Bharat Ke Kitne Naam Hai | 7 Naam | महत्त्वपूर्ण जानकारी

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Bharat Ke Kitne Naam Hai? भारत को कितने नाम से जाना जाता है? आइए इसके ऐतिहासिक संदर्भ को पूर्ण रूप से खंगालते है|

भारत का नाम कैसे पड़ा – 

Bharat Ke Kitne Naam Hai कुछ लोग यह मानते हैं कि भारत या फिर भारतवर्ष, देश का वास्‍तविक नाम है. कहते हैं कि देश का नाम भरत राजवंश पर पड़ा था. माना जाता है कि महान राजा भरत जो कि राजा दुष्‍यंत एवं रानी शकुंतला के बेटे थे, उन्‍हें इस राजवंश को आरंभ करने वाला कहा जाता है. राजा भरत को भारत का सबसे पहला राजा माना जाता है. इसलिए कई इतिहासकार इस बात पर भरोसा करते हैं कि भारत देश का नाम इस शक्तिशाली राजा के नाम पर ही पड़ा था.

तो चलिए जानते हैं कि भारत को कितने अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है.Bharat Ke Kitne Naam Hai प्राचीनकाल से भारतभूमि के अलग-अलग नाम रहे हैं जैसे मसलन जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान एवं इंडिया.

भारत देश के नाम

  • हिन्दुस्तान
  • भारत
  • इंडिया 
  • भारतवर्ष
  • आर्यावर्त
  • जम्बूद्वीप
  • हिन्द
  • भारतखण्ड

भारत का आधिकारिक नाम क्या है – 

ऐसा कहा जाता है कि भारत का आधिकारिक नाम भारत, हिन्दुस्तान, इंडिया है इन तीनो नामो का इस्तेमाल आज भी भारत में क़ानूनी रूप से किया जाता है।

आर्यावर्त नाम कैसे पड़ा – 

ध्यान देने वाली बात यह है कि आर्यावर्त नाम भारत में आर्यो के बसने के पश्चात ही पड़ा।

कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी –

भारत विश्व की सबसे पुरानी सम्यताओं में से एक माना गया है जिसमें बहुरंगी विविधता एवं समृद्ध सांस्कृतिक का विरासत है। इसके साथ ही साथ यह अपने-आप को बदलते समय के साथ ढ़ालती भी आई है। आज़ादी पाने के पश्चात भारत में बहुआयामी सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्मनिर्भर बन चुका है एवं अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती अधिक की जाती है। साथ ही साथ उन चंद देशों में भी इसका बहुत ही अधिक शुमार होने लगा है, जिनके कदम चांद तक पहुंच चुके हैं। 

बता दें कि भारत का क्षेत्रफल कम से कम 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो हिमाच्छादित हिमालय की ऊंचाइयों से आरंभ होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है। विश्व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत देश एशिया से पूर्णतया अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत एवं समुद्र ने निश्चित की है एवं ये इसे विशिष्ट भौगोलिक की पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर एवं दक्षिण में हिन्द महासागर इसकी सीमा निर्धारित किया करते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि पूरी तरह उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत की मुख्यभूमि 8 डिग्री 4 मिनट एवं 37 डिग्री 6 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 68 डिग्री 7 मिनट तथा 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है । उत्तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि.मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि.मी. मानी गयी है। इसकी ज़मीनी सीमाओं की लंबाई लगभग 15,200 कि.मी. है। जबकि मुख्यभूमि, लक्षद्वीप एवं अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह की तटरेखा की कुल लम्बाई 7,516.6 कि.मी जानी जाती है।

निष्कर्ष – 

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