Bhav vachak sangya | भाव वाचक संज्ञा | नियम | अन्य जानकारी

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अगर आप भाव वाचक संज्ञा के बारे में जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें। जैसा कि आप यह सब जानते हैं, कि मूल रूप से तीन प्रकार की संज्ञाएं होती हैं, जैसे कि व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा एवं तीसरी भाववाचक संज्ञा होती है जिसे हम अंग्रेजी में “Abstract noun” के रूप में ही जानते हैं। आज यहां हम आपको भाववाचक संज्ञा(Bhav vachak sangya) के बारे में विस्तृत जानकारी अवश्य प्रदान करने जा रहे हैं, इसलिए अगर आप भाववाचक संज्ञा के बारे में नहीं जानते हैं, तो इस लेख की सहायता से, आप आज इस भाववाचक संज्ञा को बहुत ही बढ़िया तरीके से अवश्य जान पाएंगे।

भाववाचक संज्ञा – 

बता दें कि वह शब्द जिनसे हमें भावना का बोध होता हो, उन शब्दों को भाव वाचक संज्ञा कहा जाता है। मतलब वह शब्द जो किसी पदार्थ या फिर किसी वस्तु का भाव, दशा या अवस्था का बोध कराते हो उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

वह संज्ञा जिसे हम छू नहीं सकते केवल उन्हें अनुभव ही कर सकते हैं एवं इस संज्ञा का भाव हमारे भावों से पूरी तरह से सम्बन्ध होता है, जिनका कोई आकार या फिर कोई रूप नहीं होता है।

  • दरअसल भाववाचक संज्ञाएँ अदृश्य होते हैं ,अर्थात हम उन्हें केवल महसूस ही कर सकते हैं।
  • बता दें कि भाववाचक संज्ञाएँ अवास्तविक एवं अमृत होते हैं।

जैसे – मिठास, खटास, धर्म, थकावट, जवानी, मोटापा, मित्रता, सुन्दरता, बचपन, परायापन, अपनापन, बुढ़ापा, प्यास, भूख, मानवता, मुस्कुराहट, नीचता, क्रोध, चढाई, उचाई, चोरी इत्यादि।

नियम – 

बता दें कि जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय में ता, आस, पा, अ, पन, ई, आव, वट, य, हट, त्व इत्यादि लगाकर भाववाचक संज्ञा में पूरी तरह से बदला जाता है।

भावबाचक संज्ञा से कैसे बदलें – 

1. जातिवाचक संज्ञा से- नर-नरता नारी-नारीत्व, बूढा-बुढ़ापा, मनुष्य-मनुष्यता आदि।

2. व्यक्तिवाचक संज्ञा से- राम-रामत्व, रावण-रावणत्व, शिव- शिवत्व आदि।

3. सर्वनाम से- अपना-अपनत्व, अहं-अहंकार, मम- ममता, ममत्व आदि।

4. विशेषण से-कठोर-कठोरता, गुरु-गुरुता, चौड़ा-चौड़ाई, बहुत- बहुतायत, सुन्दर-सुन्दरता, सौंन्दर्य आदि।

5. क्रिया से-खेलना-खेल, दिखाना-दिखावा, पढ़ना-पढ़ाई, बचना- बचत, बूझना-बुझौवल, मारना-मार, मिलना-मिलाप आदि।

6. अव्यय से- समीप-सामीप्य, दूर-दूरी आदि।

निष्कर्ष – 

हम यह आशा करते हैं कि आप भाववाचक संज्ञा के बारे में बहुत कुछ अवश्य समझ गए होंगे, परन्तु फिर भी अगर आपके मन में भाववाचक संज्ञा के बारे में कोई भी सवाल उठ रहा है, तो आप हमसे निःसंकोच पूछ सकते हैं। यहां हम संज्ञा एवं उसके सभी प्रकारों के बारे में भी विस्तार से चर्चा करते हैं, इसलिए अगर आप संज्ञा को बहुत ही बढ़िया तरीके से जानना चाहते हैं, तो आप एक बार उस लेख को अवश्य पढ़ें।