Badminton History |बैडमिंटन के नियम क्या है | पूरी जानकारी 

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Badminton History in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं इसमें खिलाड़ी सर्विस दाएं या बाएं कोने से कर सकता है। इस गेम में दोनों खिलाड़ी एक दूसरे से तिरछे खड़े रहते हैं।

बैडमिंटन क्या है – 

दरअसल बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक खेल होता है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने अवश्य खेला जाता है.

भला इस खेल को कौन नहीं जानता होगा इसके साथ ही यह एक बहुत ही बढ़िया खेल माना जाता है जिसे आम तौर पर तो दो लोगों के मध्य अवश्य खेला जाता है, लेकिन कई बार चार लोग भी इसमें शामिल रहते हैं। इसे शटल की मदद से अवश्य खेला जाता है एवं एक चिड़िया भी होती है जिसे कोई खिलाड़ी अपने प्याले में बिल्कुल गिरने नहीं देता। यह चिड़िया, असल चिड़ियों के पंखो के बने होते हैं, जो कि बहुत भी नाजुक होते हैं।

इतिहास –

आपको यह भी बता दूँ कि (Badminton History) बैडमिंटन खेल का इतिहास बहुत ही अधिक पुराना नही है। यह खेल ब्रिटिश शासन के दौरान ही खेला जाता था। ब्रिटिश अफसर बैडमिंटन से मिलते जुलते खेल को खेला करते थे जिसे शटलकॉक भी कहा जाता था। इस खेल में कॉक की जगह ऊन से बनी गेंद का इस्तेमाल किया जाता था। यह सन 1870 के आसपास का समय था। पहले इस खेल को अधिकतम 4 – 4 लोग खेला करते थे परन्तु बाद में इसे सिंगल्स एवं डबल्स में कर दिया गया।

सन 1934 के आसपास “बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन” की नींव रखी गयी एवं इस खेल के कई नियम भी बनाये गए। इस फेडरेशन के संस्थापक सदस्यों में आयरलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड प्रमुख देश भी शामिल अवश्य थे। सन 1936 में ब्रिटिश भारत भी बैडमिंटन खेल के फेडरेशन का सदस्य भी बन गया था।

बैडमिंटन खेल एशिया एवं यूरोप में बहुत ही अधिक फेमस रहा है। भारत, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया एवं दक्षिण कोरिया बैडमिंटन के सिरमौर बन गया है। भारत ने बैडमिंटन में कई ओलम्पिक मेडल भी जीते हैं। साइना नेहवाल, पी. वी. सिंधु, श्रीकांत, पुलेला गोपीचंद आदि भारत के प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने विश्वस्तर पर अपनी पहचान अवश्य बनाई है।

नियम

आम तौर पर हम अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने नियम बना के इसे अवश्य खेल लेते हैं, पर इस खेल को अंतरराष्ट्रीय तौर पर ख्याति प्राप्त है एवं इसके कुछ नियम भी हैं जिनका पालन इसे खेलते समय अवश्य किया जाता है।

  • बता दें कि इस खेल को कई प्रकार से खेला जाता है, जैसे कि एक-एक या फिर दो-दो खिलाडियों के मध्य अवश्य खेला जाता है। खिलाडियों की संख्या के आधार पर कोर्ट की लम्बाई तथा चौड़ाई अवश्य होती है।
  • दरअसल खिलाड़ी सर्विस दाएं या बाएं कोने से कर सकता है। इस गेम में दोनों खिलाड़ी एक दूसरे से तिरछे खड़े रहते हैं।
  • किसी खिलाड़ी के रैली हारने पर सर्विस करने का मौका विरोधी को अवश्य मिलता है। रैली हारने का कारण फाल्ट ही होता है।
  • मैच में कम से कम तीन बार गेम अवश्य खेला जाता है। जो खिलाड़ी दो बार खेल जीतता है तो उसे विजेता घोषित ज़रूर किया जाता है। हर बार के गेम में खिलाड़ी अपनी साइड अवश्य बदलता रहता है।
  • दरअसल इस खेल में कुल 21 पॉइंट होते हैं, एवं हर खिलाड़ी का प्रयास यह होता है कि प्रस्तुत दायरे के अंदर सामने वाले का कॉक अवश्य गिरा दिया जाये। कई बार अंको की बराबरी हो जाने पर खेल को आगे कुछ अंकों तक भी जारी अवश्य रखा जाता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि बैडमिंटन के बारे में जानकारी एवं बैडमिंटन का इतिहास आपको बहुत ही बढ़िया लगा होगा अगर आपको यह बढ़िया लगा हो तो इसे आप मित्रों तक शेयर भी ज़रूर करें। बैडमिंटन खेलने के नियम की जानकारी पर कमेंट बॉक्स में अपने विचारो को प्रकट भी अवश्य करें. धन्यवाद.