Demonetisation meaning in hindi|डिमोनेटाइजेशन किस प्रकार काम करता है

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Demonetisation meaning in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं जिसके तहत किसी देश की सरकार अपने देश की किसी मुद्रा (नोट) को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कर देती है.

विमुद्रीकरण क्या है? (What is Demonetisation in hindi)- 

संक्षिप्त तौर पर हम यह कह सकते हैं कि “विमुद्रीकरण (Demonetisation) वह प्रक्रिया होती है, जिसके तहत किसी देश की सरकार अपने देश की किसी मुद्रा (नोट) को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कर देती है. 

प्रतिबंध के पश्चात् उस मुद्रा की कोई कीमत बिल्कुल भी नही रह जाती. उस मुद्रा से किसी प्रकार की खरीद-बिक्री, लेन-देन एवं उसे संचित करना भी अपराध माना जाता है. मुद्रा पर प्रतिबंध के पश्चात् सरकार एक समय सीमा निश्चित करती है, जिसके अंदर लोग प्रतिबंधित किए गए नोटों को बैंकों में बदलकर उसके बदले उतने ही मूल्य के अन्य वर्ग के प्रचलित नोट या फिर नए जारी किए गए नोट ले सकते हैं. यदि निश्चित समय सीमा के अंदर जिस प्रतिबंधित मुद्रा को बदला नहीं जाता है या फिर उसे बैंक में जमा नहीं किया जाता है तो वे सभी नोट कागज़ के टुकड़े या फिर रद्दी हो जाते हैं.”

या फिर जब किसी देश की सरकार किसी पुरानी मुद्रा को कानूनी तौर पर उसे पूर्णतया बंद कर देती है तो इसे विमुद्रीकरण (डीमोनेटाइजेशन) ही कहते हैं। विमुद्रीकरण के पश्चात् उस मुद्रा की कुछ कीमत बिल्कुल भी नहीं रह जाती। उससे किसी तरह की खरीद-फरोख्त कदापि नहीं की जा सकती। सरकार के द्वारा बंद किए गए नोटों को बैंकों में बदलकर उनके स्थान पर नए नोट लेने के लिए समयसीमा निश्चित कर देती है। उस दौरान जिसने अपने नोट बैंकों में जाकर नहीं बदले या फिर जमा नहीं किए तो उनके नोट कागज का टुकड़ा बनकर रह जाते हैं।

विमुद्रीकरण की ज़रूरत – 

सबसे पहले सभी के ज़हन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर किसी भी देश को नोट-बंदी या विमुद्रीकरण की ज़रूरत क्यों पड़ती है?

(i) नोट-बंदी या विमुद्रीकरण की ज़रूरत किसी भी देश को तब पड़ती है जब देश में काले धन की जमाखोरी एवं जाली नोटों के कारोबार में कुछ ज्यादा होने लगती है। ऐसे में लोग टैक्स की चोरी करने के लिए नगद लेन देन अधिक करने लगे जिनमें अधिकतर बड़े नोट शामिल थे।

(ii) सन 2016 में नोट बंदी से पहले बहुत से जाली नोट भी पाए गए थे जो कि हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत ही खराब एवं नष्ट भी कर रहे थे। देश की अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित रखने के लिए भी नोट-बंदी की ज़रूरत पड़ी है।

(iii) ध्यान रहे कि भ्रष्टाचार, काला-धन, नकली नोट, महँगाई एवं आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए ही नोट-बंदी का इस्तेमाल अवश्य किया जा सकता है।

(iv) अर्थशास्त्री यह मानते हैं कि सुरक्षा के लिहाज से हर 5 सालों में नोटों में कुछ बदलाव किए जाने चाहिए, हालांकि नोटों को बंद ही कर देना अपने आप में ही एक बहुत बड़ा बदलाव आवश्यक है।

(v) दरअसल जाली नोटों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि बैंक एवं एटीएम से भी जाली नोट निकलने के सामाचार मिल रहे थे। जांच करने के पश्चात् यह पाया गया कि ये जाली नोट बिल्कुल असली जैसे थे। इसके चलते भी यह कदम उठाया जाना बहुत ही अनिवार्य हो गया था।

विमुद्रीकरण के लाभ – 

सरकार के द्वारा किए गए इस निर्णय ने देश को कमजोर कर रहें सभी कारणों पर करारा प्रहार किया। नोट-बंदी के समय लोगों को थोड़ी बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा परन्तु इसके बहुत से लाभ भी हुए हैं –

