Bhugol in Hindi pdf |भूगोल की शाखाएं|पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Bhugol in Hindi pdf के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं भूगोल वह शास्त्र होता है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप एवं उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है।

भूगोल क्या है – 

बता दें कि भूगोल (Geography) एक वह शास्त्र होता है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप एवं उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है।

ऐसा कहा जाता है कि भूगोल हमारे एवं देश की अर्थव्यस्था को प्रभावित भी किया करता है। जैसे कि प्राकृतिक आपदा हमे आर्थिक हानि पहुंचता है। वही एकदम से बढ़िया मानसून कृषि उत्पादन में काफी मदद भी किया करता है.

भूगोल का शाब्दिक अर्थ:- 

बता दें कि भूगोल ‘भू’ और ‘गोल’ (भू + गोल) शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें ‘भू’ का मतलब होता है ‘पृथ्वी’ एवं ‘गोल’ का मतलब होता है ‘गोल'(circular)। इस प्रकार भूगोल का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘पृथ्वी गोल’ है। 

दरअसल बता दें कि भूगोल का अंग्रेजी पर्याय ‘जियोग्राफी’ (Geography)ही  होता है। 

  • Geography शब्द ग्रीक / यूनानी भाषा के दो शब्दों ‘Geo‘ (पृथ्वी) एवं ‘Graphos‘ (वर्णन करना) से मिलकर बना है। इस प्रकार इसका शाब्दिक अर्थ ‘पृथ्वी का वर्णन करना’ होता है। 

भूगोल की शाखाएं –

वैसे तो भूगोल कई सारी शाखाएँ होती हैं जिन्हें भौतिक एवं मानवीय परिघटनाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है परन्तु भूगोल को मुख्यत: तीन शाखाओं में वर्गीकृत अवश्य किया गया है भूगोल की सभी उपशाखाओं को इन्हीं तीन मुख्य शाखाओं में वर्गीकृत किया गया है भूगोल के ये तीन प्रमुख शाखाएँ इस प्रकार से हैं :-

1. भौतिक भूगोल 

2. मानव भूगोल

3. प्रादेशिक भूगोल

1. भौतिक भूगोल की परिभाषा – 

बता दें कि भूगोल की वह शाखा जिसके अंतर्गत भौतिक परिघटनाओं अर्थात भूगोल मौसम विज्ञान, रसायन शास्त्र, भूगर्भशास्त्र, जंतु विज्ञान आदि का अध्ययन भलीभांति किया जाता है तो वो भौतिक भूगोल ही कहलाता है. भौतिक भूगोल को विभिन्न – विभिन्न क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए इसे भिन्न-भिन्न शाखाओं में वर्गीकृत भी किया गया है ताकि उनका अध्ययन खूब ही बढ़िया तरीके से किया जा सके. भौतिक भूगोल को कम से कम 6 उपशाखाओं में वर्गीकृत किया गया है।

भौतिक भूगोल की उपशाखाएँ :-

1. खगोलीय भूगोल 

2. जलवायु विज्ञान 

3. भू आकृति विज्ञान 

4. जैव विज्ञान 

5. समुद्र विज्ञान 

6. मृदा विज्ञान 

2. मानव भूगोल की परिभाषा

भूगोल की वह शाखा जिसके अंतर्गत पृथ्वी की सतहों तथा मानव समुदाय के मध्य संश्लेषित पदार्थों एवं पर्यावरण का अध्ययन पूर्ण रूप से किया जाता है तो वो मानव भूगोल ही कहलाता है. भूगोल की शाखा के अंतर्गत संपूर्ण मानव समुदाय का अध्ययन किया जाता है, अतः मानव भूगोल को भी कम से कम 8 मुख्य उपशाखाओं में वर्गीकृत किया गया है।

मानव भूगोल की उपशाखाएँ :-

1. मानवविज्ञान भूगोल 

2. आर्थिक भूगोल 

3. सांस्कृतिक भूगोल 

4. राजनीतिक भूगोल 

5. सामाजिक भूगोल 

6. ऐतिहासिक भूगोल 

7. जनसंख्या भूगोल 

8. अधिवास भूगोल 

3. प्रादेशिक भूगोल की परिभाषा – 

भूगोल की वह शाखा जिसके अंतर्गत प्रदेशों का सीमांकन एवं मानवीय समानताओं के आधार पर सम्पूर्ण धरातल का वर्गीकरण एवं विभिन्न क्षेत्रो का सीमांकन करके उनका अध्ययन किया जाता है तो उसे प्रादेशिक भूगोल ही कहते हैं।

