mera priya shikshak

Mera Priya Shikshak Par Nibandh In Hindi | Mera Priya Shikshak Short Essay

NIBANDH IN HINDI

दोस्तों इस पोस्ट में हम Mera Priya Shikshak पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं. उम्मीद है कि Mera Priya Shikshak Essay in Hindi आपका ज्ञान वर्धन अवश्य करेगा. हिंदी निबंध का हिंदी भाषा के अध्ययन में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है. तो आइये अब पढ़ते हैं  Mera Priya Shikshak  पर हिंदी में निबंध. 

प्रस्तावना

आपको बता दें कि जिन्दगी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ,हमारे अध्यापक। टीचर ना केवल हमें शिक्षा प्रदान करते हैं , अपितु हमारे व्यक्तित्व को भी निखारते हैं। हमें जिन्दगी में एक सभ्य नागरिक बनाने का श्रेय अध्यापक को जाता है। अध्यापक विद्यार्थियों के जीवन के मार्ग दर्शक भी होते हैं।

Also Read:-

Mera Pita Par Nibandh In Hindi |  Mera Pita  Short Essay

टीचर हमारे दिमाग को बहुत ही अधिक तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों एवं क्षमताओं के सहारे अवश्य पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी वस्तु को तो पढ़ सकते हैं एवं इसे पूरी तरह से समझ भी सकते हैं परन्तु एक शिक्षक की मौजूदगी को पूर्ण बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की ज़रूरत अवश्य होती है।

Also Read:-

Mera Desh Par Nibandh In Hindi | Mera Desh Short Essay

उनकी योग्यता:-

पढ़ाने की दृष्टि से उनका कोई उत्तर नही होता है। वो अपने विषय के बारे में इतनी गहराई और विस्तार से समझाते हैं। कि छात्रों को कहीं अन्य स्थान पर भटकने की ज़रूरत नही पड़ती । वो एक एक पाठ को बहुत ही बढ़िया तरीके से समझाकर विषय से हमे परिचित करवा देते हैं। मुझे उनका पढ़ाना बहुत ही भाता है।

Also Read:-

Mera Gaon Par Nibandh In Hindi | Mera Gaon Short Essay

व्यवहार

अतः उनका व्यवहार बहुत ही विनम्र है, छोटी-छोटी बातों पर कभी भी गुस्सा बिल्कुल नहीं होते। उन्होंने कभी किसी के लिए कठोर शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया है।

Also Read:-

मेरा प्रिय खेल का निबंध हिंदी में | Mera Priya Khel Short Essay

वह एक शांत स्वभाव के हैं। वह अपने विद्यार्थियों को फटकार नहीं लगाते, कभी भी किसी की पिटाई भी नहीं करते। वह अपने छात्रों को अपने बच्चों के सामान ही मानते हैं।

Also Read:-

मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में | Mera Vidyalaya Short Essay

वह कमजोर छात्रों को कड़ा परिश्रम करने के लिए प्रोत्साहित अवश्य करते हैं। वह सदैव कमजोर छात्रों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

स्कूल प्रिंसिपल एवं बाकी शिक्षक भी उनका सम्मान एवं प्रशंशा भी खूब किया करते हैं। वह स्वेच्छा से उनकी बात भी अवश्य मानते हैं। वह स्कूल के हित में कुछ भी करने को तत्पर  रहते हैं। वह स्कूल शिक्षा के इश्तर को बढ़ाने में अन्य शिक्षकों के साथ पूरा सहयोग अवश्य करते हैं।

उनकी महानता:-

मैंने उन्हें कभी भी गुस्से में उबलते या फिर तीव्र स्वर में किसी भी विद्यार्थी को डांटते हुए कभी नही देखा है। अगर उन्हें किसी की गलती पर गुस्सा आ भी जाता है। तो विद्यार्थी को पहले आराम से गंभीरतापूर्वक उसे समझाते हैं। तथा उसे सही गलत के बारे में भी अवश्य बताते हैं। उनकी आँखों की स्नेह एवं गम्भीरता ही छात्र के लिए डांट का प्रयाय बन जाते हैं।

विशेषताएँ-

वे अपने विषय के बहुत ही अच्छे ज्ञाता हैं। उनकी वाणी मधुर तथा प्रभावशाली है। अपना विषय वे इतने बढ़िया तरीके से पढाते हैं कि साधारण छात्र भी सारी बातों को हृदयस्थ ज़रूर कर लेता है। वे बड़े ही अनुशासनप्रिय एवं समय के पाबंद भी हैं। यह उनके चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता मानी गई है। वे हमेशा प्रसन्न रहते हैं तथा हर किसी को पूरा सहयोग देने के लिए तत्पर रहते हैं। वे सादमी, सेवा और सद्भाव के साक्षात अवतार हैं।

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी वस्तु है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच एवं विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी वस्तुएँ भी हैं, मैं उनका साथ पाकर अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूँ।

समय का महत्व:-

उनका मानना है। कि प्रत्येक काम के लिए समय को अत्यधिक महत्व अवश्य देना चाहिए। और वे समय के अत्यंत पाबंद है। कभी भी समय का दुरुपयोग बिल्कुल भी नही करते हैं। समय पर कक्षा में आते हैं। तथा अपने विषय को गम्भीरता से अवश्य पढ़ाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वो केवल अपने विषय तक ही सीमित नही रहते हैं। विद्यार्थी की अनेक व्यक्तिगत एवं मानसिक परेशानियों का समाधान भी अवश्य करते हैं। मैंने उन्हें कभी भी सिगरेट पीते या फिर किसी विद्यार्थी को अपशब्द कहते बिल्कुल भी नही सुना है।

वह केवल एक पुस्तक पढ़ाने में ही भरोसा बिल्कुल भी नहीं रखते बल्कि उसको प्रैक्टिकल करके भी अवश्य बताते हैं। और लिखित कार्य को भी बहुत लगन एवं ध्यानपूर्वक से अवश्य देखते हैं। तथा गलतियों का सुधार भी अवश्य करवाते हैं।

उपसंहार:-

आपको यह भी बता दें कि इस प्रकार हमारे प्रिय अध्यापक महोदय सर्वक्षेष्ठ अध्यापको में से एक हैं। उनका कार्य एवं गुण न केवल मुझे ही प्रभावित करते हैं। बल्कि पूरे स्कूल के अध्यापक और विद्यार्थियों को भी प्रभावित अवश्य करते हैं। इस आधार पर हम यह अवश्य कह सकते हैं। कि मेरे प्रिय अध्यापक एक ऐसे आदर्श अध्यापक हैं, जिन पर हम बहुत गर्व करते हैं। उनसे हमारा विद्यालय बहुत ही गर्वित और हर्षित भी होता है। इस प्रकार मेरे अध्यापक अत्यंत महान और प्रशंसनीय माने गये हैं इनसे निश्चय ही एक सफल एवं आदर्श बनने की प्रेरणा अवश्य मिलती है।