Vastu For Toilet Bathroom Position Direction जरूर देखें

Vastu For Toilet |Bathroom |Position |Direction | जरूर देखें

Vastu Tips for Home in Hindi

वास्तु के अनुसार शौचालय (Vastu for Toilet)

ज्यादातर घरों में पारवारिक सदस्यों के बीच तनाव रहता है. लोगों का स्वास्थय खराब रहता है . बेवजह धन खर्च होता है. तमाम समाधान के बावजूद ये समस्याएं खत्म नहीं होती हैं. जबकि परिवार के सदस्य खूब धन खर्च करते हैं और बताये उपचार का पूरी तरह से पालन करते हैं.ये सभी समस्याएं वास्तु दोष के कारण होती हैं .

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क्या है टॉयलेट का वास्तु दोष-

आप जानते हैं आपकी समस्याओं की क्या वजह हो सकती है. तो हम बताते हैं आपके घर में टॉयलेट का वास्तु दोष आपकी इन समस्याओं की वजह हो सकता है .

आपको भवन निर्माण से पहले ही वास्तु के बारे में जान लेंगें तो घर में वास्तु दोष नही होगा .यह आपके लिए सबसे अच्छा है. लेकिन अभी भी देर नही हुई है अब भी वास्तु शास्त्र को समझकर आप घर में टॉयलेट के स्थान, दिशा और वास्तु समाधान कर समस्याओं का स्थायी समाधान निकाल सकते हैं .

तो आइये जानते हैं वास्तु फॉर टॉयलेट(Vastu for Toilet) क्या है ?

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वास्तु दोष दूर करने के उपाय

वास्तु फॉर टॉयलेट इन हिंदी (Vastu for Toilet in Hindi )

वास्तु में टॉयलेट की दिशा बहुत महत्वपूर्ण है. टॉयलेट के लिए दक्षिण, पश्चिम दिशा उचित होती है. इस दिशा में शौचालय बनाने से व्यक्ति अपनी बेकार और कष्टकारी चीज़ो का विसर्जन करता है. टॉयलेट का निर्माण नकारात्मक ऊर्जा वाली जगह पर होना चाहिए.

Remedies Of Vastu For Toilet (टॉयलेट का वास्तु दोष दूर करने के उपाय)

vastu for toilet position-(वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा )

टॉयलेट का निर्माण और उपकरण लगवाते समय ध्यान दें कि इनसे निकलने वाली नेगेटिव एनर्जी  स्टोर न हो व् तुरंत बाहर निकले . नेगेटिव एनर्जी के स्टोर से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य  प्रभावित होता है .

  • वास्तु के हिसाब से टॉयलेट और बाथरूम एक साथ नहीं बनवाना चाहिए . कंबाइंड बाथरूम और टॉयलेट होने की वजह से घर में एक दूसरे से मतभेद होते हैं.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय से पॉजिटिव एनर्जी ख़त्म नहीं होनी चाहिए.
  •  पॉजिटिव एनर्जी खत्म होने से आर्थिक दिक्कतें शुरू हो जाती हैं.
  • वास्तु के अनुसार शौचालय का गेट मेन गेट के सामने नहीं बनवाना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है जो नुकसान करती है.
  • टॉयलेट में पानी का बहाव उतर पूर्व दिशा से होना चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार टॉयलेट में राहु का वास और बाथरूम में चन्द्रमा का वास होता है. शौचालय और बाथरूम अटैच्ड बनाने से चंद्रमा को राहु की वजह से ग्रहण लगता है. और कई दोष उत्पन्न होते हैं. यह व्यक्ति के मन और सेहत को प्रभावित करता है.
  • शौचालय को पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए. ऐसा होने पर व्यक्ति को सफलता मिलने में दिक्कत होती है.
  • वास्तु के हिसाब से शौचालय उत्तर दिशा में नहीं होना चाहिए. नहीं तो परिवार के रोजगार में परेशानियां शुरू हो जाती हैं .और फिर धन आने में रुकावटें आने लगती हैं .
  • टॉयलेट उतर-पूर्व दिशा में भी वर्जित है ऐसा टॉयलेट घर के सदस्यों की इम्युनिटी को  प्रभावित करता है .
  • घर के पूर्व दिशा में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए । ऐसा टॉयलेट व्यक्ति के सामाजिक रिश्ते को ख़राब करते हैं.
  • वास्तुशास्त्र के अनुसार टॉयलेट (VASTU FOR TOILET) कभी भी किचिन के सामने नहीं होना चाहिए.
  • टॉयलेट का टैंक पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए.
  • टॉयलेट का गेट और खिड़कियाँ दक्षिण दिशा में नहीं बनवानी चाहिए.