भूगोल : (एक विज्ञान)

याद रहे कि भूगोल को वैज्ञानिक मान्यता प्राप्त है वैज्ञानिकों ने भूगोल को विज्ञान की श्रेणी में अवश्य रखा है। भूगोल पृथ्वी का वर्णन करने वाला विज्ञान ही होता है। यह एक ऐसा भौतिक तथा सामाजिक विज्ञान माना जाता है जो कि प्राकृतिक एवं मानवीय परिवर्तनों की व्याख्या करने वाले सामान्य नियमों और प्रक्रमों की तलाश किया करता है। 

आरंभ में यह नक्षत्र विज्ञान एवं खगोलिकी का ही एक भाग माना जाता था। परन्तु यह वर्तमान में विज्ञान का एक अलग स्वतंत्र विषय बन चुका है। 

टॉलमी के अनुसार ,भूगोल एक उर्ध्वपातन का विज्ञान है जो कि पृथ्वी का परावर्तन देखता है।

ऐसा कहा जाता है कि भूगोल को आधुनिक विज्ञान के रूप में विकसित करने का श्रेय जर्मन विद्वानों को ही जाता है।

भूगोल के पिता

भूगोल के पिता के विषय में बहुत ही अधिक मतभेद है. परन्तु जो जानकारियाँ हैं वह आपको बता देते हैं. समाज भर में भूगोल के पिता तो इरेटोस्थनीज को ही माना जाता है जो कि आज से तकरीबन 2,200 से 2,300 साल पहले यूनान में पैदा हुआ था.

दरअसल यह एक यूनानी गणितज्ञ कवि एवं खगोलविद था. इरेटोस्थनीज ने पहली बार जियोग्राफी शब्द का इस्तेमाल किया था. लेकिन कुछ लोग हिकेटियस जो कि यूनान का ही था, उसके प्राचीन ग्रंथ Ges Periodos के नाम पर उसे भूगोल का पिता ही कहा जाता है.

भूगोल शिक्षण के उद्देश्य

  • भूगोल का सर्वप्रथम उद्देश्य पृथ्वी के भूतल का अध्ययन करना.
  • भूगोल का द्वितीय उद्देश्य आप कह सकते हैं कि पृथ्वी कैथल पर मौजूद सभी प्राकृतिक तत्वों से मनुष्य का अंतर्संबंध का अध्ययन ठीक प्रकार से करना.
  • भूगोल में सभी प्रकार के नदियों झीलों समुद्र पहाड़ दृश्य आदि सभी का अध्ययन निष्ठापूर्वक किया जाता है
  • भूगोल के अध्ययन में जलवायु के परिवर्तन एवं उसके साथ-साथ मौसम के पूर्वानुमान का भी अध्ययन खूब बढ़िया तरीके से किया जाता है
  • पृथ्वी के विभिन्न भागों पर मानव की जनसंख्या किस भाग पर कितनी अधिक है एवं किस तरह से फैली हुई है इस बात का अध्ययन भी भूगोल के अन्तर्गत आता है.

FAQ – 

1. भूगोल का जनक कौन है ?

उत्तर :- बता दें कि हिकेटियस को भूगोल का जनक का पिता कहा जाता है. जिन्होंने ही सबसे पहले यह कहा था कि संपूर्ण विश्व का स्थल भाग सागरो से घिरा हुआ है एवं इन्होंने ही सर्वप्रथम संपूर्ण विश्व का क्रमबद्ध अध्ययन किया।

2. भूगोल की कितनी मुख्य शाखाएं हैं ?

उत्तर – ऐसे तो भूगोल की कई शाखाएं हैं परन्तु भूगोल को मुख्यत: तीन शाखाओं में वर्गीकृत किया गया है इन्हीं तीन शाखाओं के अंतर्गत संपूर्ण ब्रह्मांड का अध्ययन खूब अच्छी तरह से किया जाता है।

3. आधुनिक मानव भूगोल का जनक किसे माना जाता है ?

उत्तर :- दरअसल कार्ल रिटर को आधुनिक भूगोल का जन्मदाता जाना जाता है. जिन्होंने सर्वप्रथम कार्बनिक समानता के इस्तेमाल का उल्लेख भलीभांति किया था।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें. ताकि आपको और भी बढ़िया से बढ़िया जानकारी आप तक पहुँच सके. धन्यवाद.