दोस्तों कभी अपने सोचा है की जो खाना आप रोज़ खाते हो अगर उसका ज्यादातर हिस्सा कचरा हो तब उससे आपके शरीर पर क्या असर होगा?
ऐसी ही समस्या है Pradushan Ki Samasya. इस समस्या से आपको रूबरू कराने के लिए आज का हमारा ये लेख Pollution Essay in Hindi या फिर प्रदूषण पे निबंध होने वाला है. दोस्तों जैसे मैंने ऊपर खाने में कचरे का उदाहरण दिया है वैसे ही इस निबंध में आपको पता लगेगा कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण हमारे आस पास की हर एक चीज जैसे पानी, हवा, खाना सभी प्रदूषित हो चुके हैं.
अगर किसी को प्रदूषण का मतलब नहीं पता तो आप इसे पढ़ कर अच्छी तरह से समझ जाएंगे की प्रदूषण किसे कहते हैं? इसके अलावा आपको pradushan Kitne prakar ke hote hain या फिर types of pollution के बारे में भी बताया जाएगा.
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Pradushan Kise Kahate Hain
प्रकर्ति द्वारा दिए साधनों को अशुद्ध करके उनकी उपयोगिता को बर्बाद करने वाली स्थिति प्रदूषण कहलाती है.
प्रदुषण का अर्थ किसी भी चीज को या पर्यावरण को गंदा या दूषित करना होता है. जब कोई भी चीज़ जो आसानी से सड़े ना या नष्ट ना हो जैसे प्लास्टिक, काँच आदि और वो पानी , ज़मीन या हवा में छोड़ी जाती है तो ऐसी चीजें हवा, पानी या ज़मीन के साथ मिलकर इंसानों के साथ साथ सभी जीव जंतुओं को नुकसान पहुँचाती है इस प्रक्रिया को प्रदूषण कहते हैं.
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संसार में सभी जीव जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने पर्यावरण के सभी प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करते हैं और अपना जीवन व्यतीत करते हैं कोई भी ऐसा कार्य जो प्राकृतिक साधनों के उपयोग में बाधा बनती है , उसे प्रदूषक कहते है एवं इसके परिणाम से जो स्थिति उत्पन्न हो उसे पर्यावरण प्रदूषण कहा जाता है.
Pradushan Essay in Hindi
प्रस्तावना
प्रदुषण की समस्या कोई छोटी समस्या नहीं है. प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य को सीधे रूप से बिगाड़ रहा है। प्रदूषण कभी-कभी प्राकृतिक कारणों से भी हो सकती है जैसे ज्वालामुखी का फटना पर वर्तमान में लगभग प्रदूषण के सारे कारण मनुष्य ही हैं. प्रदूषण मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है जिनके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे.

CAUSES OF POLLUTION
प्रदूषण के कारण
प्रदूषण का कारण केवल मनुष्य और उसकी कभी न कम होने वाली जरूरतें ही हैं. मनुष्य अपने स्वार्थ और ऐशो आराम में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें आने वाला कल भी दिखाई नहीं दे रहा है. प्रदूषण का कारण हानिकारक चीजें जैसे प्लास्टिक, काँच, जहरीली गैसों का प्रकृति में छोड़ना है. इसमें फक्ट्रियों से निकलने वाली कई हानिकारक चीजें भी हैं जैसे की पॉलीमर, नॉन स्टिकी किचन उपकरण आदि जैसी चीजें आती हैं जो कि प्रकृति को प्रदूषित करती हैं. दोस्तों यह सब चीजें ऐसी हैं जो रोज़ की जिंदगी में ज़रूरी हैं, बहुत आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं और इन चीजों की ये खूबी प्रकृति को बहुत नुकसान पहुँचती है.
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Types of Pollution in Hindi (प्रदूषण के प्रकार)
प्रदूषण की जानकारी देने के बाद अब ये समझते हैं कि प्रदुषण कितने प्रकार के होते हैं. आगे आप समझेंगे की प्रदूषण कितने प्रकार के होते है या all pollution types in hindi. दोस्तों प्रदूषण निम्न प्रकार के होते हैं । आइये इनके बारे में हम विस्तार से जानते हैं.