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वास्तु फॉर टॉयलेट सीट फेसिंग ( Vastu for Toilet Seat Facing)

 टॉयलेट की दिशा के साथ साथ साथ टॉयलेट सीट की दिशा भी बहुत मायने रखती है. क्योंकि इससे व्यक्ति कि दिशा भी प्रभवित होती है .

टॉयलेट सीट का फेस(Vastu for Toilet Seat Facing)

1-पश्चिम या दक्षिण दिशा में होना चाहिए । ये दिशाएं टॉयलेट सीट के लिए सबसे अच्छी दिशाएं है.
2- टॉयलेट का उपयोग करते समय व्यक्ति का चेहरा दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
3- व्यक्ति का चेहरा टॉयलेट(Vastu for Toilet Seat Facing) के समय पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए .क्योंकि पूर्व दिशा सूर्य भगवान् की है. टॉयलेट में पूर्व में चहेरा होने से सूर्य भगवान् का अपमान होता है. इससे यश और सम्मान प्रभावित होता है.

Vastu for Bathroom and Toilet

अगर किसी कारण से अटैच्ड टॉयलेट एंड बाथरूम है तो बाथरूम एंड टॉयलेट के लिए क्या वास्तु होना चाहिए और उसके लिए क्या समाधान है इस पर जरुर विचार करना चाहिए . यह घर के कल्याण और प्रसन्नता के लिए बहुत जरुरी है.

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  • टॉयलेट की दीवारों का रंग सफ़ेद, आसमानी हल्का नीला या हल्का पीला कलर बहुत अच्छा रहता है.
  • ऐसे व्यवस्था में वाशिंग मशीन के लिए दक्षिण या आग्नेय कोण सही दिशा होती है.
  • मिरर पूर्व या उतरी दिशा कि दीवार पर लगाना चाहिए.
  • बाथरूम (Vastu for Bathroom)की दीवार और आपके बेडरूम की दीवारे एक हैं तो आपको डरवाने सपने आते हैं.
  • बाथरूम में वाश बेसिन और शॉवर पूर्व, उत्तर या उतर पूर्व में होना चाहिए.
  • बाथरूम का एग्जॉस्ट फैन भी पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए जिससे बाथरूम में हवा और धूप आए.
  • बाथरूम में टाइल ब्राउन, क्रीम या मिटटी के कलर की होनी चाहिए.
  • वास्तु के मुताबिक बाथरूम को स्टेयर के नीचे नहीं बनवाना चाहिए.
  •   वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम का गेट लकड़ी का होना चाहिए. इससे परिवार के सदस्यों का स्वस्थ्य अच्छा रहता है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय – (Vastu For Toilet)

आज कल ज्यादातर लोग बैडरूम में शौचालय बनवाते हैं . यह गलत है. ऐसा करने से बैडरूम और बाथरूम की ऊर्जा में टकराव होता है. इसका घरवालों के स्वास्थय पर भी असर पड़ता है. दोनों के बीच में एक चेंजिंग रूम बनवाएं. यह हमेशा ध्यान रखें की उपयोग के बाद अगर बेडरूम में टॉयलेट है या अटैच्ड टॉयलेट और बाथरूम है तो शौचालय का दरवाज़ा हमेशा बंद रखना चाहिए.

1 – सोते समय चेहरा शौचालय के गेट की तरफ नहीं हो.
२- शौचालय हमेशा सतह से कम से कम एक फिट उंचा बनवाना चाहिए.

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वास्तु फॉर टॉयलेट इन वेस्ट फेसिंग हाउस (Vastu for Toilet in West Facing House)

वास्तु के अनुसार वेस्ट फेसिंग हाउस में पश्चिम-दक्षिण या दक्षिण दिशा में टॉयलेट बनाया जा सकता है . लेकिन गेट दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए .

टैंक पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए .

 वास्तु रेमेडीज फॉर ईस्ट फेसिंग टॉयलेट- Vastu Remedy for Toilet in East

ईस्ट फेसिंग टॉयलेट परिवार के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है. बच्चों की तरक्की रुक जाती है. जीवन में बोरियत हो जाती है .पैरों में रोग हो जाते हैं . ईस्ट फेसिंग टॉयलेट के लिए टॉयलेट की छत में बांस का उपयोग करना सबसे बढ़िया उपाय है .