  • बैंको में नकद होने के कारण से ब्याज दरों में भी गिरावट अधिक हुई है।
  • बैंको में पैसे होने के कारण से लोगो को बड़े पैमाने पर उधार भी दिया जाता है ताकि वो उघोग लगा सके इस तरह से रोजगार में भी काफी वृद्धि हुई है।
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण के कारण से आम लोगों को आर्थिक कर एवं उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी हुआ है और यह बहुत बड़ी बात है।
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण के कारण से नकली नोट छापने का काम भी पूरी तरह बंद हो गया है जिसके कारण से देश से नकली नोटों को बहुत बड़ी मात्रा में निकाल दिया गया है।

विमुद्रीकरण की हानियाँ – 

आपको यह बता दूँ कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। यदि नोट-बंदी के लाभ नज़र आते हैं तो उसकी कुछ हानियाँ भी उसके साथ-साथ चलती नजर आई हैं। परन्तु हानियाँ कुछ दिनों की थी एवं लाभ लंबे समय तक चलने वाले है। नोट-बंदी से हुई निम्नलिखित हानियाँ इस प्रकार से हैं –

  • स्थानीय पैसा न होने के कारण से सबसे अधिक नुकसान पर्यटन स्थलों को हुआ । बहुत से लोगों ने अपने भारत दौरे को भी रद्द किया गया तथा काम में बहुत मंदी आई।
  • लोग शादियाँ भी उतनी धूमधाम से नहीं कर पाए जितना उन्होनें अधिक सोचा था।
  • दरअसल आम आदमियों की रोजमर्रा की जिंदगी में तकलीफ हुई है। बैंकों एवं एटीएम के सामने घंटों लाईनों में खड़े रहना, अस्पताल का बिल, बिजली का बिल, किराये की परेशानी, एवं बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

विमुद्रीकरण के परिणाम – 

(i) बता दें कि जो काला धन भ्रष्टाचारी लोगों ने 500 एवं 1000 रूपए के नोटों के रूप में नकद रखा था इस समय में वे एक कागज मात्र बन कर रह गया है।

(ii) दरअसल काले धन की कोई भी कीमत नहीं रह गई है। नोट-बंदी के कारण भ्रष्टाचारियों को अपना छिपाया हुआ काला धन सरकार को पूरी तरह से समर्पित करना पड़ा।

(iii) कई लोगों ने काले धन को खूब अच्छी तरह से जला दिया गया एवं कइयों ने तो इसे फेंक ही दिया।

(iv) जो नोट जाली थे वे बाजार में किसी भी काम के बिल्कुल भी नहीं रहे थे। जिस कारण देश को होने वाला नुकसान बहुत ही कम हो गया।

(v) विमुद्रीकरण के कारण से सरकारी कोष में बहुत सा धन एकत्रित हुआ है जिसे जन – कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

डिमोनेटाइजेशन किस प्रकार काम करता है –

दरअसल यह बता दें कि डिमोनेटाइजेशन का इस्तेमाल करेंसी की वैल्यू को स्थिर करने एवं महंगाई दर का मुकाबला करने के लिए ही किया जाता है। सन 1873 के क्वायनेज एक्ट ने अमेरिका में विध्वंसक महंगाई दर पर अंकुश लगाने के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड को पूर्ण रूप से अपनाते हुए चांदी को लीगल टेंडर के रूप में डिमोनेटाइज अवश्य कर दिया गया क्योकि पश्चिमी अमेरिका में बड़ी मात्रा में नई चांदी के भंडार भी मिले। अर्थव्यवस्था से मनी सप्लाई के सिकुड़ जाने से देश भर में काफी मंदी भी छा गई। मंदी से निजात पाने एवं किसानों एवं चांदी माइनर तथा रिफाइनरों के राजनीतिक दबाव में सन 1878 में चांदी का पुनर्मुद्रीकरण भी कर दिया गया।

भारत में डिमोनेटाइजेशन का उदाहरण – 

बता दें कि डिमोनेटाइजेशन का इस्तेमाल भारत में भी किया गया। इसका उद्देश्य नकदी पर निर्भर देश को आधुनिक बनाने एवं भ्रष्टाचार तथा सन अपराध (नकली नोट बनाने, कर चोरी करने) पर लगाम लगाना था। 2016 में, भारत सरकार ने करेंसी सिस्टम के दो सबसे बड़े डिनोमिनेशन 500 एवं 1000 रुपये के नोटों को विमुद्रित करने का निर्णय अवश्य किया मतलब 500 एवं 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए गए। इससे थोड़े समय के लिए बहुत ही अराजक स्थिति पैदा हो गई एवं खासकर, छोटे व्यापारियों एवं परिवारों को बहुत ही अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें. धन्यवाद.