कंप्यूटर का अत्यंत प्रेमी भी है | वह बहुत बुद्धिमान तथा सदैव अपनी कक्षा में प्रथम ही आता है |

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कर्तव्य

मित्र वह मनुष्य होता है जिसके साथ रहने से हम पूरी तरह से आनंदित हो। दुनिया में प्रत्येक मनुष्य को एक सच्चे मित्र की आवश्यकता अवश्य होती है। सच्ची मित्रता जीवन में एक वरदान की तरह होती है। लेकिन सच्चे और ईमानदार मित्र बड़े ही दुर्लभ होते हैं।

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आमतौर पर, जिन मनुष्यों को हम अक्सर मित्र कहते हैं, वे वास्तविक मित्र बिल्कुल भी नहीं होते हैं। वे केवल परिचित अथवा जान पहचान के मनुष्य होते हैं जिनके साथ हम अक्सर संपर्क में आते रहते हैं। एक सच्चा मित्र वह होता है जिसके साथ हम अपने सारे रहस्य, खुशियाँ, दुख एवं विचार साझा अवश्य करते हैं।  वह आपके सुख-दुख में आपके साथ खड़ा होता है एवं कठिनाई के समय में आपका साथ बिल्कुल भी नहीं छोड़ता। वह लोग वास्तव में भाग्यशाली ही होते हैं जिनके पास कम से कम एक सच्चा दोस्त एवं ईमानदार दोस्त होता है।

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एक आज़ाकारी पुत्र

उसकी यूनिफार्म सदैव साफ एवं स्वच्छ रहती है। वह सभी शिक्षकों का बहुत ही आदर व सम्मान भी करता है तथा अपने माता-पिता की आज्ञा को निष्ठापूर्वक मानता है । उसका शरीर बहुत ही अच्छा है। वह रोज व्यायाम भी करता है और सुबह को बहुत ही जल्दी उठ जाता है।

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मजाकिया दोस्त

गोविन्द बहुत ही मजाकिया मित्र है। मुझे कविताएं लिखने का बहुत ही शौक है और गोविन्द मेरी कविताओं को बहुत ही ध्यान पूर्वक से सुनता है और उसे मेरी कविताएं बहुत ही पसंद आती हैं। उसी प्रकार मुझे भी गोविन्द के बनाए हुए चित्र भी बहुत पसंद आते हैं। कुछ तो मैंने अपने घर के कमरे की दीवार पर भी अवश्य लगाएं हैं। गोविन्द ने कई चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कार भी जीता है।

मेरे प्रिय मित्र गोविन्द की बातें सच में मुझे बहुत ही प्रेरित भी करती हैं। वह कहता है कि आगे बढ़कर उसे लोगों के लिए कुछ अच्छा काम अवश्य करना है। अपने प्रारंभिक शिक्षा के समय में मैं पढ़ाई में उतना अच्छा नहीं था परंतु गोविन्द के साथ रहकर मेरी शिक्षा में बहुत ही सुधार आया है और साथ ही मैंने अपने मेट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया है। आज भी वह मेरे कैरियर के निर्माण में मेरे लिए एक प्रेरणा बन गई है।

उपसंहार

आपको यह भी बता दें कि मैं अपने घनिष्ठ मित्र से बहुत ही अधिक प्रेम करता हूं क्योंकि मेरा मित्र ठीक वैसा ही है जैसा दोस्त के बारे में कहा गया है। दोस्त वही जो समय पर काम आये। मेरा मित्र गोविन्द न सिर्फ मेरे समय पर काम ही आता है अपितु वह आवश्यकता पड़ने पर किसी भी विषय पर मुझे उचित मार्गदर्शन भी देता है। मुझे अपने मित्र पर बहुत ही अधिक गर्व है।