वायु प्रदूषण–
वायु को जहरीले गैसों के द्वारा गंदा करना वायु प्रदूषण कहलाता हैं. फक्ट्रियों से निकली गैस, गाड़ी मोटर से निकलने वाला धुआं, तेल पेट्रोलियम कोयले के जलने से निकलने वाला धुआं, युद्ध विमान से निकलने वाला धुआं आदि हवा में मिलकर उसे दूषित करता है. गैस के ज़हरीले कण हवा में ही रह जाते और इसमें साँस लेने वाले जीव जंतुओं को नुकसान तो पहुँचाते ही हैं साथ में ये प्राकृतिक नियमों में बदलाव और रूकावट लाते हैं.
विस्तार में जानें वायु प्रदूषण के विषय में – वायु प्रदूषण वायु या आस पास की हवा में जहरीली गैसों या हानिकारक छोटे कण के मिल जाने से होता है। ये जहरीली गैसों या छोटे कण हवा में मिलने के कई कारण होते हैं जैसे आग लगाने के कारण, फैक्टरियों के चिमनी से धुआं निकलने के कारण, रेफ्रिजिरेटर और लाइट बल्ब जैसे उपकरणों से निकलने वाली जहरीली गैसों के कारण आदि. इस प्रदूषण के कारण पृथ्वी के आस पास की हवा की परत जो कि प्राकृतिक रूप से हमारे लिए अत्यंत लाभदायक है एवं हमारे लिए सुरक्षा कवच का काम करती है उसमें छेद होने लगा है जिसे कारण सूरज की पैरा बैंगनी किरणें अंदर आने लगी है. दोस्तों पृथ्वी का तापमान अत्यधिक बढ़ने का कारण भी वायु प्रदूषण ही है.

जल प्रदूषण–
दोस्तों जिस प्रकार वायु को तरह-तरह से प्रदूषित किया जाता है उसी प्रकार पानी में जहरीली चीजें छोड़ना जल प्रदूषण होता है. फैक्टरियों से निकला हुआ ज़हरीला पदार्थ पानी में सीधे छोड़ने से जल तो प्रदूषित होता ही है साथ में जल में रहने वाले जीवों और पौधों को नुकसान पहुँचाते है. इसे अलावा दूषित जल से अगर फसल की सिचाई हो तो ऐसे फसल फिर से इंसान को नुकसान पहुँचता है.
भूमि प्रदूषण-
भूमि या धरती को प्रदूषण करने की प्रक्रिया को भूमि प्रदूषण कहते हैं. इसे कई कारण होते हैं जैसे फैक्टरियों के द्वारा दूषित चीजें ज़मीं में दफन कर देना , किसानों के द्वारा अत्यधिक खाद डालना, मनुष्यों का कचरा फैलाना आदि. वर्तमान में ये बात वैज्ञानिकों ने साबित की है कि दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं जहाँ इंसान का कचरा न फैला हो, इस तथ्य से आप समझ ही सकते हैं की भूमि प्रदूषण अपने चरम पर है.
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पर्यावरण प्रदूषण–
जल , वायु और भूमि का अनेक कारणों से दूषित होने को पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं. पहले के समय मनुष्य अपनी भूमि से जुड़ा रहता था और पर्यावरण को कई अनेक रूपों में पूजा भी करता था पर वर्तमान का मनुष्य स्वार्थी और अहंकारी हो गया है इसलिए तेजी से पर्यावरण को प्रदूषित करता जा रहा है जिसका सीधा असर उसके स्वस्थ पर देखा जा सकता है और सामान्य इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे भी कमी आई है.

उपसंहार–
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दोस्तों आप अब तक तो ये समझ ही गए होंगे कि कैसे प्रदूषण के बढ़ने का कारण मानव है और अंत में यह प्रदूषण मानव स्वस्थ के लिए ही खतरा बन गया है। इन्हीं कुछ कारणों की वजह से अब वह दिन दूर नहीं जब अकाल, महामारी और बीमारी से मानव जाती का अंत हो सकता है. अगर मानव अपना स्वास्थय ठीक रखना चाहे तो उसके लिए आवश्यक है कि प्रदूषण का नियंत्रण करे और ऐसी चीजें जो पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं उनका उपयोग और पैदावार बंद कर दे.