बाघ: भूमि के राजा का अद्वितीय साहस

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वन्यजीवों का राजा, भूमि के अद्वितीय साहसी – बाघ! यह सुंदर और भयानक सहिष्णु पशु विश्वभर में अपनी अद्वितीय स्थिति के लिए प्रसिद्ध है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको बाघ के बारे में रोचक तथ्य, उनके आवास, आदतें और संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यह बाघों की महत्वपूर्ण भूमिका पर एक नजर डालने का प्रयास है ताकि हम सभी उनके संरक्षण में योगदान कर सकें।

बाघ या व्याघ्र (Tiger) –

बता दें कि बाघ या व्याघ्र (Tiger) जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनधारी पशु होते हैं। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा एवं बहुत ही ताकतवर जानवर होता है। यह तिब्बत, श्रीलंका एवं अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया एवं इंडोनेशिया में बहुत ही अधिक संख्या में पाया जाता है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि बाघ एक तेज-तर्रार, खूबसूरत, ताकतवर एवं मांसाहारी जंगली जानवर होता है. बाघ, भारत का राष्ट्रीय पशु भी है. भारत के साथ ही बांग्लादेश, मलेशिया एवं दक्षिण कोरिया का यह राष्ट्रीय पशु आज अपनी घटती हुई संख्या एवं विलुप्त होने की आशंकाओं के कारण चर्चा का विषय बन गया है. चारो ओर टाइगर्स के संरक्षण के बहुत ही प्रयास किए जा रहे हैं जिसके कारण से पिछले कुछ समय में इनकी संख्या में कुछ वृद्धि भी हुई है. 

बाघ शिकार कैसे करते हैं – 

  • आमतौर पर बाघ बड़े या फिर मध्यम आकार के जानवरों जैसे भैंस, हिरण, मगरमच्छ, तेंदुआ, अजगर आदि का शिकार किया करते हैं। बाघ आमतौर पर अकेला ही रहता है एवं अकेला ही शिकार करता है, समूह में बिल्कुल भी नहीं।
  • बाघ लंबी दूरी तक अपने शिकार का पीछा बिल्कुल भी नहीं करता है, वह धीरे-धीरे शिकार का पीछा करता है और उस पर अचानक हमला कर देता है। एक समय में यह 10 मीटर तक अवश्य कूद सकता है।
  • बता दें कि जब यह मगरमच्छ को पकड़ता है तो यह अपने पंजे से सबसे पहले आंखों पर हमला करता है। इसके पश्चात यह उसे अपने जबड़े में पकड़ लेता है एवं मौत तक गला घोंट देता है।
  • बाघ इंसानो को नहीं खाता है, परन्तु कभी-कभी यह इंसानो का भी भक्षक बन जाता है।
  • ध्यान रहे कि बाघ आमतौर पर भोजन के लिए घोड़े, भेड़, हिरण आदि जानवरों का शिकार किया करता है।
  • माना जाता है कि एक बाघ (जो मवेशी खाता है) अपने 60 से 70 साल की उम्र में हर 5 दिन में एक बैल का शिकार अव्ह्स्य किया करता है।
  • यदि किसी बाघ को भोजन की तलाश में कोई परेशानी होती है तो वह पक्षियों, अंडों या जामुन को खा सकता है। जब इसे किसी भी तरह का भोजन नहीं मिल सके तो यह किसी भी तरह का मांस भी खा सकता है।

महत्वपूर्ण जानकारी –

  • बाघ पन्थेरा (Panthera) समूह का बिल्ली (Cat) परिवार का मांसाहारी स्तनपायी जानवर होता है. यह बिल्ली जाति का सबसे बड़ा जीव है. बाघ शब्द संस्कृत के ‘व्याघ्र’ शब्द से बना हुआ है. बाघ को ख़ास तौर पर इसकी तेज रफ़्तार, शिकार करने की क्षमता एवं फुर्ती के लिए जाना जाता है.
  • दरअसल बाघ को सन 1986 से ही IUCN की ‘लुप्तप्राय’ प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है. दुनियाभर में इस समय लगभग 3950 टाइगर्स हैं जिनमें से 75% से अधिक अकेले भारत में पाए जाते हैं.
  • बाघ पुरातन काल से ही एतिहासिक महत्व के जीव रहे हैं. विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदायों में बाघों को प्रतीकों तथा अराध्य जीवों के तौर पर प्रदर्शित किया जाता रहा है. आज भी दुनियाभर के देशों, आयोजनों एवं संगठनों के झंडों या प्रतीकों में बाघ को प्रमुख तौर पर शामिल अवश्य किया जाता है. 
  • बता दें कि वैज्ञानिक रिसर्चर के अनुसार भारत में बाघों का आगमन चीन की तरफ से हुआ. भारत से रूस के सर्बिआ तक में पाए जाने वाले बाघों के डीएनए अध्ययन के द्वारा ही इस बात का पता लगाया गया.

शारीरिक संरचना – 

बता दें कि बाघ का शरीर लाल-पीले रंग का होता है जिस पर काली धारियां बनी होती हैं. ये केवल काली धारियां बाघों को शिकार करते समय झाड़ियों में छिपने में बहुत ही सहायता करती हैं. बाघ के शरीर के आंतरिक भाग जैसे वक्ष एवं पैरों का रंग पूरी तरह से सफ़ेद होता है. बाघ एक लंबा चौड़ा एवं वजनदार जानवर होता है. यह लगभग 300 किग्रा तक वजनी एवं 6-7 फीट तक बहुत ही लंबा हो सकता है.